सुबह की ये गलतियां बनती हैं बाल झड़ने का कारण, इन टिप्स को करें फॉलो; नहीं पड़ेगी इलाज की जरुरत
Hair Care: आज के दौर में बाल झड़ने की समस्या लगभग हर किसी को है. कम उम्र में ही बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं.
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इन 5 योग आसान से आप क्रोध को काबू में कर सकते है
नियमित रूप से योग करना आपके क्रोध को कम करने के लिए बहुत ही उपयोगी रूप से काम करता है. यदि आपके पास कोई पहचान समस्या है, तो लगातार अभ्यास करने से मन को मजबूत बना सकता है. हालांकि, आपको अंतिम लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए योगा क्लास ज्वाइन करना चाहिए, जो क्रोध का प्रबंधन करना है.
Yoga Tips : हार्ट ब्लॉकेज खोलने में मदद करता है है ये आसन, जीवन भर रहेंगे फिट
Yoga Tips for Heart Blockage हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण अनियमित रुटीन है। लेकिन अगर आप नियमित तौर पर यह आसन करते हैं तो इससे दूर रह सकते हैं। फिर देर मत कीजिए आज से ही शुरू कर दीजिए.
जमशेदपुर : अगर आप फेफड़ों को मजबूत रखना चाहते हैं तो भुजंगासन जरूर करें। इससे हार्ट ब्लॉकेज कभी नहीं होगा। भुजंगासन, सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से आठवां है। भुजंगासन को सर्पासन, कोबरा आसन या सर्प मुद्रा भी कहा जाता है। इस मुद्रा में शरीर सांप की आकृति बनाता है। यह आसन जमीन पर लेटकर और पीठ को मोड़कर किया जाता है। जबकि सिर सांप के उठे हुए फन की मुद्रा में होता है। भुजंगासन करने की विधि, इससे होने वाले अनेक फायदे के बारे में जानकारी दे रही हैं जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा।
योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि भुजंगासन करने से पहले कुछ जानकारी होना जरूरी है। जैसे भुजंगासन को खाली पेट ही करना चाहिए। भोजन, आसन करने के वक्त से कम से कम चार से छह घंटे पहले किया जाना चाहिए। इससे हमारे पेट में गए भोजन को पचने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। पचे हुए भोजन से मिलने वाली उर्जा से आपको आसन करने में आसानी होगी। भुजंगासन सुबह में ही करना अच्छा होता है।
भुजंगासन करने की विधि
- पेट के बल जमीन पर लेट जाएं, अपनी दोनों हथेलियों को जांघों के पास जमीन की तरफ करके रखें। ध्यान रखें के आपके टखने एक दूसरे को छूते रहें।
- इसके बाद अपने दोनों हाथों को कंधे के कमजोर मुद्रा से कौन आहत होता है बराबर लेकर आएं और दोनों हथेलियों को फर्श की तरफ करें।
- अब अपने शरीर का वजर अपनी हथेलियों पर डालें, सांस भीतर खींचें और अपने सिर को उठाकर पीठ की तरफ खीचें। ध्यार दें कि इस समय आपकी कुहनी मुड़ी हुई हो।
- इसके बाद आपे सिर को पीछे की तरफ खीचें और साथ ही अपनी छाती को भी आगे की तरफ निकालें। सिर को सांप के फन की तरह खींचकर रखें। लेकिन ध्यान दें कि आपके कंधे कान से दूर रहें और कंधे मजबूत बने रहें।
- इसके बाद अपने हिप्स, जांघों और पैरों से फर्श की तरफ दबाव बढ़ाएं।
- शरीर को इस स्थिति में करीब 15-30 सेकेंड तक रखें और सांस की गति को सामान्य बनाए रखें। ऐसा महसूस करें कि आपका पेट फर्श की तरफ दब रहा है। लगातार अभ्यास करने के बाद आप इस आसन को दो मिनट तक भी कर सकते हैं।
भुजंगासन करने के फायदे
- टेंशन दूर होता है और डिप्रेशन में भी इससे फायदा मिल सकता है।
- फेफड़ों और हार्ट की नसों के ब्लॉकेज खोलने में भी मदद करता है।
- साइटिका और अस्थमा की बीमारी में भी राहत दिलाता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूती और लचीलापन बढ़ता कमजोर मुद्रा से कौन आहत होता है है।
- पेट के निचले हिस्से के सभी अंगों को मजबूत करता है।
- पाचनतंत्र, मूत्रमार्ग की समस्याओं को दूर करता है और यौन शक्ति बढ़ाता है।
- वजन कम करने में मदद मिल सकता है।
- फेफड़े, कंधों, सीने और पेट के निचले हिस्से में अच्छा खिंचाव मिलता है।
भुजंगासन करने में सावधानियां
भुजंगासन करने के लिए कुछ सावधानियां है। जैसे कि यदि आप हर्निया के मरीज हैं तो भुजंगासन नहीं करें। इसी तरह पीठ में चोट, कार्पल टनल सिंड्रोम, सिर दर्द, पेट के निचले हिस्से में सर्जरी हो तो नहीं करना चाहिए।
महिलाओं का Uterus क्यों हो जाता है कमजोर? गर्भाशय को कैसे बनाएं मजबूत
महिला में गर्भधारण से लेकर प्रसव तक गर्भ को सही रखने के लिए बच्चेदानी यानि गर्भाशय का स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है. य . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : January 07, 2020, 16:54 IST
गलत लाइफस्टाइल के कारण आजकल 10 में से करीब 7 महिलाएं किसी न किसी शारीरिक बीमारी की शिकार हैं. महिलाओं की इन समस्याओं में से एक बड़ी परेशानी है Uterus (बच्चेदानी) में कमजोरी. www.betterhealth.vic.gov.au की खबर के अनुसार बहुत सी महिलाएं इस समस्या से अंजान होने के कारण समय पर इसका इलाज नहीं करवा पाती हैं जिसके कारण प्रेग्नेंसी के दौरान मिसकैरेज का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है. आइए आपको बताते हैं यूट्रस (बच्चेदानी) में कमजोरी के कारणों के बारे में. साथ ही इस बात की भी जानकारी जरूरी है कैसे इसे ठीक किया जा सके.
यूट्रस में कमजोरी का कारण
महिला में गर्भधारण से लेकर प्रसव तक गर्भ को सही रखने के लिए बच्चेदानी यानि गर्भाशय का स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है. यह महिला प्रजनन प्रणाली का आधार बनाता है लेकिन गलत खान-पान व लाइफस्टाइल के चलते यूट्रस कमजोर हो जाती है. वहीं महिलाओं में शारीरिक कमजोरी के कारण बच्चेदानी में कमजोरी आ जाती है. कई बार प्रसव के बाद भी गर्भाश कमजोर हो जाता है. मानसिक कमजोरी के चलते भी ऐसा होता है. बाहरी या अंदरूनी चोट के कारण भी गर्भाशय कमजोर हो सकता है.
बढ़ता है मिसकैरेज का खतरा
कमजोरी के कारण यूट्रस अंडों को संभाल नहीं पाता, जिसके कारण गर्भपात या मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि इस बात से ज्यादा चिंतिंत होने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप सही डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल से गर्भाशय को मजबूत बना सकती है. इसके लिए आपको अपनी डाइट में कई तरह की चीजों का इस्तेमाल करना होगा.
फाइबर
अपनी डाइट में अधिक से अधिक फाइबर युक्त चीजें जैसे ब्रोकली, फल, ओट्स, नट्स, पालक, बीन्स, एवाकाडो का सेवन जरूर करें.
हरी सब्जियां खाएं
अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा आर्गेनिक हरी पत्तेदार सब्जियां जरूर शामिल करें. रोजाना इसका सेवन करने से यूट्रस में मजबूती आएगी.
विटामिन सी युक्त फल
अगर यूट्रस में कोई भी समस्या है तो विटामिन-सी युक्त फलों का अधिक से अधिक सेवन करें. इससे आपकी बच्चेदानी तो मजबूत होती ही है और साथ ही इसमें कैंसर की समस्या भी दूर रहती है.
डेयरी प्रोडक्ट्स
अगर आप अपने खान-पान की चीजों में लगातार दही, पनीर और दूध का सेवन करेंगी तो गर्भाशय और ओवरी दोनों स्वस्थ रहेंगे. इसके अलावा इनमें कैल्शियम और विटामिन भी कमजोर मुद्रा से कौन आहत होता है पाए जाते हैं, जो गर्भाशय के फाइब्रॉयड्स को दूर करता है.
ग्रीन टी
ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जिससे न सिर्फ यूट्रस मजबूत होता है बल्कि इससे आप कई अन्य समस्याओं से भी बच सकती हैं.
मछली
मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है. इससे महिलाओं में उन प्रोस्टाग्लैंडिंस का निर्माण कम होता है जो कि महिलाओं में गर्भाशय के संकुचन के लिए जिम्मेदार होते हैं.
कैस्टर ऑयल
इसमें मौजूद रिकोनोलेयिक एसिड ओवरी में बनने वाले सिस्ट और गर्भाशय के फाइब्रोइड्स को ठीक करता है और शरीर के इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है.
बेरी
बेरी में ऐसे एंटीआक्सीडेंट पाए जाते हैं जो ओवरी को फ्री रेडिकल्स से बचाने का काम करते हैं. यह ओवरी और गर्भाशय को कई तरह की दिक्कतों से बचाता है. इसके आप सलाद के रूप में डाइट में शामिल कर सकती हैं.कमजोर मुद्रा से कौन आहत होता है
योग भी है मददगार
रोजाना गर्भासन करने से न सिर्फ यूट्रस की कमजोरी दूर होती है बल्कि इससे आप बच्चेदानी में होने वाली अन्य समस्याओं से भी बची रहती हैं. इसके लिए सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं. इसके बाद अपने हाथों को जांघ व पिंडलियों के बीच से फंसाकर कोहनियों तक बाहर निकालें. फिर दोनों कोहनियों को मोड़ते हुए घुटनों को ऊपर की ओर उठाएं. शरीर को संतुलित रखते हुए दोनों हाथों से दोनों कान को पकड़ें. शरीर का पूरा भार नितंब पर डालें और 5 मिनट तक इसी स्थिति में बैठी रहें. इसके बाद धीरे-धीरे समान्य हो जाएं.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.
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अगर आदमी की याददाश्त कमजोर हो जाए तो निम्नलिखित में से कौन सा हिस्सा घायल हो गया है?
Additional Information
- मज्जा में केंद्र होते हैं जो श्वसन, हृदय संबंधी सजगता और गैस्ट्रिक स्राव को नियंत्रित करते हैं।
- कई और न्यूरॉन्स के लिए अतिरिक्त स्थान प्रदान करने के लिए सेरिबैलम की सतह बहुत जटिल होती है
- हाइपोथेलेमस थैलेमस के आधार पर स्थित है। हाइपोथैलेमस में कई केंद्र होते हैं जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करते हैं, खाने और पीने के लिए आग्रह करते हैं।
- इसमें न्यूरोसैकेरेट्री कोशिकाओं के कई समूह भी शामिल हैं, जो हाइपोथैलेमिक हार्मोन नामक हार्मोन का स्राव करते हैं।
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Last updated on Sep 22, 2022
UP TGT (Trained Graduate Teacher) application window closed on 16th July 2022. In this year's recruitment कमजोर मुद्रा से कौन आहत होता है cycle a total of 3539 vacancies were released. Willing candidates having the required UP TGT Eligibility Criteria can apply for the exam. This is a golden opportunity for candidates who want to get into the teaching profession in the state of Uttar Pradesh.
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