विदेशी मुद्रा बाजार में
आदि डेरिवेटिव, मुद्रा बाजार के उपकरणों में लेनदेन को विनियमित करने की शक्ति.
45W. (1) बैंक, सार्वजनिक हित में, या अपने लाभ के लिए देश की वित्तीय प्रणाली को विनियमित ब्याज दरों या ब्याज दर उत्पादों से संबंधित नीति निर्धारण और में काम, सभी एजेंसियों या उनमें से किसी को इस निमित्त निर्देश दे सकता है प्रतिभूतियों, मुद्रा बाजार के उपकरणों, विदेशी मुद्रा, डेरिवेटिव, या बैंक के रूप में की तरह प्रकृति के अन्य उपकरणों से समय समय पर विदेशी मुद्रा बाजार में निर्दिष्ट कर सकते हैं:
इस उपधारा के तहत जारी निर्देशों प्रतिभूति संविदा (विनियमन) की धारा 4 के तहत मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों अधिनियम, 1956 (पर, उसमें उल्लेख किया लेनदेन के संबंध में ट्रेडों के निष्पादन या निपटान के लिए प्रक्रिया से संबंधित नहीं होगा बशर्ते कि 1956 का 42).
(2) बैंक, एजेंसियों उपधारा में निर्दिष्ट को विनियमित करने के लिए इसे सक्षम बनाने के उद्देश्य के लिए (1), उनमें से कोई भी जानकारी, बयान या अन्य विवरण के लिए कहते हैं, या किए जाने के लिए ऐसी एजेंसियों के निरीक्षण के कारण हो सकता है.
Forex Market : शुरुआती कामकाज में रुपया मजबूत, डॉलर के मुकाबले 28 पैसे बढ़कर 79.25 पर पहुंचा
अंतर बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 79.30 पर खुला और फिर शुरुआती सौदों में 79.25 का स्तर छू गया। इस तरह इसमें सोमवार के बंद भाव की तुलना में 28 पैसे की बढ़त दर्ज की गई। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे बढ़कर 79.53 पर बंद हुआ था।
विदेशी मुद्रा बाजार यानी फॉरेक्स मार्केट में आज शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत रहा। यह 28 पैसे मजबूत होकर डॉलर के मुकाबले 79.25 पर पहुंच गया। इसकी वजह डॉलर में गिरावट और विदेशी फंडों की आवक बढ़ना रही।
अंतर बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 79.30 पर खुला और फिर शुरुआती सौदों में 79.25 का स्तर छू गया। इस तरह इसमें सोमवार के बंद भाव की तुलना में 28 पैसे की बढ़त दर्ज की गई। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे बढ़कर 79.53 पर बंद हुआ था।
कच्चा तेल टूटकर 93 डॉलर, शेयर बाजार में उछाल
उधर, वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा सौदों में 0.21 फीसदी विदेशी मुद्रा बाजार में गिरकर 93.80 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बीएसई सेंसेक्स 292.69 अंक या 0.49 फीसदी की तेजी के साथ 60,407.82 पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह एनएसई निफ्टी 93.25 अंक या 0.52 फीसदी बढ़कर 18,029.60पर पहुंच गया। शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशक खरीदार बने हुए हैं। सोमवार को उन्होंने 2,049 करोड़ करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदी की।
मुद्रास्फीति बढ़कर 7 फीसदी
देश में खाद्य और ईंधन के दाम बढ़ने से अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़कर 7 फीसदी हो गई, जबकि फैक्ट्रियों का उत्पादन चार माह के निचले स्तर 2.4 फीसदी पर आ गया। वित्त मंत्रालय ने मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की वजह खाद्य और ईंधन की कीमतों में वृद्धि बताई है।
विस्तार
विदेशी मुद्रा बाजार यानी फॉरेक्स मार्केट में आज शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत रहा। यह 28 पैसे मजबूत होकर डॉलर के मुकाबले 79.25 पर पहुंच गया। इसकी वजह डॉलर में गिरावट और विदेशी फंडों की आवक बढ़ना रही।
अंतर बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 79.30 पर खुला और फिर शुरुआती सौदों में 79.25 का स्तर छू गया। इस तरह इसमें सोमवार के बंद भाव की तुलना में 28 पैसे की बढ़त दर्ज की गई। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे बढ़कर 79.53 पर बंद हुआ था।
कच्चा तेल टूटकर 93 डॉलर, शेयर बाजार में उछाल
उधर, वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा सौदों में 0.21 फीसदी गिरकर 93.80 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बीएसई सेंसेक्स 292.69 अंक या 0.49 फीसदी की तेजी के साथ 60,407.82 पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह एनएसई निफ्टी 93.25 अंक या 0.52 फीसदी बढ़कर 18,029.60पर पहुंच गया। शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशक खरीदार बने हुए हैं। सोमवार को उन्होंने 2,049 करोड़ करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदी की।
मुद्रास्फीति बढ़कर 7 फीसदी
देश में खाद्य और ईंधन के दाम बढ़ने से अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़कर 7 फीसदी हो गई, जबकि फैक्ट्रियों का उत्पादन चार माह के निचले स्तर 2.4 फीसदी पर आ गया। वित्त मंत्रालय ने मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की वजह खाद्य और ईंधन की कीमतों में वृद्धि बताई है।
विदेशी मुद्रा बाजार की संरचना
यदि आप को foreign currency को खरीदना व् बेचना है तो आप को विदेशी मुद्रा बाजार की संरचना का पता होना चाहिए। विदेशी मुद्रा बाजार अरबों डॉलर का व्यापार हर रोज किया जाता है । इस की सरचना इसके मुख्ये तीन खिलाडी बनाते है । ओओ उनके बारे में जाने ।
1. वाणिज्यिक बैंक
वाणिज्यिक बैंक अपने customers के लिए या अपने लिए विदेशी मुद्रा को खरीदते या बेचते हैं। इस तरह विदेशी मुद्रा बाजार वाणिज्यिक बैंकों द्वारा कवर किया जाता है, जो इस की संरचना का प्रमुख हिस्सा है। वे अपने ग्राहकों को देने या लेने के लिए तैयार कर रहे हैं यह उसे rate पर foreign currency खरीदते या बेचते है जो उनका गाहक चाहता है । पर याद रखे कि यह जरुरी नहीं है कि यह same rate पर खरीद या बेच सके । क्यूकी lots of other factors affect करते है ।
2. विदेशी मुद्रा दलाल
विदेशी मुद्रा बाजार की संरचना का दूसरा बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा दलालों का है। वे कमीशन एजेंट हैं। वे विक्रेताओं के पास विदेशी मुद्रा के खरीदारों को लाने के लिए मदद करते है। अन्य उद्योगों के दलालों की तरह, उनके ग्राहकों की ओर से विदेशी मुद्रा खरीदते या बेचते है । बाजार का उनकों बहुत deeply पता होता है ।
3. विदेशी बाजार
जैसे सब्जी मंडी होती है वैसे ही विदेशी मुद्रा की खरीद व बेच का भी बाजार होता है प्रमुख बाजारों लंदन विदेशी मुद्रा बाजार, न्यू यॉर्क विदेशी मुद्रा बाजार, सिंगापुर विदेशी मुद्रा बाजार के नाम आ सकते हैं। सभी अपने निर्धारित समय पर खुलते व् बंद होते हैं। यदि हम इसे एक श्रृंखला में रखेंगे तो, पूरे विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार 24 घंटे के लिए खुला हुआ दिखाई देगा ।
उपरोक्त लेख को अपनी मातृभाषा में पड़े ।
विदेशी मुद्रा बाजार की संरचना को और detail में जानने के लिए पड़ने योग्य पुस्तक ( संदर्भ )
विदेशी विनिमय बाजार के कार्य
विदेशी मुद्रा बाजार, विश्व की मुद्राओं के क्रय-विक्रय (व्यापार) का बाजार है जो विकेन्द्रित, चौबीसों घंटे चलने वाला, काउन्टर पर किया जाने वाले (over the counter) कारोबार है। अन्य वित्तीय बाजारों की अपेक्षा यह बहुत नया है और पिछली शताब्दी में सत्तर के दशक में आरम्भ हुआ। फिर भी सम्पूर्ण कारोबार की दृष्टि से यह सबसे बड़ा बाजार है। विदेशी मुद्राओं में प्रतिदिन लगभग ४ ट्रिलियन अमेरिकी डालर के तुल्य कामकाज होता है। अन्य बाजारों की तुलना में यह सबसे अधिक स्थायित्व वाला बाजार है।
1 विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार का इतिहास
2 अचल (Fixed) विदेशी मुद्रा दरें
3 चल (FLOATING) विदेशी मुद्रा दरें
4 इन्हें भी देखें
विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार का इतिहास
1970 से पहले तक विदेशी मुद्रा विनिमय दरें स्थायी रूप से तय रहा करती थीं। 70 के दशक से ही लगातार परिवर्तन होने वाली चल (FLOATING) विनिमय दरों[1] का प्रचलन शुरू हुआ।
अचल (Fixed) विदेशी मुद्रा दरें
अचल विदेशी मुद्रा दरों का चलन,विश्व युद्ध के पहले (Pre World war) समय में जारी आर्थिक भेदभाव के मुद्दों की वजह से हुआ, जहां कुछ देशों के पास दूसरे देशों की तुलना में अधिक व्यापारिक अधिकार होते थे। स्वतंत्र व्यापार को बढ़ावा देने के लिये, अलग - अलग मुद्राओं के बीच स्वतंत्र परिवर्तन का होना ज़रूरी समझा गया और इसीलिए अचल विदेशी मुद्रा दर प्रणाली अस्तित्व में आई। इससे संदर्भित नियम, 44 सहयोगी राष्ट्रों के प्रतिनिधियों के सम्मेलन में जुलाई 1944 के पहले तीन हफ्तों के दौरान तय किए गए थे। इस सम्मेलन का आयोजन, ब्रैटनवुड्स न्यू हैम्पशायर (Bretton Woods, New Hampshire, US) में किया गया था और इसलिए इस प्रणाली या नियमों को ब्रैटनवुड्स प्रणाली कहा जाता है।
चल (FLOATING) विदेशी मुद्रा दरें
चल विदेशी मुद्रा दर प्रणाली में किसी भी देश की मुद्रा के मूल्य में परिवर्तन, विदेशी मुद्रा बाजार में जारी व्यापार, मांग व पूर्ति (Demand Supply) या अन्य संदर्भित कारणों की वजह से होने वाले उतार-चढ़ाव की वजह से होता रहता है।
एकल प्राथमिक डीलरों को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार की सभी सुविधाओं की पेशकश की अनुमति पर विचार
नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) एकल प्राथमिक डीलर (एसपीडी) विदेशी मुद्रा बाजार में खरीद-बिक्री से संबंधित सभी सुविधाओं की पेशकश कर सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ने) देश में विदेशी मुद्रा बाजार में वित्तीय बाजार के विकास को सुगम बनाने के लिये शुक्रवार को यह प्रस्ताव किया। फिलहाल श्रेणी-1 के अंतर्गत आने वाले अधिकृत डीलरों को इसकी पेशकश की अनुमति है। इस कदम से ग्राहकों को अपने विदेशी मुद्रा जोखिम का प्रबंधन करने के लिये विभिन्न इकाइयों (मार्केट मेकर्स) का विकल्प मिलेगा। साथ ही इससे भारत में विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार भी मजबूत होगा। एसपीडी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान होते हैं, जिन्हें सरकारी
फिलहाल श्रेणी-1 के अंतर्गत आने वाले अधिकृत डीलरों को इसकी पेशकश की अनुमति है।
इस कदम से ग्राहकों को अपने विदेशी मुद्रा जोखिम का प्रबंधन करने के लिये विभिन्न इकाइयों (मार्केट मेकर्स) का विकल्प मिलेगा। साथ ही इससे भारत में विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार भी मजबूत होगा।
एसपीडी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान होते हैं, जिन्हें सरकारी प्रतिभूतियों में लेन-देन की अनुमति होती है।
मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद रिजर्व गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘एकल प्राथमिक डीलरों ने देश के वित्तीय बाजारों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसको देखते हुए उन्हें विदेशी मुद्रा बाजार में खरीद-बिक्री से संबंधित सभी सुविधाओं की पेशकश करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है. ।’’
उन्होंने कहा कि इस कदम से ग्राहकों को अपने विदेशी मुद्रा जोखिम का प्रबंधन करने के लिये विभिन्न इकाइयों (मार्केट मेकर्स) के साथ काम करने का विकल्प मिलेगा।
व्यापक स्तर पर मौजूदगी से एसपीडी सरकारी प्रतिभूतियों के मामले में प्राथमिक और द्वितीयक बाजार गतिविधियों को समर्थन दे पाएंगे।
दास ने बयान में यह भी कहा, ‘‘एकल प्राथमिक डीलरों (एसपीडी) को सीधे प्रवासी भारतीयों और अन्य से विदेशी मुद्रा निपटान ओवरनाइट इंडेक्स्ड स्वैप (एफसीएस-ओआईएस) लेनदेन की अनुमति दे दी है।
वर्तमान में एकल प्राथमिक डीलरों को सीमित उद्देश्यों के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार करने की अनुमति है।
इस विदेशी मुद्रा बाजार में साल फरवरी में बैंकों को विदेशी एफसीएस-ओआईएसबाजार में प्रवासियों और अन्य से लेनदेन की अनुमति दी गयी थी।
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न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 74