रुपए ने भी अगर इसी तरह के पैटर्न को फॉलो किया तो 1 डॉलर की कीमत का अनुमान ही अर्थशात्रियों के पसीने छुड़ाने फाल्स ब्रेकआउट किसे कहते हैं? को काफी है. हालांकि बाजार में अभी विशेषज्ञ किसी बहुत बड़ी गिरावट की आशंका नहीं जता रहे हैं और 73.50 के स्तर को फाल्स ब्रेकआउट किसे कहते हैं? अगला अहम सपोर्ट (समर्थन स्तर) मान के चल रहे हैं.

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Skin care: स्‍किन के लिए किसी वरदान से कम नहीं है Retinol, लगाते ही दूर हो जाएंगी फाइन लाइन्‍स

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Skin care: स्‍किन के लिए किसी वरदान से कम नहीं है Retinol, लगाते ही दूर हो जाएंगी फाइन लाइन्‍स

यह डैमेज स्‍किन को एक्सफोलिएट करता है। जिससे बाद में आने वाली स्‍किन चमकदार, चिकनी और गोरी होती है।

​झुर्रियों को रोकता है

त्वचा पर रेटिनॉल का लगातार उपयोग फाइन लाइन्‍स, झुर्रियों और अन्य उम्र बढ़ने से संबंधित त्वचा की समस्या को दूर करने में मदद करता है।

​ब्रेकआउट कम से कम करें

रेटिनॉल को कई सारी क्रीम्‍स और लोशन में इस्‍तेमाल किया जाता है। यह ऑयली स्‍किन पर होने वाले ब्रेकआउट और ब्लैकहेड्स को कम करने में मदद करता है और त्वचा से सीबम उत्पादन को नियंत्रित करता है।

आहार और मुंहासों के बीच एक मजबूत संबंध है

डॉ राणा के अनुसार, “दूध और मांस, और मीठे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों सहित उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन के परिणामस्वरूप मुंहासों की संभावना बढ़ सकती है। उच्च वसा, उच्च चीनी वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन मुंहासों से जुड़ा हुआ है।”

वह कहते हैं, “जब उच्च शर्करा और कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ शरीर में पहुंचते हैं, तो वे आपके इंसुलिन वृद्धि कारक में वृद्धि का कारण बन सकते हैं, और यह पाइलोसेबेसियस को अवरुद्ध करता है, जो मूल रूप से हमारे चेहरे पर तेल-स्रावित ग्रंथियां हैं। यह उन्हें सांस लेने की अनुमति नहीं देते हैं। यदि किसी की त्वचा तैलीय है, तो उनके पास अति सक्रिय पाइलोसेबेसियस हैं। ”

डॉ राणा यह भी बताते हैं कि जब रक्त शर्करा का स्तर तेजी से बढ़ता है, तो वे शरीर को इंसुलिन नामक एक हार्मोन जारी करने का कारण बनते हैं।

मुंहासों से बचने के लिए ये 6 खाद्य पदार्थ अवॉइड करें:

राणा कहते हैं, “ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जो शरीर में इंसुलिन के स्तर में वृद्धि कर सकते हैं और मुंहासों का कारण बन सकते हैं। पास्ता, सफेद चावल, सफेद ब्रेड और चीनी जैसे खाद्य पदार्थों में इंसुलिन पैदा करने वाले प्रभाव होते हैं, और इन्हें उच्च ग्लाइसेमिक कार्बोहाइड्रेट माना जाता है। वास्तव में, वे साधारण शर्करा से बने होते हैं और इसलिए, वे मुंहासों के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

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चीनी का सेवन कम करें : चित्र : शटरस्टॉक

2. डेयरी उत्पाद

पनीर, फुल-फैट दही, दूध और आइसक्रीम जैसे डेयरी उत्पादों का सेवन मुंहासों के पीछे मुख्य कारण हैं। डेयरी उत्पादों में कैसिइन होता है, जो कुछ हार्मोन के स्तर को बढ़ाने का कारण हैं। जो हमारी त्वचा द्वारा उत्पादित तेल पदार्थ सीबम के बढ़ते उत्पादन से जुड़े होते हैं, जो बदले में मुंहासों से जुड़ा हुआ है।

चॉकलेट हमारी गो-टू स्वीट है! लेकिन यह आपके लिए चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि बहुत अधिक चॉकलेट खाने से मुंहासों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चॉकलेट कोको, दूध और चीनी से भरी हुई हैं, जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में हस्तक्षेप कर सकती हैं और परिणामस्वरूप, पिंपल्स का कारण बन सकती हैं।

डॉ राणा कहते हैं, “चॉकलेट मुंहासों को भी खराब कर सकता है, लेकिन यह सभी लोगों को प्रभावित नहीं करता है।”

टेक्निकल चार्ट पर उभरती रुपए की डराने वाली तस्वीर

रुपये में गिरावट

  • 03 सितंबर 2018,
  • (अपडेटेड 05 सितंबर 2018, 4:59 PM IST)

डॉलर के मुकाबले गिरते रुपए की कहानी अब नई नहीं. 1 डॉलर की कीमत 71 रुपए के पार निकल गई है. बाजारों (शेयर, कमोडिटी, करंसी) को टेक्नीकल चार्ट्स पर पढ़ने वाले फाल्स ब्रेकआउट किसे कहते हैं? एक्सपर्ट इस गिरावट के और गहराने का अंदेशा जता रहे हैं. मौजूदा स्तर से रुपए की तीखी गिरावट के परिणाम गंभीर हो सकते हैं. गौरतलब है कि साल की शुरुआत से अब तक डॉलर के मुकाबले फाल्स ब्रेकआउट किसे कहते हैं? रुपया 10.50 फीसदी से ज्यादा कमजोर हो चुका है.

Tringle Chart patterns क्या हैं? ट्राईएंगल चार्ट की फुल जानकारी हिंदी में

Tringle chart patterns एक चार्ट पैटर्न हैं, आमतौर पर स्टॉक ट्रेडर्स इनका उपयोग करते हैं। चार्ट पैटर्न्स के द्वारा ट्रेडर्स शेयरों के प्राइस की ट्रेडिंग रेंज जानने के लिए इनको पहचानते हैं। जब एक शेयर के प्राइस की ट्रेडिंग रेंज एक अपट्रेंड या डाउनट्रेंड के बाद संकुचित होती है यानीं कि ट्रायंगल समय के साथ टाइट और टाइट होता जाता है जो bears और bulls के बीच बेटल को बताता है। tringle chart patterns शेयरों के प्राइस किस दिशा में घूमेंगे इसका साफ-साफ संकेत देते हैं। चलिए जानते हैं Tringle Chart patterns क्या हैं? ट्राईएंगल चार्ट की फुल जानकारी हिंदी में और Triangle Chart Pattern analysis in Hindi

Triangle chart pattern

ट्राईएंगल पैटर्न (Triangle patterns)

ट्राईएंगल पैटर्न तब बनता है जब स्टॉक्स की ट्रेंडिंग रेंज (Uptrend, Downtrend) बनने के बाद बाद narrows हो जाती है। जो कॉन्टीनुअशन और रिवर्सल से पहले, कंसोलिडेशन, accumulation, या डिस्ट्रीब्यूशन का संकेत देती है। ट्राईएंगल पैटर्न तीन प्रकार के होते हैं-

ascending pattern

इसे हिंदी में आरोही ट्रायंगल कहते हैं, यह पैटर्न तब form में आता है तब प्राइस higher low और एक समान हाई बनाते हैं। Ascending Triangle सामान्यतः अपट्रेंड के दौरान आता बनता है यह एक कन्टीनुअशन पैटर्न हैं। इस दौरान एक निश्चित प्राइस पर खरीदार ज्यादा जोर नही लगा पाते लेकिन वे प्राइस को ऊपर की और धकेलते रहते हैं।

डेसेंडिंग ट्रायंगल (Descending Tringle)

Descending Tringle

यह पैटर्न तब बनता है जब स्टॉक्स lower high बनाते हैं और सभी lower level का प्राइस एक समान होता है। यह पैटर्न सामान्यतः डाउनट्रेंड के दौरान बनता है, यदि ये डेसेंडिंग पैटर्न अपट्रेंड के दौरान बने तो सतर्क हो जाना चाहिए। क्योंकि यह एक शक्तिशाली सिग्नल हो सकता है, वैसे यह भी एक कॉन्टिनुएशन पैटर्न है।

Descending triangle pattern बनने के दौरान स्टॉक्स मंदड़ियों के कब्जे में रहते हैं और बॉटम लाइन पर सपोर्ट लेते हैं। यह असेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न का ठीक उल्टा पैटर्न है। कभी-कभी सपोर्ट लाइन बहुत ही स्ट्रांग होती है इसलिए प्राइस सपोर्ट लाइन पर बाउंस कर जाते हैं। तब स्ट्रांग up move आता है।

सयंमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न (Symmetrical Triangle Pattern)

Symmetrical Triangle Pattern

यह पैटर्न तब बनता है जब stocks लोअर हाई और हायर लो बनाते हैं और शेयर का प्राइस दिशाहीन होता है। यानि कि प्राइस एक रेंज में रहते हैं। इस दौरान तेजड़िये और मंदड़िये दोनों ही अनिर्णय की स्थिती में होते हैं। इनमें से कोई भी प्राइस पर कंट्रोल स्थापित नहीं कर पाता है। Symmetrical Triangle Pattern यदि अपट्रेंड में बनता है तो एक ट्रायंगल के बाद अपट्रेंड फिर से आ जाता है।

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