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यह बिना किसी सुरक्षा राशि के ओवरड्राफ्ट सुविधा देता है। एक अलग चालू खाते में इसकी लिमिट सेट कर दी जाती है जो लोन की अवधि तक मासिक तौर पर मिलती रहती है। उपयोग की गई राशि पर ही ब्याज का भुगतान करें।
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ग्राहक की प्राकृतिक / आकस्मिक मृत्यु होने पर , ग्राहक / मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है? नॉमिनी पेमेंट प्रोटेक्शन बीमा ले सकता है, लोन की बकाया राशि पर कुल लोन राशि तक का बीमा हो सकता है
* बीमाकर्ताओं के नियम और शर्तें लागू होंगी। उपरोक्त उत्पाद HDFC Life मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है? Ins Co. Ltd. द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
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हमारे बिज़नेस ग्रोथ लोन के साथ आप अपने प्रतिस्पर्धियों से हमेशा आगे रहें। बिना किसी परेशानी के अपने बिजनेस को आगे बढ़ाएं और इसे HDFC बैंक की अतिरिक्त फाइनेंशियल मदद से नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। हम हर कदम पर आपके साथ हैं क्योंकि हमें आप पर भरोसा है। हम आपके बिजनेस से जुड़ी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए उचित ब्याज दरों, फ्लेक्सिबल अवधि और न्यूनतम दस्तावेज पर बिज़नेस ग्रोथ लोन देते हैं। बिज़नेस ग्रोथ लोन का एक खास फीचर है ओवरड्राफ्ट की सुविधा, यानी आप केवल इस्तेमाल की गई लोन राशि पर ही ब्याज का भुगतान करें, क्रेडिट प्रोटेक्शन प्लान के साथ। ग्राहक की बदलती जरूरतों और नई तकनीकों के हिसाब से अपने बिजनेस में जरूरी बदलाव करने हों या उसे और बढ़ाना हो, आप जो चाहें, बिज़नेस ग्रोथ लोन की मदद से कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बिज़नेस लोन संबंधी पूछे जाने वाले प्रश्न
1. बिज़नेस लोन क्या होता है?
एक बिज़नेस लोन आपके बिज़नस को बढ़ाने के लिए होने वाले कई खर्चों को कवर करने के लिए क्यूरेट किया जाता है। HDFC बैंक बिजनेस ग्रोथ लोन आपको एक निर्धारित लोन राशि प्रदान करता है, इसके लिए कोई भी संपत्ति, गिरवी रखने की जरूरत नहीं है।
2. बिजनेस लोन स्टेटस कैसे चेक करें?
HDFC बैंक में हम आपको अपनी उंगलियों पर ये सुविधा प्रदान करते हैं।
अपने बिज़नेस लोन स्टेटस की जांच करने के लिए यहां क्लिक करें।
आपको बस अपना नाम या रिफरेन्स नंबर, जन्म तिथि या मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। क्लिक कर सबमिट करें और आपके लोन स्टेटस की डिटेल्स आपकी स्क्रीन पर दिख जाएंगी।
3. बिजनेस लोन के क्या लाभ हैं?
बिजनेस लोन के लाभ निम्नलिखित ये हैं :
- ओवरड्राफ्ट सुविधा यानी मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है? केवल इस्तेमाल की गई राशि पर ब्याज का भुगतान करें।
- आसानी से लोन बैलेंस ट्रांसफर करें।
- लोन राशि के इस्तेमाल करने पर ही ब्याज राशि का भुगतान।
- फ्लेक्सिबल टेन्योर विकल्प
- कम से कम दस्तावेज।
- अतिरिक्त धन के लिए मौजूदा बिजनेस लोन पर टॉप-अप।
- क्रेडिट प्रोटेक्शन पॉलिसी।
4. एक बिजनेस लोन कैसे काम करता है?
HDFC बैंक बिजनेस ग्रोथ लोन के साथ आप 50 लाख रु तक के फंड्स का लाभ उठा सकते हैं। आप कुछ आसान स्टेप्स में अपनी योग्यता की जांच कर सकते हैं। आप चाहें तो इसे ऑनलाइन या अपने नजदीकी HDFC बैंक ब्रांच में जाकर कर सकते हैं। कम से कम डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत है, और अप्लाई करने तथा लोन डिसबर्सल की प्रक्रिया आसान और तेज़ है।
5. बिजनेस लोन के लिए अप्लाई कैसे करें?
आप हमारे असिसटेंस पोर्टल पर इनमें से किसी एक तरीके से बिजनेस ग्रोथ लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं:
बजट में टैक्स की वो 6 अहम बातें जिन्हें जेटली ने बताया ही नहीं
बजटों में अक्सर वह नहीं होता जो वित्त मंत्री पढते हैं बल्कि असली बजट आंकडों और प्रावधानों के बीच छिपा होता है. टैक्स से जुड़ी इन 6 बातों को वित्त मंत्री ने भले अपने भाषण में शामिल नहीं किया लेकिन इन्हें जानना बेहद जरूरी है.
राहुल मिश्र
- नई दिल्ली,
- 01 फरवरी 2017,
- (अपडेटेड 02 फरवरी 2017, 7:43 AM IST)
बजटों में अक्सर वह नहीं होता जो वित्त मंत्री पढते हैं बल्कि असली बजट आंकडों और प्रावधानों के बीच छिपा होता है.
जेटली का यह बजट इस पैमाने पर पिछले कई बजटो में सबसे खास है.
अब जानिये वह जो वित्त मंत्री ने आपको नहीं बताया
किराये पर कटेगा टीडीएस
1. अगर आप 50,000 रुपये से अधिक का किराया देते हैं तो पांच फीसदी का आयकर काट (टीडीएस) कर किराया देना होगा. इस तरह के भुगतान आम लोगों को करने होंगे इसलिए उन्हें टैन (टीडीएस आइडेंटिफिकेशन) नंबर लेने की जरुरत नहीं होगी और उन्हें यह टीडीएस पूरे साल के किराये पर एक बार काटना होगा. मकान मालिक को इस टीडीएस का लाभ अपनी आय में मिल जाएगा.
तीन लाख रुपये अधिक दैनिक भुगतान पर भारी पेनाल्टी
2. तीन लाख से ऊपर के नकद भुगतानों पर पाबंदी लगाने का प्रावधान आ गया है. वित्त विधेयक के अनुसार सीमा एक व्यक्ति पर एक दिन में कुल तीन लाख रुपये से अधिक के भुगतान नहीं कर सके. एक भुगतान तीन लाख रुपये से अधिक का नहीं होगा और किसी एक मद में तीन लाख रुपये से अधिक का भुगतान नहीं हो सकेगा.
यह नियम बैंकों, पोस्ट ऑफिस, कोऑपरेटिव और अन्य निर्धारित संस्थाओं व एजेंसियों पर लागू नहीं होगा. आयकर कानून में जोड़ी जा रही नई धारा (271 डीए) के तरह नियम तोड़ने वाले भुगतान की निर्धारित सीमा से अधिक राशि के बराबर का जुर्माना लगेगा. हालांकि उन लोगों को जुर्माना नहीं देना होगा जो इस नियम को तोड़ने का उचित कारण सबित कर सकेंगे.
अर्थात जुर्माना तय करने का अधिकार इनकम टैक्स के ज्वा्इंट कमिश्नर के हाथ में होगा जो कि इंस्पेक्टर राज है.
रिटर्न भरने में देरी तो जुर्माना
3. अगले साल से रिटर्न समय पर भरियेगा या फिर 10,000 तक रुपये का जुर्माना भरने को तैयार रहियेगा. आयकर कानून में नई धार (23एफ) के तहत अगर
- रिटर्न भरने के आखिरी तारीख निकलने के बाद 31 दिन तक रिटर्न भरने पर जुर्माना होगा 5000 रुपये
- और इसके बाद 10,000 रुपये का जुर्माना
यह प्रावधान अगले साल एक अप्रैल 2018 से लागू होंगे और 2018-19 के एसेसमेंट इयर में प्रभावी होंगे.
कारोबारी कैश पर सख्ती
4- नकद में कारोबार करने पर कारोबारियों को मिलने वाली आयकर रियायतें कम हो जाएंगी. यदि कोई कारोबार जमीन या वित्तीय उपकरण (कैपिटल एक्सपेंडीचर)आदि खरीदने के लिए एक दिन में 10,000 रुपये से ज्यापदा भुगतान करता है तो उसे निर्धारित आयकर छूट नहीं मिलेगी जो डेप्रीशियेशन के नियमों के तहत मिलती है. ठीक इसी तरह खर्च के बदले लाभ पर आयकर छूट का प्रावधान भी सख्त किया गया है. 20,000 रुपये से अधिक के नकद भुगतान पर कर रियायत नहीं मिलेगी.
पैन को लेकर और सख्ती
5- अब सभी तरह के भुगतान जिन पर टीडीएस लगता है उनके लिए पैन अनिवार्य हो गया है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो दोगुना टीडीएस वसूला जाएगा.
अकाउंटेंट पर सख्ती
6. गलत सूचना देने पर अकाउंटेंड, मर्चेंट बैंकर और कॉस्ट अकाउंटेंट को देनी होगी पेनाल्टी
कोई भी बिजनेस लोन लेने से पहले पूछें ये 7 जरूरी सवाल
बैंक से लोन लेने के लिए क्रेडिट स्कोर उतना ही जरूरी है, जितना चाय बनाने के लिए चायपत्ती. बाकी सारी अर्हताएं पूरी होने के बाद भी खराब क्रेडिट स्कोर आपका काम बिगाड़ सकता है.
यदि आप कोई नया बिजनेस शुरू करने की योजना बना रहे हैं और उसके लिए छोटी या बड़ी अवधि का लोन लेना चाहते हैं तो आपके जेहन में 7 बुनियादी सवाल जरूर आते होंगे. जैसेकि कितना लोन मिल सकता है, कहां से मिल सकता है, लोन लेने की अर्हताएं क्या हैं, कितन स्थितियों में बैंक लोन देने से इनकार कर सकते हैं. आइए हम बताते हैं आपको कौन से हैं वो 7 जरूरी सवाल और उनके जवाब.
सवाल- लोन लेने के लिए क्रेडिट स्कोर का कितना महत्व है? नया बिजनेस शुरू करने के लिए यदि इंस्टेंट बिजनेस लोन (Instant Business Loan) लेना हो तो कम से कम कितना क्रेडिट स्कोर होना चाहिए?
उत्तर- किसी भी बैंक या फायनेंशियल इंस्टीट्यूशन से लोन लेने के लिए कम से कम 700 क्रेडिट स्कोर होना जरूरी है. 750 और उससे ऊपर का क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है. क्रेडिट स्कोर जितना ज्यादा होता है, आसानी से लोन मिलने की संभावना उतनी बढ़ जाती है.
सवाल- बिज़नेस लोन (Business Loan) को चुकाने के लिए कितना समय मिलता है यानि भुगतान की अवधि कितनी होती है?
उत्तर- बिजनेस लोन के भुगतान की कोई निश्चित अवधि नहीं होती. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितना बड़ा और कितने समय का लोन ले रहे हैं. यदि आप शॉर्ट टर्म लोन ले रहे हैं तो भुगतान की अवधि 12 से 14 महीने तक हो सकती है. यदि आप चाहें तो ईएमआई ज्यादा रखकर छह से आठ महीने में भी लोन चुका सकते हैं. वहीं यदि लोन की राशि ज्यादा है तो भुगतान की अवधि पांच साल तक की हो सकती है.
सवाल- बिजनेस लोन लेने के लिए न्यूनतम आयु सीमा कितनी है?
उत्तर- बिजनेस लोन लेने की आयु सीमा भी वही है, जो वोट देने की है. हालांकि ऑनलाइन कुछ स्रोतों पर यह गलत जानकारी दी गई है कि लोन लेने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है. भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति बिजनेस लोन लेने के लिए आवेदन कर सकता है.
सवाल- अगर आप पहले से कोई बिजनेस चला रहे हैं और उसे बढ़ाने के लिए लोन लेना चाहते हैं तो क्या मौजूदा बिजनेस कोई न्यूनतम टर्नओवर होना जरूरी है ?
उत्तर- जी हां, न्यूयतम टर्नओवर होना जरूरी है, लेकिन यह नियम सभी बैंकों का अलग-अलग है. आमतौर पर यदि आपके बिजनेस का सालाना टर्नओवर 10 लाख से ऊपर है तो आप बिजनेस लोन के लिए आवेदन दे सकते हैं. लेकिन 10 लाख टर्नओवर के साथ-साथ सालाना न्यूनतम आय दो लाख रु. होना जरूरी है. साथ ही यह भी अनिवार्य है कि बिजनेस पिछले दो सालों से प्रॉफिट में हो. यदि बिजनेस घाटे में चल रहा है तो लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है.
सवाल- किसी नए बिजनेस के लिए लोन लेने जाएं तो उस पर GST का क्या असर होता है?
उत्तर- जो व्यवसाय GST के दायरे में आते हैं, उन पर बिजनेस लोन मिलने में आसानी होती है. GST ज्यादा होने का अर्थ है ज्यादा मुनाफा. ऐसे बिजनेस पर बैंक भी आसानी से भरोसा करते हैं.
सवाल- बिजनेस लोन की प्री-क्लोज़र और पार्ट-पेमेंट फीस कितनी होती है?
उत्तर- हर बैंक की प्री-क्लोज़र और पार्ट-पेमेंट फीस अलग-अलग होती है. यह इस पर निर्भर है कि आपने किस बैंक से लोन लिया है. कुछ बैंक इसके लिए कोई पैसा चार्ज नहीं करते. लेकिन आमतौर पर यह अमाउंट लोन अमाउंट का 4 से 5 प्रतिशत तक हो सकता है.
सवाल- क्या भारत सरकार की कोई लोन योजनाएं हैं?
उत्तर- भारत सरकार नए व्यवसायों को प्रेरित करने के लिए कुछ सरकारी लोन योजनाएं चलाती है. जैसेकि मुद्रा योजना, सिडबी लोन, CGTMSE, PMEGP, स्टैंड-अप इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, 59 मिनट में PSB लोन, NSIC और नाबार्ड इत्यादि. इसकी विस्तृत जानकारी आपको भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर मिल जाएगी.
Credit Card Bill का समय पर भुगतान नहीं करने पर हो सकती है ये दिक्कतें, जानिए
यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड भुगतान में देरी करते हैं तो आपसे विलंब शुल्क लिया जाएगा। आपके अगले बिलिंग डिटेल में देर या छूटे हुए भुगतानों का शुल्क भी शामिल होगा। यदि आपकी भुगतान अवधि 60 दिनों से अधिक हो जाती है तो आपकी ब्याज दर भी बढ़ जाएगी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्रेडिट कार्ड्स पास रहने पर लोग पहले से ज्यादा खर्च करने लगे हैं। कार्ड्स के जरिये पहले खरीदारी कर बाद में पेमेंट से भी लोगों को सुविधा है। कई बार पहले शॉपिंग और बाद में पेमेंट की वजह से लोग बिल का भुगतान करना भूल जाते हैं, और देरी से भुगतान पर ज्यादा ब्याज देना होता। एक बेहतर क्रेडिट हिस्ट्री के लिए बिल का समय पर भुगतान करना जरूरी है। अगर बिल का भुगतान टाइम से नहीं हो रहा तो इसके कुछ नुकसान हैं, जानिए.
लेट फीस: यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड भुगतान में देरी करते हैं, तो आपसे विलंब शुल्क लिया जाएगा। आपके अगले बिलिंग डिटेल में देर या छूटे हुए भुगतानों का शुल्क भी शामिल होगा। आपकी लेट फीस का शुल्क आपके क्रेडिट कार्ड लेट फीस पॉलिसी पर निर्भर करेगा या पिछले छह महीनों में पहली बार हुआ है। अगर आपका भुगतान हर महीने देर से होता है, तो आपसे विलंब शुल्क या न्यूनतम भुगतान से कम शुल्क लिया जाएगा।
ब्याज दर में वृद्धि: यदि आपकी भुगतान अवधि 60 दिनों से अधिक हो जाती है, तो आपकी ब्याज दर भी बढ़ जाएगी। आपको न केवल विलंब शुल्क देना होगा, बल्कि आपकी ब्याज दर भी बढ़ जाएगी, जो आपके क्रेडिट कार्ड पर उच्चतम ब्याज दर है। इसके अलावा, आपके क्रेडिट कार्ड की शर्तों के अनुसार, जुर्माना दर प्रभावी होने के बाद आप जो खरीदारी करते हैं, वह अभी भी उच्च दर हो सकती है।
क्रेडिट रिपोर्ट प्रभावित: देर से भुगतान आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को भी प्रभावित करता है। यदि आपका भुगतान 30 दिनों से अधिक देर से हो मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है? रहा है, तो क्रेडिट रिपोर्ट में यह जोड़ा जाता है। साथ ही, देर से भुगतान आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है और भविष्य में क्रेडिट लेने की आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है। देर से भुगतान के बाद आपका क्रेडिट स्कोर गिर जाता है। आपका भुगतान जितना लंबा होगा, आपका क्रेडिट स्कोर उतना ही गिरता जाएगा।
रिवॉर्ड नहीं मिलता: यदि आप देर से भुगतान करते हैं तो आपको रिवॉर्ड भी नहीं मिल पाता है।
कोई भी बिजनेस लोन लेने से पहले पूछें ये 7 जरूरी सवाल
बैंक से लोन लेने के लिए क्रेडिट स्कोर उतना ही जरूरी है, जितना चाय बनाने के लिए चायपत्ती. बाकी सारी अर्हताएं पूरी होने के बाद भी खराब क्रेडिट स्कोर आपका काम बिगाड़ सकता है.
यदि आप कोई नया बिजनेस शुरू करने की योजना बना रहे हैं और उसके लिए छोटी या बड़ी अवधि का लोन लेना चाहते हैं तो आपके जेहन में 7 बुनियादी सवाल जरूर आते होंगे. जैसेकि कितना लोन मिल सकता है, कहां से मिल सकता है, लोन लेने की अर्हताएं क्या हैं, कितन स्थितियों में बैंक लोन देने से इनकार कर सकते हैं. आइए हम बताते हैं आपको कौन से हैं वो 7 जरूरी सवाल और उनके जवाब.
सवाल- लोन लेने के लिए क्रेडिट स्कोर का कितना महत्व है? नया बिजनेस शुरू करने के लिए यदि इंस्टेंट बिजनेस लोन (Instant Business Loan) लेना हो तो मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है? कम से कम कितना क्रेडिट स्कोर होना चाहिए?
उत्तर- किसी भी बैंक या फायनेंशियल इंस्टीट्यूशन से लोन लेने के लिए कम से कम 700 क्रेडिट स्कोर होना जरूरी है. 750 और उससे ऊपर का क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है. क्रेडिट स्कोर जितना ज्यादा होता है, आसानी से लोन मिलने की संभावना उतनी बढ़ जाती है.
सवाल- बिज़नेस लोन (Business Loan) को चुकाने के लिए कितना समय मिलता है यानि भुगतान की अवधि कितनी होती है?
उत्तर- बिजनेस लोन के भुगतान की कोई निश्चित अवधि नहीं होती. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितना बड़ा और कितने समय का लोन ले रहे हैं. यदि आप शॉर्ट टर्म लोन ले रहे हैं तो भुगतान की अवधि 12 से 14 महीने तक हो सकती है. यदि आप चाहें तो ईएमआई ज्यादा रखकर छह से आठ महीने में भी लोन चुका सकते हैं. वहीं यदि लोन की राशि ज्यादा है तो भुगतान की अवधि पांच साल तक की हो सकती है.
सवाल- बिजनेस लोन लेने के लिए न्यूनतम आयु सीमा कितनी है?
उत्तर- बिजनेस लोन लेने की आयु सीमा भी वही है, जो वोट देने की है. हालांकि ऑनलाइन कुछ स्रोतों पर यह गलत जानकारी दी गई है कि लोन लेने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है. भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति बिजनेस लोन लेने के लिए आवेदन कर सकता है.
सवाल- अगर आप पहले से कोई बिजनेस चला रहे हैं और उसे बढ़ाने के लिए लोन लेना चाहते हैं तो क्या मौजूदा बिजनेस कोई न्यूनतम टर्नओवर होना जरूरी है ?
उत्तर- जी हां, न्यूयतम टर्नओवर होना जरूरी है, लेकिन यह नियम सभी बैंकों का अलग-अलग है. आमतौर पर यदि आपके बिजनेस का सालाना टर्नओवर 10 लाख से ऊपर है तो आप बिजनेस लोन के लिए आवेदन दे सकते हैं. लेकिन 10 लाख टर्नओवर के साथ-साथ सालाना न्यूनतम आय दो लाख रु. होना जरूरी है. साथ ही यह भी अनिवार्य है कि बिजनेस पिछले दो सालों से प्रॉफिट में हो. यदि बिजनेस घाटे में चल रहा है तो लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है.
सवाल- किसी नए बिजनेस के लिए लोन लेने जाएं तो उस पर GST का क्या असर होता है?
उत्तर- जो व्यवसाय GST के दायरे में आते हैं, उन पर बिजनेस लोन मिलने में आसानी होती है. GST ज्यादा होने का अर्थ है ज्यादा मुनाफा. ऐसे बिजनेस पर बैंक भी आसानी से भरोसा करते हैं.
सवाल- बिजनेस लोन की प्री-क्लोज़र और पार्ट-पेमेंट फीस कितनी होती है?
उत्तर- हर बैंक की प्री-क्लोज़र और पार्ट-पेमेंट फीस अलग-अलग होती है. यह इस पर निर्भर है कि आपने किस बैंक से लोन लिया है. कुछ बैंक इसके लिए कोई पैसा चार्ज नहीं करते. लेकिन आमतौर पर यह अमाउंट लोन अमाउंट का 4 से 5 प्रतिशत तक हो सकता है.
सवाल- क्या भारत सरकार की कोई लोन योजनाएं हैं?
उत्तर- भारत सरकार नए व्यवसायों को प्रेरित करने के लिए कुछ सरकारी लोन योजनाएं चलाती है. जैसेकि मुद्रा योजना, सिडबी लोन, CGTMSE, PMEGP, स्टैंड-अप इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, 59 मिनट में PSB लोन, NSIC और नाबार्ड इत्यादि. इसकी विस्तृत जानकारी आपको भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर मिल जाएगी.
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