🔸भलाई के काम के लिए एक्सचेंज से पैसे जुटा सकेंगे
🔸सोशल स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ने के लिए नियम जारी
🔸राज्यों के कानून, सोसाइटीज एक्ट, ट्रस्ट एक्ट में रजिस्ट्रेशन@SEBI_India pic.twitter.com/dbdkEEUPGe — Zee Business (@ZeeBusiness) September 19, 2022

Social Stock Exchange: BSE को मिली सोशल स्टॉक एक्सचेंज शुरू करने की इजाजत, नॉन प्रॉफिट आर्गनाइजेशन की होगी लिस्टिंग

BSE To Start Social Stock Exchange: वित्त वर्ष 2019-20 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने का प्रस्ताव रखा था.

By: ABP स्टॉक एक्सचेंज क्या है? Live | Updated at : 07 Oct 2022 01:26 PM (IST)

Edited By: manishkumar

प्रतिकात्मक फोटो ( Image Source : Getty )

Social Stock Exchange: देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज BSE को सोशल स्टॉक एक्सचेंज ( Social Stock Exchange) शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. शेयर बाजार ( Stock Market) के रेग्युलेटर सेबी ( SEBI) ने बीएसई ( BSE) को अलग से सोशन स्टॉक एक्सचेंज शुरू करने की इजाजत दी है.

बीएसई ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( National Stock Exchange) पर रेग्युलेटरी फाइलिंग में सूचित किया है कि सेबी ने BSE को अलग से सोशल स्टॉक एक्सचेंज शुरू करने की सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है. इस वर्ष जुलाई महीने में सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज शुरू करने के लिए नियमों को नोटिफाई किया था. सोशल स्टॉक एक्सचेंज के जरिए सोशल इंटरप्राइजेज फंड जुटा सकेंगे. सोशल इंटरप्राइजेज के तहत आने वाले लाभकारी इंटरप्राइजेज, गैर-लाभकारी आर्गनाइजेशन सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो सकेंगी. सोशल स्टॉक एक्सचेंज मौजूदा शेयर ट्रेडिंग के स्टॉक एक्सचेंज से बिलकुल अलग होगा.

पिछले महीने सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर गैर-लाभकारी आर्गनाइजेशन (NPO) के रजिस्ट्रेशन और डिस्क्लोजर के लिए न्यूनत्तम शर्तों के साथ एक लिए एडिशनल फ्रेमवर्क जारी किया था. सेबी ने कहा था कि किसी भी गैर-लाभकारी आर्गनाइजेशन को चैरिटेबल ट्रस्ट के तौर पर 3 साल के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा. जरुरी शर्तों में इन गैर-लाभकारी आर्गनाइजेशन ने बीते वित्त वर्षों में 50 लाख रुपये खर्च किया हो साथ ही 10 लाख रुपये की फंडिंग हासिल किया हो.

2019-20 में हुई स्टॉक एक्सचेंज क्या है? थी घोषणा
वित्त वर्ष 2019-20 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद SEBI द्वारा गठित कार्यकारी समूह ने गैर-लाभकारी संगठनों को बॉण्ड जारी करके सीधे सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग कराने की सिफारिश की थी. सितंबर, 2019 में इशरात हुसैन की अध्यक्षता में सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर सेबी ने एक कार्यकारी समूह का गठन किया था, जिसमें सामाजिक कल्याण (Social Welfare) की दिशा में सक्रिय लोग, वित्त मंत्रालय, स्टॉक एक्सचेंज और गैर-सरकारी संगठनों के स्टॉक एक्सचेंज क्या है? प्रतिनिधि शामिल थे.

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क्या है सोशल स्टॉक एक्सचेंज
सोशल स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो निवेशकों को सामाजिक उद्यमों में शेयर खरीदने की अनुमति देता है. सोशल स्टॉक एक्सचेंज एक माध्यम होगा जिसके जरिए सोशल इंटरप्राइजेज आम जनता और निवेशकों से सामाजिक कार्यों के लिए धन जुटा सकेंगे. सोशल स्टॉक एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की तर्ज पर ही कार्य करेगा, हालाँकि सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) का मकसद लाभ कमाना न होकर सामाजिक कल्याण करना रहेगा.

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Published at : 07 Oct 2022 12:50 PM (IST) Tags: Nirmala Sitharaman SEBI BSE bombay stock exchange Social Stock Exchange Social Enterprises Non Profit Organisation हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से स्टॉक एक्सचेंज क्या है? जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Stock Exchange क्या है Stock Exchange की काम करता है

Stock Exchange Kya Hai In Hindi: क्या आप जानते है स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है और इनके यूज कहां – कहां है. इस पोस्ट में यह भी बताने वाला हूं की Stock Exchange का कितने कार्य है. इन्ही सवालों का जबाब Website Hindi के पोस्ट में मिलेगा.

स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक एक्सचेंज क्या है? शेयर को निवेश करने के लिए बहुत सारे यूजर आते है जिसमें अनेकों कंपनियां शामिल होती है. Stock Exchange ऐसा बाजार होता है जहां पर हर समय विक्रेता और खरीदार मौजूद होते है. इस स्टॉक एक्सचेंज क्या है? तरह से पूरी जानकरी जानने के लिए इस आर्टिकल को पढ़िए.

stock exchange

स्टॉक एक्सचेंज क्या है (Stock Exchange In Hindi)

स्टॉक एक्सचेंज ऐसा जगह होता है जहां पर खरीदार और विक्रेता मौजूद होते है ताकि शेयर और ब्रांड को लेन-देन किया जा सके. वहीं नाम से ही पता चलता है की स्टॉक का मतलब शेयर और Exchange का मतलब खरीद-विक्री होता है.

अब आपके मन में यह सवाल होगा की यह किस नियम के अनुसार चलता है तो आपको बता दू यह Sebi के अंतर्गत नियमों पर कार्य करता है.

यहां से शेयर खरीदने के लिए किसी भी ब्रोकर से संपर्क करना होता है. ताकि स्टॉक एक्सचेंज क्या है? उनका ट्रेडिंग अकाउंट और Demat Account ओपन हो सके. इसके बाद Stock Exchange में कार्य किया जा सकता है.

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स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास (History Of Stock Exchange In Hindi)

स्टॉक एक्सचेंज को सबसे पहले नीदरलैंड में Dutch East India Company द्वारा 1602 में स्थापित किया गया था. इसलिए इसे दुनियां का बहुत ही पुराना स्टॉक एक्सचेंज कहा गया. उस समय इसमे कार्य करने की प्रक्रिया ऑफलाइन हुआ करता था.

कहने का मतलब यह है की उस समय सभी प्रक्रिया कागजो पर होता था. पहले के समसे में शेयर खरीदने व बेचने वाले को प्रूफ के रूप में कागजो पर लिखकर दिया जाता था.

इसके बाद इंटरनेट आने के बाद सभी कार्य ऑनलाइन कर दिया गया. यानि की आप ऑनलाइन ही खरीदार से डील कर सकते है.

इसके पहले किसी भी प्रॉब्लम को ठीक करने व पेपर से कार्य करने में कई हप्ते समय लग जाते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है. पहले के अपेक्षा इंटरनेट के दिनों में सभी कार्य जल्दी हो जाते है.

स्टॉक्स एक्सचेंज कैसे काम करता है

स्टॉक एक्सचेंज और कस्टमर के बिच शेयर को भेजने के लिए यह एक माध्यम है. जब कंपनी के पास पैसे की जरुरत होती है तब कुछ प्रतिशत को सार्वजनिक कर दिया जाता है, जिसके पहले स्टॉक एक्सचेंज को लिस्ट करवाना होता है.

इसके बाद कभी भी किसी ब्रोकर को पकड़कर कंपनी के शेयर को कर सकते है. इसमें आर्डर बेचने के लिए जयादा कुछ नही करना होता है क्यूंकि इनके सिस्टम द्वारा ही चुनाव कर लिया जाता है.

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में Stock Exchange क्या है Stock Exchange की काम करता है के बारे में डिटेल्स शेयर किया गया है. इस पोस्ट में यह भी बताया गया है की स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है.

एनएसई (NSE) क्या है? नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूरी जानकारी

NSE Kya Hai- National Stock Exchange

NSE Kya Hai: अक्सर आप न्यूज़ पेपर, टीवी चैनल या न्यूज़ मीडिया में एनएसई (NSE) का नाम सुनते होंगे। क्या आप जानते है Share Market में NSE का क्या काम होता है? यदि आप नहीं जानते, तो इस लेख में हम जानेंगे “एनएसई क्या है और एनएसई का मुख्य उद्देश्य और कार्य है?” साथ हम जानेंगे “नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास क्या है?”

NSE भारत का सबसे बड़ा और दुनिया 11वां सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट है, इसकी स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाना था। इसके स्थापना के पश्चात भारतीय शेयर बाजार में शेयर्स की खरीद-बिक्री इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होने लगी और लगभग सभी कागज़ी कार्यो को ख़त्म कर दिया गया।

NSE Kya Hai- National Stock Exchange

जिसकी वजह से शेयर बाजार में होने वाले Scam पर रोक लगी और निवेशको के हितो की रक्षा और उनके मन विश्वनीयता बन सकी। यदि आप स्टॉक एक्सचेंज में निवेश की सोच रहें स्टॉक एक्सचेंज क्या है? है, तो आपको एनएसई के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है। यदि आप वास्तव में NSE की पूरी जानकारी चाहते है, तो यह लेख आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है।

SEBI ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने का फ्रेमवर्क जारी किया, भलाई के काम के लिए एक्सचेंज से जुटा सकेंगे पैसे

Social Stock Exchange: यह एक तरह से सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों को बाजार से फंड जुटाने में मदद करेगा. 50 लाख रुपये का खर्च सामाजिक भलाई पर होना जरूरी. एक्सचेंज से जुड़ने से 1 साल पहले 10 लाख रुपये फंडिंग जरूरी. संस्था का सरकारी रजिस्ट्रेशन होना जरूरी शर्त होगी

Social Stock Exchange: भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (Sebi) ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) के लिए विस्तृत फ्रेमवर्क जारी किया है. नए फ्रेमवर्क में गैर-लाभकारी संगठनों (NPO) के लिए न्यूनतम जरूरतों को तय किया गया है, स्टॉक एक्सचेंज क्या है? जो इस बाजार में पंजीकरण और खुलासे के लिए जरूरी है. नियामक की तरफ से गठित एक कार्यसमूह और तकनीकी समूह की सिफारिशों के आधार पर तैयार की गयी है. SSE का विचार सबसे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने 2019-20 अपने बजट भाषण में पेश किया था. इसका उद्देश्य निजी और नॉन- प्रॉफिट सेक्टर्स को अधिक धन जुटाने का अवसर देना है.

क्या है स्टॉक एक्सचेंज क्या है? सोशल स्टॉक एक्सचेंज?

सोशल स्टॉक एक्सचेंज को आसान भाषा में समझें, तो यह एक तरह से सोशल सेक्टर में काम करने वाले संगठनों को बाजार से फंड जुटाने में मदद करेगा. इसका मतलब कि, अब प्राइवेट कंपनियों की तरह सोशल इंटरप्राइजेज (NPO व ऐसे अन्‍य संस्‍थान) भी खुद को शेयर बाजारमें लिस्टेड करा सकेंगे और पैसे जुटा सकेंगे.

राज्यों के कानून, सोसाइटीज एक्ट, ट्रस्ट एक्ट में रजिस्ट्रेशन

सेबी ने अपने सर्कुलर में SSE के साथ रजिस्ट्रेशन के लिए NPO द्वारा पूरी की जाने वाली न्यूनतम आवश्यकताओं का ब्योरा दिया है. इसमें एनपीओ के लिए ‘जीरो-कूपन जीरो प्रिंसिपल इंस्ट्रूमेंट्स’ जारी करके धन जुटाने की आवश्यकता और बाजारों में एनपीओ द्वारा किए जाने वाले वार्षिक ब्योरे के खुलासे आवश्यकताओं को पूरा करना शामिल है. ‘जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल इंस्ट्रूमेंट मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों पर पंजीकृत नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशंस द्वारा सेबी के नियमनों के अनुरूप जारी किए जाते हैं.

इसके अलावा नए फ्रेवर्क में लिस्टेड NPO को तिमाही के अंत से 45 दिन के भीतर एसएसई को धन के उपयोग का विवरण देना होगा, जैसा कि सेबी के नियमों के तहत अनिवार्य है. साथ ही सेबी ने एसएसई का उपयोग करके धन जुटाने वाले सामाजिक उद्यमों को वित्त वर्ष के अंत से 90 दिन के भीतर वार्षिक प्रभाव रिपोर्ट (एआईआर) का स्टॉक एक्सचेंज क्या है? खुलासा करने के लिए कहा है.नए नियमों के तहत एसएसई मौजूदा शेयर बाजारों का एक अलग खंड होगा.

🔸भलाई के काम के लिए एक्सचेंज से पैसे जुटा सकेंगे
🔸सोशल स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ने के लिए नियम जारी
🔸राज्यों के कानून, सोसाइटीज एक्ट, ट्रस्ट एक्ट में रजिस्ट्रेशन@SEBI_India pic.twitter.com/dbdkEEUPGe

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करने होंगे ये काम

सेबी ने कहा कि सामाजिक उपक्रमों को नियामक द्वारा लिस्टेड 16 व्यापक गतिविधियों में से एक में काम करना होगा. इसमें भुखमरी उन्मूलन, गरीबी, कुपोषण और असमानता, स्वास्थ्य सेवा का प्रसार, शिक्षा को समर्थन, रोजगारोन्मुखता और आजीविका और महिलाओं के सशक्तीकरण जैसी गतिविधियां शामिल हैं.

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