कार्यक्रम के अगले चरण में कॉलेज द्वारा प्रकाशित पत्रिकाओं – यमुना, बिज़नस एनालिसिस , स्ट्राइड आदि का लोकार्पण मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया | इसी क्रम में कॉलेज में 25 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके प्राध्यापकों को सम्मानित किया गया और लगभग 100 मेधावी विद्यार्थियों को मैडल और प्रमाणपत्र देकर अलंकृत किया गया | समारोह के अंत में विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया वही रीना चड्ढा ने सभी अतिथियों व समारोह में उपस्थित महानुभव का धन्यवाद किया l

Anniversary of Shri Ram College of Commerce 1

श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स का वार्षिकोत्सव परिस्थिति नहीं, मनोस्थिति महत्त्वपूर्ण : राजीव कुमार

Anniversary of Shri Ram College of Commerce

नई दिल्ली – (राजेश जिज्ञासु) – “ज़िंदगी में हमारी सोच ही सब कुछ है | जीवन में परिस्थिति नहीं, हमारी मनोस्थिति अधिक महत्त्वपूर्ण है | ” ये शब्द भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के 95वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कॉलेज के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहे |

इस समारोह का प्रारंभ श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के नवीकृत सभागार के उद्घाटन एवं नामकरण – ‘श्रीधर श्री राम सभागार’ के साथ हुआ | इसके बाद कॉलेज में आयोजित इस वार्षिकोत्सव में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित करने के पश्चात् लाला श्री राम जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए और सरस्वती वंदना की गई | तत्पश्चात् प्राचार्या प्रो. सिमरित कौर ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कॉलेज की वर्ष भर की गतिविधियों और उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण दिया |

विद्या संबल योजना: कॉमर्स गेस्ट फैकल्टी की योग्यता को लेकर असमंजस, अब तक एक भी पोस्टिंग नहीं हुई

विद्यासंबल योजना के तहत प्रदेश के कॉलेजों में प्रोफेसर्स, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में गेस्ट फैकल्टी को लिया जा रहा है, लेकिन कॉमर्स गेस्ट फैकल्टी की एक भी भर्ती नहीं निकली। कॉमर्स कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी की योग्यता को लेकर असमंजस है।

सरकार ने भी स्पष्ट गाइड लाइन नहीं दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब राज्य के अधिकांश कॉमर्स कॉलेजों ने कॉलेज आयुक्तालय से मार्गदर्शन मांगा है। ये मार्गदर्शन मिलने के बाद ही कॉमर्स गेस्ट फैकल्टी की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के आसार हैं।

महाविद्यालयों की परेशानी यह है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में विद्या संबल योजना बिना किसी स्पष्ट गाइडलाइन के जारी कर दी है। खास तौर से राज्य के वाणिज्य महाविद्यालयों को आयुक्तालय ने स्पष्ट नहीं किया है कि एमकॉम की डिग्री मान्य है या एमबीए की या फिर वाणिज्य में स्नातक ना कॉमर्स की परिस्थितियां होने पर क्या एमकॉम मान्य हैै?

श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स का वार्षिकोत्सव परिस्थिति नहीं, मनोस्थिति महत्त्वपूर्ण : राजीव कुमार

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नई दिल्ली – (राजेश जिज्ञासु) – “ज़िंदगी में हमारी सोच ही सब कुछ है | जीवन में परिस्थिति नहीं, हमारी मनोस्थिति अधिक महत्त्वपूर्ण है | ” ये शब्द भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के 95वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कॉलेज के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहे |

इस समारोह का प्रारंभ श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के नवीकृत सभागार के उद्घाटन एवं नामकरण – ‘श्रीधर श्री राम सभागार’ के साथ हुआ | इसके बाद कॉलेज में आयोजित इस वार्षिकोत्सव में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित करने के पश्चात् लाला श्री राम जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए और सरस्वती वंदना की गई | तत्पश्चात् प्राचार्या प्रो. सिमरित कौर ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कॉलेज की वर्ष भर की गतिविधियों और उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण दिया |

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'. तो चीन के होश ठिकाने आ जाएंगे', ट्रेडर्स संघ ने पीयूष गोयल को दिया ये सुझाव

चीन के प्रोडक्ट्स के बहिष्कार के लिए सुझाव.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2022,
  • (अपडेटेड 18 दिसंबर 2022, 12:18 PM IST)

चीन (China) के साथ सीमा विवाद के बीच, चैंबर ऑफ ट्रेड एंड कॉमर्स की परिस्थितियां इंडस्ट्री (CTI) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री (Commerce Minister) पीयूष गोयल (Piyush Goyal) को पत्र लिखकर माल के आयात और ई-कॉमर्स नीति में बदलाव का आग्रह किया है. व्यापारियों के संगठन ने प्रत्येक वस्तु पर 'मूल देश' का नाम लिखना अनिवार्य करने को कहा है. उनका कहना है कि इस कदम से उपभोक्ताओं को इस बात का पता चल पाएगा कि ये प्रोडक्ट चीन से आया है. इससे उसका बहिष्कार किया जा सकेगा. भारत-चीन के बीच तवांग बॉर्डर पर गतिरोध के बीच दिल्ली के व्यापारियों ने चीनी प्रोडक्ट (China Products) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी दौरान CTI ने वाणिज्य मंत्री को पत्र कॉमर्स की परिस्थितियां लिखा है.

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आयात नीति में बदलाव का आग्रह

उन्होंने कहा कि जब लोग चीन के उत्पादों को खरीदना नहीं चाहते हैं, तब भी वे उन्हें खरीदते हैं क्योंकि उन पर 'मूल देश' की जानकारी नहीं लिखी होती है. अगर इस बात को प्रोडक्ट पर लिख दिया जाए तो इसका बहिष्कार किया जा सकता है. इसलिए CTI ने केंद्र सरकार से इस तरह की नीति पर काम करने और अपनी ई-कॉमर्स और आयात नीति में बदलाव करने का अनुरोध किया है.

'होश ठिकाने आ जाएंगे'

बृजेश गोयल ने आगे कहा कि चीन भारतीय बाजारों से पैसा कमाता है और भारत के खिलाफ ही इसका दुरुपयोग कर रहा है. हमें चीन की आर्थिक कमर तोड़नी है. उन्होंने कहा कि अगर भारतीय कारोबारी और उपभोक्ता चीनी सामान का बहिष्कार करते हैं तो चीन के होश ठिकाने आ जाएंगे.

दोनों देशों के बीच व्यापार

रिपोर्ट के अनुसार, इस साल के पहले 9 महीनों में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 103.63 अरब डॉलर को पार कर गया. वहीं, घरेलू व्यापार घाटा बढ़कर 75.69 अरब डॉलर से अधिक हो गया. इस अवधि के दौरान चीन से भारत का निर्यात 89.66 बिलियन डॉलर रहा. इस दौरान कॉमर्स की परिस्थितियां भारत से चीन को निर्यात केवल 13.97 अरब डॉलर का था, जिसमें 36.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.

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