Air India का नाम कैसे पड़ा? 75 साल बाद टाटा ग्रुप ने 1946 के इस खत से किया खुलासा, बेहद रोचक है कहानी

Liquid ETF: शेयर बाजार में ट्रेड करने वालों के लिए बेहतर है ये फंड, कम जोखिम में रिटर्न के साथ अच्‍छी लिक्विडिटी की सुविधा भी

Liquid ETF: अगर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश करते हैं तो लिक्विड ईटीएफ आपके लिए बेहतर विकल्‍प हो सकता है. आइए, समझते हैं इसके फायदे

By: ABP Live | Updated at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST)

Liquid ETF: क्‍या आप भी शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश करते हैं? अगर हां, तो लिक्विड ईटीएफ (Liquid Exchange Traded Funds) आपके लिए एक बेहतर विकल्‍प हो सकता है. समझते हैं कि आखिर इसके पीछे क्‍या तर्क है. जब कोई स्‍टॉक मार्केट ट्रेडर या इंवेस्‍टर अपना निवेश बेचता है तो अपने पैसों का दोबार निवेश करने से पहले उसके पास दो समस्‍याएं आती हैं. मान लेते हैं कि किसी व्‍यक्ति ने आपने स्‍टॉक मार्केट में निवेश किया और कुछ महीने में आपका इंवेस्‍टमेंट बढ़ गया. अब आप मुनाफा कमाने के लिए उसे बेचना चाहते हैं. आप पहले दिन सेल ऑर्डर देंगे. दूसरे दिन आपके डीमैट अकाउंट से आपका स्‍टॉक डेबिट होगा और तीसरे दिन आपके मार्जिन अकाउंट में उसके पैसे आएंगे. अब आपकी इच्‍छा कि आप नए निवेश करने तक उन पैसों को मार्जिन अकाउंट में रखना चाहते हैं या फिर बैंक खाते में ट्रांसफर करते हैं.

Liquid ETF कैसे है फायदे का सौदा?

एक स्‍टॉक मार्केट इंवेस्‍टर के तौर पर आपके मन में यह उलझन हो सकता है कि मार्जिन अकाउंट में आपके पैसे यूं ही पड़े रहेंगे और उस पर कोई ब्‍याज भी नहीं मिलेगा. ट्रेडिंग अकाउंट से बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए आपके पास वक्‍त भी होना चाहिए. लिक्विड ईटीएफ आपकी इन दोनों समस्‍याओं का समाधान है. ये कम जोखिम वाले ओवरनाइट सिक्‍योरिटीज जैसे कोलैटरलाइज्‍ड बॉरोइंग एंड लेंडिंग ऑब्लिगेशंस (CBLO), रेपो और रिवर्स रेपो सिक्‍योरिटीज में निवेश करते हैं. ये दैनिक आधार पर आपको डिविडेंड देते हैं जिसका पुनर्निवेश फंड में कर दिया जाता है. इनमें जोखिम कम होता है और आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं.

किस लिक्विड ईटीएफ का करें चयन?

लिक्विड ईटीएफ में निवेश से पहले बेंचमार्क की तुलना ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं? में उसके रिटर्न और एक्‍सपेंस रेशियो की तुलना करें. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंस रेशियो 0.25 प्रतिशत है. वहीं, डीएसपी निफ्टी लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंश ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं? रेशियो 0.64 प्रतिशत है, जबकि निप्पॉन इंडिया ईटीएफ के ल‌िक्विड बीईईएस का खर्च 0.69 फीसदी पड़ता है.
खुदरा निवेशकों के लिए, इक्विटी शेयरों की बिक्री के समय ब्रोकर को समान राशि का निवेश करने का निर्देश देकर लिक्विड ईटीएफ की यूनिट खरीदना समझदारी है. जब निवेशक कुछ इक्विटी शेयर खरीदना चाहें, तो किसी ब्रोकर से लिक्विड ईटीएफ का उपयोग करके खरीदारी करने के लिए कह सकता है जिसे मार्जिन मनी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

लिक्विड ईटीएफ अर्जित रिटर्न अपेक्षाकृत ज्‍यादा स्थिर होते हैं क्योंकि इस तरह की शॉर्ट-टर्म डेट सिक्योरिटीज लंबी अवधि की तुलना में कीमत में उतार-चढ़ाव की संभावना कम होती है. इसके अलावा, किसी भी कम समय में इन लिक्विड ईटीएफ यूनट्सि को हाजिर बाजार में स्वतंत्र रूप से बेचा जा सकता है और इसे आसानी से कैश कराया जा सकता है. इसके अलावा, लिक्विड ईटीएफ यूनिट्स की खरीद या बिक्री पर कोई सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) नहीं लगता है. यदि आप एक आम निवेशक हैं जो सोच रहे हैं कि कम समय के लिए पूंजी कहां लगाएं और पारंपरिक निवेश विकल्प से बेहतर रिटर्न मिले तो एक लिक्विड ईटीएफ इसके लिए बेहतर साबित हो सकता है.

Published at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST) Tags: Mutual Funds Liquid ETF Overnight Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Liquid ETF: शेयर बाजार में ट्रेड करने वालों के लिए बेहतर है ये फंड, कम जोखिम में रिटर्न के साथ अच्‍छी लिक्विडिटी की सुविधा भी

Liquid ETF: अगर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश करते हैं तो लिक्विड ईटीएफ आपके लिए बेहतर विकल्‍प हो सकता है. आइए, समझते हैं इसके फायदे

By: ABP Live | Updated at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST)

Liquid ETF: क्‍या आप भी शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश करते हैं? अगर हां, तो लिक्विड ईटीएफ (Liquid Exchange Traded Funds) आपके लिए एक बेहतर विकल्‍प हो सकता है. समझते हैं कि आखिर इसके पीछे क्‍या तर्क है. जब कोई स्‍टॉक मार्केट ट्रेडर या इंवेस्‍टर अपना निवेश बेचता है तो अपने पैसों का दोबार निवेश करने ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं? से ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं? पहले उसके पास दो समस्‍याएं आती हैं. मान लेते हैं कि किसी व्‍यक्ति ने आपने स्‍टॉक मार्केट में निवेश किया और कुछ महीने में आपका इंवेस्‍टमेंट बढ़ गया. अब आप मुनाफा कमाने के लिए उसे बेचना चाहते हैं. आप पहले दिन सेल ऑर्डर देंगे. दूसरे दिन आपके डीमैट अकाउंट से आपका स्‍टॉक डेबिट होगा और तीसरे दिन आपके मार्जिन अकाउंट में उसके पैसे आएंगे. अब आपकी इच्‍छा कि आप नए निवेश करने तक उन पैसों को मार्जिन अकाउंट में रखना चाहते हैं या फिर बैंक खाते में ट्रांसफर करते हैं.

Liquid ETF कैसे है फायदे का सौदा?

एक स्‍टॉक मार्केट इंवेस्‍टर के तौर पर आपके मन में यह उलझन हो सकता है कि मार्जिन अकाउंट में आपके पैसे यूं ही पड़े रहेंगे और उस पर कोई ब्‍याज भी नहीं मिलेगा. ट्रेडिंग अकाउंट से बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए आपके पास वक्‍त भी होना चाहिए. लिक्विड ईटीएफ आपकी इन दोनों समस्‍याओं का समाधान है. ये कम जोखिम वाले ओवरनाइट सिक्‍योरिटीज जैसे कोलैटरलाइज्‍ड बॉरोइंग एंड लेंडिंग ऑब्लिगेशंस (CBLO), रेपो और रिवर्स रेपो सिक्‍योरिटीज में निवेश करते हैं. ये दैनिक आधार पर आपको डिविडेंड देते हैं जिसका पुनर्निवेश फंड में कर दिया जाता है. इनमें जोखिम कम होता है और आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं.

किस लिक्विड ईटीएफ का करें चयन?

लिक्विड ईटीएफ में निवेश से पहले बेंचमार्क की तुलना में उसके रिटर्न और एक्‍सपेंस रेशियो की तुलना करें. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंस रेशियो 0.25 प्रतिशत है. वहीं, डीएसपी निफ्टी लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंश रेशियो 0.64 प्रतिशत है, जबकि निप्पॉन इंडिया ईटीएफ के ल‌िक्विड बीईईएस का खर्च 0.69 फीसदी पड़ता है.
खुदरा निवेशकों के लिए, इक्विटी शेयरों की बिक्री के समय ब्रोकर को समान राशि का निवेश करने का निर्देश देकर लिक्विड ईटीएफ की यूनिट खरीदना समझदारी है. जब निवेशक कुछ इक्विटी शेयर खरीदना चाहें, तो किसी ब्रोकर से लिक्विड ईटीएफ का उपयोग करके खरीदारी करने के लिए कह सकता है जिसे मार्जिन मनी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

लिक्विड ईटीएफ अर्जित रिटर्न अपेक्षाकृत ज्‍यादा स्थिर होते हैं क्योंकि इस तरह की शॉर्ट-टर्म डेट सिक्योरिटीज लंबी अवधि की तुलना में कीमत में उतार-चढ़ाव की संभावना कम होती है. इसके अलावा, किसी भी कम समय में इन लिक्विड ईटीएफ यूनट्सि को हाजिर बाजार में स्वतंत्र रूप से बेचा जा सकता है और इसे आसानी से कैश कराया जा सकता है. इसके अलावा, लिक्विड ईटीएफ यूनिट्स की खरीद या बिक्री पर कोई सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) नहीं लगता है. यदि आप एक आम निवेशक हैं जो सोच रहे हैं कि कम समय के लिए पूंजी कहां लगाएं और पारंपरिक निवेश विकल्प से बेहतर रिटर्न मिले तो एक लिक्विड ईटीएफ इसके लिए बेहतर साबित हो सकता है.

Published at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST) Tags: Mutual Funds Liquid ETF Overnight Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

क्या है Gold ETF जिसमें जोरदार कमाई के लिए लोग जमकर कर रहे हैं निवेश? जानिए डिटेल्स

Gold ETF: सोना प्राचीन काल से निवेश का आकर्षक माध्यम रहा है। हालांकि, इसकी सुरक्षा की चिंता जरूर रहती है, इस चिंता को दूर करता है गोल्ड ईटीएफ। निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक बेहतर विकल्प हो.

क्या है Gold ETF जिसमें जोरदार कमाई के लिए लोग जमकर कर रहे हैं निवेश? जानिए डिटेल्स

Gold ETF: सोना प्राचीन काल से निवेश का आकर्षक माध्यम रहा है। हालांकि, इसकी सुरक्षा की चिंता जरूर रहती है, इस चिंता को दूर करता है गोल्ड ईटीएफ। निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक बेहतर विकल्प हो सकता है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, बढ़ती महंगाई और कोरोना महामारी में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड ETF) लोगों को खूब भा रहा है। बीते साल यानी 2021 में गोल्ड ईटीएफ को 4,814 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। आइए गोल्ड ईटीएफ से जुड़ी बातों को विस्तार से समझते हैं--

क्या है गोल्ड ईटीएफ
सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा को गोल्ड ईटीएफ कहते हैं। यह म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की स्कीम है। इसमें सोने की खरीद यूनिट में की जाती है। इसे बेचने पर आपको सोना नहीं बल्कि उस समय के बाजार मूल्य के बराबर राशि मिलती है। यह सोने में निवेश के सबसे सस्ते विकल्पों में से एक है। इसकी खरीद यूनिट में की जाती है। आमतौर पर ईटीएफ के लिए डीमैट खाता जरूरी होता है।

Air India का नाम कैसे पड़ा? 75 साल बाद टाटा ग्रुप ने 1946 के इस खत से किया खुलासा, बेहद रोचक है कहानी

50 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं निवेश
एक्सपर्ट के अनुसार, 'गोल्ड में निवेश करने के लिए ढेर सारे विकल्प मौजूद हैं। गोल्ड ईटीएफ उनमें से एक सरलतम विकल्प है। पिछ्ले कुछ सालों में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ को बहुत तरजीह दी है।' गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से आपको नकली सोना खरीदने का डर समाप्त हो जाता है। साथ इसके रख-रखाव का भी डर समाप्त हो जाता है। नितिन कहते हैं, 'गोल्ड ईटीएफ में 50 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है। साथ ही इसे कभी भी खरीद और बेच सकते हैं।'

गोल्ड ईटीएफ के फायदे
इसमें निवेशक जितनी चाहें उतनी चाहें उतनी यूनिट खरीद सकते हैं, एक कारोबारी दिन में निवेशकों को अलग-अलग वैल्यू मिलती है और वो किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इसके जरिये निवेशक इंट्राडे मूवमेंट में भी पैसा कमा सकते हैं। निवेशकों को सोने को सुरक्षित रखने के जोखिम की चिंता नहीं रहती। इसमें सोने को खरीदने की तरह कई अन्य तरह के चार्ज नहीं होते। इसमें निवेशक अपनी सहूलियत के अनुसार एंट्री और एक्जिट ले पाता है तो फिजिकल गोल्ड में नहीं हो पाता है।

क्या कहते हैं आंकड़ें?
क्वांटम म्यूचुअल फंड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जिमी पटेल ने कहा कि महंगाई और फेडरल रिजर्व के रुख की वजह से 2022 में भी गोल्ड ईटीएफ का आकर्षण कायम रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा मौद्रिक नीति को कड़ा करने से डॉलर और अमेरिका में बांड पर प्रतिफल बढ़ेगा, जो सोने के लिए बाधक हो सकता है।’’ पटेल ने कहा कि 2020 में गोल्ड ईटीएफ में निवेश का प्रवाह बढ़ने की प्रमुख वजह कोविड-19 महामारी थी। इसके अलावा मौद्रिक रुख में नरमी और वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कमी से भी सोने में निवेश फायदे का सौदा था।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि गोल्ड ईटीएफ पूरे साल निवेशकों को आकर्षित करता रहा। यहां तक कि शेयरों में उछाल के बावजूद इसका आकर्षण कायम रहा। बीते साल सिर्फ जुलाई महीने में गोल्ड ईटीएफ से निकासी देखने को मिली। जुलाई में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से 61.5 करोड़ रुपये निकाले। निवेश के प्रवाह के बीच दिसंबर, 2021 तक स्वर्ण कोषों के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां 30 प्रतिशत बढ़कर 18,405 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, जो एक साल पहले 14,174 करोड़ रुपये पर थीं।

धनतेरस के दिन 50 रुपये में भी खरीद सकते हैं गोल्ड, करना होगा ये काम

aajtak.in

धनतेरस की खरीदारी शुरू हो चुकी है. इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है. इसलिए लोग सोना और उससे बनी ज्वैलरी की खरीदारी करते हैं. कुछ लोग इस दिन सोना खरीदकर निवेश की भी शुरुआत करते हैं. अगर आप निवेश के लिए सोना खरीदना चाहते हैं, तो आप 50 रुपये में सोना खरीद सकते हैं. सोने के निवेश के लिए तमाम ऑप्शन में से एक है गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF). अब गोल्ड ईटीएफ क्या है पहले समझ लेते हैं.

क्या है गोल्ड ईटीएफ?

गोल्ड ईटीएफ गोल्ड बुलियन में निवेश करते हैं. लेकिन ये फिजिकल मेटल के रूप में निवेश नहीं होता है. इसे इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेंट में म्यूचुअल फंड यूनिट्स की तरह रखा जाता है. ये एक डीमैट खाते में जमा होता है. गोल्ड ईटीएफ की भी स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग और ट्रेडिंग होती है. अगर आप निवेश करना चाहते हैं, तो कभी भी गोल्ड ईटीएफ को खरीद सकते हैं और अपनी सुविधा के अनुसार बेच भी सकते हैं.

50 रुपये से कर सकते हैं शुरुआत

गोल्ड ईटीएफ में आप 50 रुपये जैसी मामूली रकम से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. 20 अक्टूबर को ICICI Prudential गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट की कीमत 45 रुपये थी. अगर इसमें बढ़ोतरी भी हुई होगी तो 50 रुपये तक एक यूनिट की कीमत पहुंची होगी. इस तरह अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको बड़ी रकम जमा करने की जरूरत नहीं है.

नहीं लगता मेकिंग चार्ज

फिजिकल सोना खरीदने के लिए हाथ में बड़ी रकम की जरूरत पड़ती है. लेकिन गोल्ड ईटीएफ में निवेश की शुरुआत आप एक छोटी रकम से कर सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ 99.5 फीसदी या इससे अधिक की शुद्धता वाला ही सोना खरीदता है. गोल्ड ईटीएफ ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं? में निवेश करने पर आपकी सोने पर लगने वाले मेकिंग चार्ज की बचत हो जाती है.

गोल्ड ईटीएफ की कीमत

अगर गोल्ड ईटीएफ को तीन साल के लिए रखा जाता ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं? है, तो इस हुई कमाई को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के रूप में जोड़ा जाता है. ये सोने में निवेश पर टैक्स बचाने का कुशल तरीका है. गोल्ड ईटीएफ की कीमतें फिजिकल की कीमतों की तरह ही घटती-बढ़ती हैं.

गोल्ड की कीमत

अगर फिजिकल गोल्ड की कीमतों की बात करें, तो इसमें इस सप्ताह भी गिरावट देखने को मिली है. इस सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सोने की कीमतें 49,855 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थीं. आज धनतेरस के मौके पर सर्राफा बाजार में रौकन देखने को मिल रही है. व्यापारियों को उम्मीद है कि इस बार सोने की रिकॉर्ड बिक्री हो सकती है.

Bharat Bond ETF में फिर आया निवेश करने का सुनहरा मौका, जानें आप कैसे लगा सकते हैं पैसा

इस एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिए केवल सरकारी कंपनियों के AAA-रेटेड बॉन्ड में निवेश किया जाता है।

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: December 02, 2022 12:32 IST

भारत बॉन्ड ईटीएफ- India TV Hindi

Photo:FILE भारत बॉन्ड ईटीएफ

सरकार की Bharat Bond ETF की चौथी किस्त आज से निवेश के लिए खुल गई है। इसमें आप 2 दिसंबर यानी आज से लेकर 8 दिसंबर तक निवेश कर सकते हैं। आपको बता दें कि पिछले तीन किस्त में निवेशकों को भारत बॉन्ड ईटीएफ से अच्छा रिटर्न मिला है। इस एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिए केवल सरकारी कंपनियों के AAA-रेटेड बॉन्ड में निवेश किया जाता है। इस बार इस बॉन्ड के जरिये केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) की करीब 1000 करोड़ रुपये का कोष जुटाने की योजना है। आपको बता दें कि साल 2019 में पहला ईटीएफ बॉन्ड लॉन्च किया गया था।

किस तरह से कर सकते हैं निवेश

भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट खाता होना जरूरी है। आम निवेशक इस बॉन्ड में कम से कम 1,001 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। वहीं, संस्थागत निवेशक को कम से कम 2,00,001 रुपये का निवेश इसमें करना होगा। आप यह निवेशक अपने ब्रोकर के जरिये या एडलवीज के जरिये भी कर सकते हैं। भारत बॉन्ड ईटीएफ की इस सीरीज में आपका किया गया निवेश अप्रैल 2033 में मैच्योर हो जाएगा।

निवेशकों को इतना रिटर्न मिला

पिछले एक साल में इन ईटीएफ का रिटर्न 2 से 4 फीसदी (30 नवंबर तक) के बीच रहा है। फंड मैनेजर्स ने कहा है कि इस साल डेट स्कीमों के रिटर्न पर RBI के लगातार इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का असर पड़ा है। सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 1,000 करोड़ रुपये का तीसरा चरण पेश किया था। इसमें 6,200 करोड़ रुपये की बोलियों के साथ 6.2 गुना अधिक अभिदान मिला था।

रेटिंग: 4.47
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 870