न्यूज बेस्ड ट्रेडिंग: यह स्ट्रैटेजी न्यूज ईवेंट्स से बढ़ी हुई अस्थिरता से ट्रेडिंग अवसरों को सीज करती है।
Day Trading- डे ट्रेडिंग
डे ट्रेडिंग
डे ट्रेडिंग (Day Trading) आमतौर पर एक ट्रेडिंग दिन के अंदर सिक्योरिटी को खरीदने या बेचने की प्रणाली है। यह किसी भी मार्केटप्लेस में ट्रेडिंग रणनीतियाँ क्या कर रहे हैं ज्यादातर इस्तेमाल किया हो सकती है लेकिन यह फॉरने एक्सचेंज और स्टॉक मार्केट्स में ज्यादा आम है। किसी एसेट के लिए मूल्य परिवर्तन से मुनाफा प्राप्त करने की इंट्राडे स्ट्रैटेजी क्रियान्वित करने वाले एक्टिव ट्रेडर्स, डे ट्रेडर्स कहलाते हैं। डे ट्रेडर्स लेवरेज और शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग रणनीतियों के उच्च अमाउंट का इस्तेमाल करते हैं ताकि बेहद ज्यादा लिक्विड स्टॉक्स या करेंसीज में अस्तित्व में आने वाले स्मॉल प्राइस मूवमेंट्स को भुनाया जा सके। डे ट्रेडिंग हर किसी के लिए नहीं है। इसमें कुछ जोखिम रहते हैं। डे ट्रेडिंग के लिए इस बात की गहरी समझ की जरूरत होती है ट्रेडिंग रणनीतियाँ क्या कर रहे हैं ज्यादातर इस्तेमाल किया कि बाजार कैसे काम करते हैं। साथ ही शॉर्ट टर्म में मुनाफे के लिए विभिन्न रणनीतियों की समझ होना भी जरूरी है।
१. बाज़ार के दिशा में ही ट्रेड करे
समय की अवधी बहुत ही महत्वपूर्ण किरदार अदा करती बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए। मान लीजिये यदि आप लम्बे समय के निवेश का सोच रहे हो तो आपको लम्बी अवधी की चार्ट में विश्लेषण करने की जरुरत है जैसे की मासिक चार्ट।
वही दूसरी ओर यदि आप छोटे अवधी में ट्रेडिंग या निवेश का सोच रहे हो तो छोटी अवधी के चार्ट का विश्लेषण करे। इसलिए ट्रेंड को पहचानने के पहले आप अपने ट्रेडिंग की शैली को परखे की आपको इंट्राडे, स्विंग या पोसिशनल सौदे करने है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण stock trading strategies का हिस्सा है|
२. कम जोखिम वाले एंट्री को पहचाने अनुकूल रिस्क रिवॉर्ड के परिस्तिथि को देखते हुए
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलु है जोखिम प्रबंधन (रिस्क मैनेजमेंट) की और यदि आपको बाजार में बने रहना हो तो रिस्क रिवॉर्ड के बिच अच्छे संतुलन बनाये रखने की आवशयता है पुरे अनुशासन के साथ। इससे यह फायदा होगा की यदि आपके कुछ ट्रेड्स में नुकसान होता है तो आपके बाकी फायदे वाले ट्रेड्स उसको ढकने में सक्षम होंगे। उदहारण के तौर पर मन लीजिये आप यदि १:२ रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो में काम कर रहे है, तो यदि आपके ४ ट्रेड में नुकसान हो जाये, तो भी आप ८ रुपये कमाकर घर ही जायेंगे।
विभिन्न इंडीकेटर्स के माध्यम से एक ट्रेडिंग मेथोडोलॉजी को तैयार करे और उसे बैक टेस्ट करे किसी एल्गो या केवल अपनी आँखों से एक लम्बे समय के लिए।
शेयर बाजार में कुछ भी सही या गलत नहीं होता, बल्कि आपको ट्रायल एंड एरर करते रहना होगा जिससे आप नए ट्रेडिंग मेथोडोलोग्य बनाये और जो आपके स्टाइल को सूट करे और उसे अपने ट्रेडिंग में इस्तेमाल करने में सफल हो।
४. एक बार ट्रेडिंग सेटअप बनाने के पश्चात, उसका पालन करे
ट्रेडिंग सेटअप बनने के बाद उसे एकदम निष्ठा से पालन करे और ३-४ असफलता के कारण हिम्मत न हारे। आपको अपने बनाये ट्रेडिंग सेटअप पर भरोसा होने अति आवशयक है और हार मैंने के वजाये आपको विश्लेषण करना चाहिए की कहा आखिर आप गलत जा रहे हो और उसे सुधरने का प्रयास करे।
ट्रेडिंग की 10 महत्वपूर्ण रणनीतियों (stock trading strategies) के बारे में और जानने के लिए नीचे वीडियो देखें;
५. अपनी ट्रेड्स की समीक्षा करने के लिए एक ट्रेडिंग जर्नल बनाये
आपकी ट्रेड्स का विश्लेषण करने के लिए, ट्रेडिंग जर्नल एक अहम भूमिका निभाती है। इससे आप अपनी ऑनलाइन ट्रेडिंग रहस्य का विश्लेषण कर सकते है कि कहा आप गलती कर रहे है ताकि अगली बार वह गलती ना दोहराये।
यदि आपको बाज़ार में बने रहना है, तो १-२ प्रतिशत नुकशान से ज्यादा ना खोये एक ट्रेड में। यदि आपके ट्रेडिंग सेटअप में सफलता की दर ६०-७० प्रतिशत है, तो भी यह कोई बड़ी बात नहीं है की ८-९ लूसिंग ट्रेड नहीं होगी।
शेयर बाजार में चाहते हैं पैसा कमाना तो इन 5 पसंदीदा ट्रेडिंग रणनीतियों के बारे में आपको होगा जानना
ट्रेडर्स चाहें तो हर प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत को समझकर ट्रेडिंग में रणनीतियों के संयोजन का उपयोग भी कर सकते हैं
ट्रेडिंग का मतलब सिक्टोरिटीज को खरीदना और बेचना होता है। ट्रेडिंग भी कई प्रकार की होती हैं। एक दिन से लेकर सालों के लंबे अंतराल के लिए भी ट्रेडिंग की जाती है। इसके साथ ही अलग-अलग बाजारों के माहौल और वहां मौजूद जोखिम से जुड़ी विभिन्न ट्रेडिंग रणनीतियां (trading strategies) शेयरों में कारोबार करने के समय अपनाई जाती हैं।
यहां पर हम कुछ ट्रेडिंग रणनीतियों पर चर्चा कर रहे हैं जो बाकी रणनीतियों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। ये रणनीतियां निवेशकों को तर्कसंगत निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकती हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
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इंट्राडे ट्रेडिंग जिसे डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है। ये ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें निवेशक एक ही दिन में शेयरों को खरीदते और बेचते हैं। वे शेयर बाजार के बंद होने के समय से पहले ट्रेडिंग बंद कर देते हैं। एक ही दिन में वे मुनाफा और घाटा बुक करते हैं।
निवेशक इन शेयरों में एक दिन में कुछ सेकंड, घंटे के लिए या इसमें दिन भर में कई बार ट्रेड ले सकते हैं। इसलिए इंट्राडे एक अत्यधिक वोलाटाइल ट्रेडिंग रणनीति मानी जाती और इसके लिए तेजी से निर्णय लेना होता है।
Option Trading Strategies
विकल्प रणनीतियाँ सभी देशों में पूरी तरह से मुफ़्त ऐप है। फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत मुश्किल काम है। यह ऐप आपको फ्यूचर्स और ऑप्शन का ज्ञान देता है। यह आपको इंट्राडे ट्रेडिंग (डे ट्रेडिंग) या पोजिशनल ट्रेडिंग के लिए F&O में ट्रेडिंग रणनीतियां सीखने के लिए उदाहरणों के साथ शिक्षा देता है।
शुरुआती लोगों के लिए विकल्प ट्रेडिंग एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। और जब विकल्प अस्थिरता और मूल्य निर्धारण कार्रवाई की गणना करना कठिन होता है, तो विकल्प बेचने की रणनीतियों को खोजना काफी कठिन ट्रेडिंग रणनीतियाँ क्या कर रहे हैं ज्यादातर इस्तेमाल किया होता है। इस वित्तीय शैक्षिक एपीपी द्वारा आप अपने विकल्प कौशल को बढ़ा सकते हैं और एक विशेषज्ञ विकल्प व्यापारी बन सकते हैं।
Options Trading: ट्रेडिंग रणनीतियाँ क्या कर रहे हैं ज्यादातर इस्तेमाल किया क्या होती है ऑप्शंस ट्रेडिंग? कैसे कमाते हैं इससे मुनाफा और क्या ट्रेडिंग रणनीतियाँ क्या कर रहे हैं ज्यादातर इस्तेमाल किया हो आपकी रणनीति
By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 18 Oct 2022 ट्रेडिंग रणनीतियाँ क्या कर रहे हैं ज्यादातर इस्तेमाल किया 03:40 PM (IST)
ऑप्शंस ट्रेडिंग ( Image Source : Getty )
डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) भारतीय बाजार के दैनिक कारोबार में 97% से अधिक का योगदान देता है, जिसमें ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है. निवेशकों के बीच बाजार की जागरूकता बढ़ने के साथ, ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में रिटेल भागीदारी में उछाल आया है. इसकी मुख्य वजह उच्च संभावित रिटर्न और कम मार्जिन की आवश्यकता है. हालांकि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में उच्च जोखिम शामिल है.
क्या है ऑप्शंस ट्रेडिंग?
Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्शंस (Call Options) खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्तेमाल किया जाता है स्ट्राइक रेट (Strike Rate). यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्स को भविष्य में जाता हुआ देखते हैं.
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