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Value Investing in Hindi

ट्रेडिंग क्या है इसके प्रकार और Trading से पैसे कैसे कमाए

ट्रेडिंग क्या है इन हिंदी: शेयर मार्केट में Trading करना और Trading से पैसे कमाना आज के समय में एक सामान्य बात हो गयी है. मोबाइल में अनेक प्रकार के Trading App हैं जिससे यूजर आसानी से Trading कर सकते हैं और पैसे कमा सकते है.

लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर Trading se Paise Kaise Kamaye. बहुत सारे लोग Trading करते तो हैं लेकिन उन्हें वास्तव में पता नहीं होता है कि Trading क्या है.

Trading के विषय में आपके सारे Confusion को दूर करने के लिए हमने यह लेख आपके लिए लिखा है. इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि ट्रेडिंग किसे कहते हैं. ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, ट्रेडिंग कैसे की जाती है और ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमायें जाते हैं. तथा कुछ Best Trading App के बारे में भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा.

Hair Care Tips: सिर की खुजली से हैं परेशान, अपनाएं ये घरेलू उपाय

Hair Care Tips: सिर की खुजली से हैं परेशान, अपनाएं ये घरेलू उपाय

Hair Care Tips: सिर में खुजली से परेशान हैं तो करें ये घरेलू उपाय

Scalp Itching Home Remedies: सिर में खुजली (Itching in Scalp) और ड्रैंड्रफ (Dandruff) ये दो ऐसी परेशानियां हैं, जिनसे कभी न कभी हर किसी को दो चार होना ही पड़ता है. कई लोगों को बालों में अक्सर खुजली की समस्या रहती है. इसके पीछे का कारण बालों में मौजूद गंदगी और डैंड्रफ की समस्या हो सकती है. इसके अलावा डैंड्रफ होने का कारण हेयर डाई, तनाव, फंगल इंफेक्शन, चिंता या फिर जूं होना भी हो सकता है. वहीं, सिर में खुजली लगने की बीमारी को सेबोरिक डर्मटाइटिस कहा जाता है, यह बीमारी अधिक डैंड्रफ के कारण होती है. सर्दियों के मौसम में स्कैल्प में रूखापन अधिक रहता है. तो अगर आप इस ड्राईनेस को दूर करना चाहते है तो स्कैल्प में तेल लगाएं या सिर पर अच्छे से मसाज करें. इसके अलावा कई बार सिर की स्किन पर पपड़ी बनने और फंगल इंफेक्शन की वजह से भी खुजली हो सकती है. अगर आप भी सिर की खुजली की समस्‍या से परेशान हैं, तो कुछ घरेलू उपायों की मदद से आप इससे निजात पा सकते हैं.

सिर में खुजली होने के कारण (Causes of Itchy Scalp)

  • रूसी (Dandruff).
  • हाइव्स (Hives).
  • सिर में जूं पड़ना (Head Lice).
  • स्कैल्प रिंगवार्म.
  • स्कैल्प सोरयासिस.
  • एटोपिक डर्माटैटिस.

सिर में खुजली होने के लक्षण (Symptoms of Itchy Scalp)

  • सिर की त्वचा का रूखा होना.
  • त्वचा पर जलन होना.
  • त्वचा का लाल होना.
  • लालिमा के साथ सूजन.
  • सिर में सफेद पपड़ी.
  • पस से भरे घाव.
  • गंजापन.

सिर में खुजली के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Itchy Scalp)

  • दही से सिर की त्वचा की मालिश करने से खुजली दूर होती है साथ ही बालों में भी चमक आती है. सप्ताह में तीन-चार बार ऐसा करें.
  • एक चम्मच अरंडी का तेल, एक चम्मच नारियल और एक चम्मच सरसों का तेल मिलाकर सिर की मालिश करें. इस तेल को रात भर अपने बालों में लगा रहने दें और सुबह बालों को धो लें.
  • प्याज का रस निकाल कर कॉटन की सहायता से सिर की त्वचा पर लगाएं और 20 मिनट के लिए छोड़ दें. इसके बाद अच्छी प्रकार से बालों को धो लें.
  • इसके अलावा नीम की 1 पाव पत्तियां, ग़ुड़हल की 1 पाव पत्तियां मिला कर, पानी में पका लें. रोज इस पानी के साथ सिर धोने से बाल स्वस्थ और चमकदार रहते हैं और सिर की खुजली मिट जाती है.
  • नारियल के तेल में कुछ मात्रा में कपूर मिलाकर सिर में कुछ देर तक मसाज करें. इससे खुजली भी दूर होगी और अगर किसी तरह का इंफेक्शन है तो उससे भी राहत मिलेगी.
  • सिर की खुजली को दूर करने के लिए नींबू एक कारगार उपाय है. इसमें मौजूद सिट्रि‍क एसिड त्वचा की सफई भी करता है और खुजली को दूर करने में मदद करता है.
  • थोड़े से पानी में सिरके को मिलाकर पतला करके सिर में लगाएं. इसके बाद कुछ मिनटों तक सूख जानें के बाद इसे धो लें. इससे आपको काफी फायदा मिलेगा.

[2023]शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या होता है? Trading vs Investing in Hindi

यदि आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या होता है? जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग के बारें में आसान शब्दों में बेहतर ढ़ंग से समझाया गया है. लेकिन जब तक इस आर्टिकल को पूरा नहीं पढेंगे तब तक समझना क्यों scalping अपने नाम मिल गया थोड़ा मुश्किल हो सकता है, इसलिए उम्मीद है की आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़कर, अच्छे से समझने की कोशिश करेंगे.

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शेयर मार्केट में दिलचस्वी रखने वाले नए निवेशक हमेशा इस बात को लेकर कंफ्यूजन में रहते हैं की शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या होता है. तो क्यों scalping अपने नाम मिल गया चलिए सबसे पहले जानते हैं की शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या है?

ट्रेडिंग क्या होता है? What’s Trading in Stock Market Hindi

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शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या है? इसे जानने से पहले हमें शेयर मार्केट क्या है? यह जानना ज़रूरी है, तो “जहाँ पर कंपनियों के शेयर्स अथवा हिस्सेदारी की ख़रीद या बिक्री होती है उसे शेयर मार्केट(Share Market) या शेयर बाजार कहते हैं.”

अब बात आती है ट्रेडिंग क्या होता है? अगर आसान शब्दों में समझें की ट्रेडिंग का क्या मतलब होता है तो किसी भी वस्तु की सेवा का ख़रीद क्यों scalping अपने नाम मिल गया और बिक्री करके मुनाफ़ा कमाना ही ट्रेडिंग कहलाता है. यदि दूसरे शब्दों में समझें तो शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी के शेयर्स को एक दिन से एक वर्ष तक होल्ड करके रखने की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं.

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ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं? Types of Trading in Stock Market Hindi

स्टॉक मार्केट(Stock Market) में ट्रेडिंग को मुख्यतः चार पार्ट में डिवाइड किया गया है.

  1. इंट्राडे ट्रेडिंग
  2. स्कैल्पिंग ट्रेडिंग
  3. स्विंग ट्रेडिंग
  4. पोजिसनल ट्रेडिंग

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? What’s Intraday Trading in Hindi

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? शेयर मार्केट में जब किसी स्टॉक को एक दिन के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) कहा जाता है, इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको एक ही दिन के अंदर स्टॉक को ख़रीदना और बेचना पड़ता है अगर आपने इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी भी एक ही दिन में नहीं बेचा तो आपका ब्रोकर उसे बेच देगा फिर चाहे आपको मुनाफ़ा हुआ रहे या फिर नुकसान. केवल एक दिन में ख़रीदने और बेचने की वजह से इसे डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है, इसमें रिस्क और मुनाफ़ा दोनों ही बहुत ही ज्यादा होता है.

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर है? Trading vs Investing in Hindi

अगर बहुत ही सरल शब्दों में समझें तो ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में मुख्य अंतर यही होता है की ट्रेडिंग में किसी भी शेयर को बहुत ही शार्ट टर्म के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है और इन्वेस्टिंग में किसी कंपनी के शेयर को लॉन्ग टर्म के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है. इसके अलावा भी आइये जानते है ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या फ़र्क होता है?

ट्रेडिंग इन्वेस्टिंग
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कम समय के लिए होता है जैसे- कुछ मिनट, कुछ घंटे, एक दिन, कुछ हफ़्तों या फिर एक वर्ष तकशेयर मार्केट में इन्वेस्टिंग लॉन्ग टर्म के लिए होता है जैसे- एक वर्ष से कई सालों तक
शेयर मार्केट के किसी भी स्टॉक में ट्रैड करने के लिए स्टॉक बहुत ही कम पैसों में मिल जाता है.इन्वेस्टिंग में किसी शेयर्स को पूरा ख़रीदना पड़ता है क्योंकि वह लंबे समय तक होल्ड पर होता है.
ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस करना होता है जबकिइन्वेस्टिंग में किसी भी स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस करना पड़ता है.
ट्रेडिंग में ट्रेडर बहुत ही कम समय में बहुत ही ज्यादा पैसा कमाते है.इन्वेस्टिंग में इन्वेस्टर को ज्यादा रिटर्न पाने के लिए लंबे समय तक शेयर को होल्ड करके रखना पड़ता है.
इसमें जितना कम समय में अच्छा मुनाफ़ा होता है उतने ही कम समय में पैसा भी डूब जाता है. यानी रिस्क ज्यादा क्यों scalping अपने नाम मिल गया क्यों scalping अपने नाम मिल गया होता है.इसमें इन्वेस्टर लॉन्ग टर्म के लिए किसी भी स्टॉक को होल्ड करके रखता है इसलिए पैसे डूबने का रिस्क बहुत ही कम हो जाता है.
ट्रेडिंग में कम समय के अन्दर किसी भी स्टॉक को ख़रीदने और बेचने वालों को ट्रेडर कहा जाता है.इन्वेस्टिंग में लंबे समय तक किसी भी स्टॉक को होल्ड रखने वालों को इन्वेस्टर कहा जाता है.

क्यों बढ़ेगी बिटकाॅइन की कीमत और घटेगी रूपए की कीमत? (Will Bitcoin’s Value Appreciate And Rupee’s Value Depreciate With Time?

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Note: This post has been written by a WazirX Warrior as a part of the “WazirX Warrior program“.

बिटकॉइन और पैसे के बीच में ऐसी बहुत सी बातें हैं जो बिटकॉइन को दुनिया की किसी भी मुद्रा से बेहतर और सबसे ज्यादा तेज़ गति से बढ़ने वाला निवेश बनती है।इस एक आर्टिकल में जानते हैं कुछ खास बातें मुद्रा और बिटकॉइन के बारे क्यों scalping अपने नाम मिल गया में।

बिटकॉइन की संख्या निर्धारित और मुद्रा की नहीं

किसी भी देश की मुद्रा पर सौ प्रतिशत नियंत्रण उस देश के केंद्रीय बैंक और सरकार का होता है और यही केंद्रीय नेतृत्व देश की मुद्रा से सम्बंधित सभी तरह के निर्णय लेता है।इस की सबसे बड़ी समस्या यह है की यह केंद्रीय नेतृत्व अपनी सुविधा और जरुरत के अनुसार जितना चाहे उतनी मुद्रा को बना सकते हैं,यह आमतौर पर देश की अर्थव्यवस्था को सही रूप से चलाने के लिए किया जाता है।लेकिन इस से एक बहुत बड़ी समस्या पैदा होती है और वह है मुद्रा की कीमत में गिरावट।आज से 30-40 साल पहले भारत में एक पैसा,दो पैसा,तीन पैसा,पांच पैसा,दस पैसा,बीस पैसा,पचीस पैसा और पचास पैसा भी बाजार में प्रचलन में था लेकिन आज रिज़र्व बैंक ने इन सभी सिक्कों को बनाना बंद कर दिया है और इसका कारण है रुपए की घटती हुई कीमत।आज एक रुपए से निचे के सिक्के से कुछ नहीं ख़रीदा जा सकता और जैसे जैसे समय आगे बढ़ेगा वैसे वैसे और मुद्रा छपेगी और रुपए की कीमत गिरती चली जाएगी।यही एक कारण है की भारत में दो हज़ार का नोट भी छापा गया जबकि अमेरिका जैसे देश में सौ डॉलर से बड़ा नोट नहीं छपता।अगर आप अफगानिस्तान,इंडोनेशिया या कुछ और देशों में देखेंगे तो आपको यहाँ बहुत बड़ी कीमत के नोट भी देखने को मिल जाते हैं क्योंकि इन देशों की मुद्रा की कीमत बहुत कम है।

मुद्रा की नकल लेकिन बिटकॉइन की नहीं

बिटकॉइन की कीमत के बढ़ने का कारण इसे हैक न कर पाना और इसकी नकल न कर पाना भी है।बिटकॉइन नेटवर्क को हैक कर पाना लगभग असंभव है क्योंकि बिटकॉइन नेटवर्क को माइनर्स CPU से सुरक्षा देते हैं और बिटकॉइन नेटवर्क को हैक या नकली ब्लॉकचेन बनाने के लिए आज तक बने सभी ब्लॉक को दोबारा बनाना होगा और आज की ब्लॉकचेन से ज्यादा हैश पावर बनानी होगी लेकिन यह संभव नहीं है क्योंकि एक ब्लॉक अगर 10 मिनिट से पहले बनता है तो डिफीकल्टी बढ़ती जाएगी और मुख्य चेन की बराबरी असंभव हो जएगी।इस कारण से बिटकाॅइन की क्यों scalping अपने नाम मिल गया नकल असंभव है जबकि किसी भी देश की मुद्रा की नकल करना आसान है और लगभग हर देश की नकली मुद्रा बाजार में है और यह भी एक कारण है मुद्रा की कीमत के निचे गिरने का।

किसी भी देश की सरकार के पास यह अधिकार होता है की वह अपने द्वारा संचालित मुद्रा को कभी भी बंद कर सकती है और उसमे बदलाव कर सकती है।ऐसा समय से साथ साथ हर देश में होता आया है जबकि बिटकॉइन नेटवर्क विकेन्द्रीयकरण होने के कारण बिटकॉइन को न तो रोका जा सकता है और न ही बैन किया जा सकता है।यह एक बहुत बड़ा कारण है की एक समझदार निवेशक जिसे बिटकॉइन की जानकारी है वह सुरक्षित निवेश के लिए हमेशा बिटकॉइन को चुनेगा और जैसे जैसे लोगों को इसकी जानकारी होगी और बिटकॉइन में निवेश बढ़ेगा वैसे वैसे बिटकॉइन की कीमत भी ऊपर की तरफ बढ़ती जाएगी।

कोई कंपनी कैसे Share Market/Stock Market में listed होती है ?

किसी भी कंपनी के Stock Market में listed होने के लिए कुछ Rules बने होते हैं। जैसे –

1 कंपनी को IPO ( इनिशियल पब्लिक ऑफर ) में रजिस्टर्ड होना जरुरी है जो की Indian Government के आधीन आती है।
2 उस कंपनी का ३ से ५ साल का रिकॉर्ड देखा जाता है। उस कंपनी का कोई डिफाल्टर लिस्ट में नाम नहीं होना चाहिए।
3 कंपनी का सभी financial रिकॉर्ड, प्रोजेक्ट्स इत्यादि सारी जानकारी जमा करनी पड़ती है।
4 इन सब के बाद उसका रिकॉर्ड सेबी के पास भेजा जाता है जो की Central Government के आधीन आती है।
5) तत्पश्चात उसका एक मूल्य निर्धारित किया जाता है।
6 ये वही Price होती है जो हमें BUY या SELL प्राइस के तौर पर दिखता है और जो की उस कंपनी के मार्किट वैल्यू के आधार पर निर्धारित किया जाता है।

Stock Market में Share कितने तरह के होते हैं-

Common Share-

वैसे शेयर जिसे कोई भी खरीद बेच सकता है उसे कॉमन शेयर कहते हैं।
ऐसे शेयर्स प्रॉफ़िट्स तोह बहुत दे सकते यहीं पर उतना हिन् रिस्क फैक्टर रहता है|

Preferential Share –

ऐसे शेयर्स मूलतः खास होते हैं और कुछ चुनिंदा लोगों को हिन् जारित की जातीं हैं।
जैसे की किसी ऑफिस के एम्प्लाइज, ज्यादा मुनाफा देने के लिए, आपसी समझौते के लिए इत्यादि।

Ready made Share –

कुछ कम्पनीज अपने शेयर होल्डर्स को प्रॉफिट का हिस्सा न दे कर उन्हें अपने कुछ शेयर्स दे देती है। इसे डिविदेनेड शेयरिंग भी कहा जाता है।

Commodity Market को सरल शब्दों में कच्चे माल का बाजार कहा जा सकता है। यहाँ पर वैसे उत्पाद जो की या तो कृषि, प्रकृति, या अन्य उन्ही तरह के उत्पाद को BUY ( खरीद ) या क्यों scalping अपने नाम मिल गया SELL ( बेच ) सकते हैं। जैसे की –
लौह अयस्क ( METAL ) – ZINC, COPPER, इत्यादि
क्रूड आयल ( PETROLEUM PRODUCTS )
इलाइची ( CARDAMOM ), रुई (COTTON) इत्यादि।

EQUITY मार्किट किसी कंपनी के आम स्टॉक होते हैं। उनकी आधिकारिक मूल्य को स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा निर्धारित किया जाता है और उसी के ऊपर उसका सारा व्यापार होता है।

Commodity की एक्सपायरी होती है पर EQUITY को आप जब तक चाहे तब तक रख सकते हैं।

आगे चलकर हम किसी अन्य लेख में कमोडिटी और इक्विटी पर विस्तार से बातें करेंगे।

Shares / Stocks कैसे खरीदें-

Investing In share MArket/Stock MArket

Share Market क्या है ?

जैसा की ऊपर हमने बताया की ये एक मार्किट हीं है। तो अब इससे आप Shares कैसे खरीद सकते हैं ?

Stock Market से शेयर्स खरीदने के लिए आपको एक Broker की जरुरत पड़ेगी। ये Brokers आपकी एक DEMAT अकाउंट बनाएँगे और उसी पर सभी जानकारी आपको मिल जाएगी। जैसे कंपनी की PRICE क्या है और वह किस तरह का मुनाफा दे रही है।

हालाँकि अब के समय में कई तरह के DISCOUNT BROKERS आ गए हैं जैसे – Zerodha , Upstox,आदि।
आपको अगर इनसे related विस्तार पूर्वक जानना होगा की कौन सा BROKER आपके लिए सही है तो जरूर पूछें। जरुरत होगी तो मैं एक दूसरे आर्टिकल में इसे भी समझा दूंगा।

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