฿ से बिटकॉइन ฿ से बुलबुला?: इसे क्रिप्टो करेंसी का सरताज कहें या कुछ और (Hindi Edition) किंडल संस्करण
रुपये-पैसे का क्या सिर्फ अर्थव्यवस्था से लेना-देना होता है? जी नहीं, यह साइंस का भी एक मामला है। साइंस का योगदान सिर्फ करेंसी नोटों और सिक्कों के निर्माण में ही नहीं है बल्कि उसके लेनदेन, वितरण और जमा-निकासी आदि कई आर्थिक क्रियाओँ में भी है। वैसे तो अब हम सभी इससे परिचित हैं कि रुपये-पैसे जब डिजिटल रूप में मौजूद होते हैं तो न सिर्फ उनकी असली नोटों और सिक्कों के समान ही कीमत होती है, बल्कि कई मायनों में उनका डिजिटल लेनदेन ज्यादा सुविधाजनक होता है। कंप्यूटर, मोबाइल और डेबिट-क्रेडिट कार्ड के जरिये जो लेनदेन होता है, उसमें एक-एक पैसे का हिसाब-किताब रखा जा सकता है और अगर कोई फ्रॉड (धोखाधड़ी) न हो तो उसके खोने, चोरी होने या लुटने की भी कोई संभावना नहीं होती। नए युग की देन होने के साथ-साथ रुपये-पैसे के डिजिटलीकरण बेहद आम हो गया है पर अब दुनिया में बात हो रही है एक किस्म की वर्चुअल (आभासी) करेंसी की। ऐसी वर्चुअल करेंसी को क्रिप्टो करेंसी भी कहा जाता है। वैसे तो कई तरह की क्रिप्टो करेंसी चलन में आ चुकी हैं, पर इसकी चर्चा के केंद्र में बिटकॉइन ही रहा है।
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Crypto करेंसी का बुलबुला फूटा, Bitcoin में इस साल आ सकती है गिरावट: रिपोर्ट
Bitcoin 2021 की शुरुआत में 33,000 डॉलर के आसपास था. पिछले साल इसमें काफी तेजी देखने को मिली थी और यह नवंबर में 69,000 डॉलर पर पहुंच गया था. दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में उसके बाद से काफी गिरावट आई है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 18 जनवरी 2022,
- (अपडेटेड 18 जनवरी 2022, 12:43 PM IST)
- Invesco की रिपोर्ट में जताया गया अनुमान
- राजन भी Crypto को बता चुके हैं बबल
Cryptocurrency का बुलबुला फूट गया है और Bitcoin इस साल काफी नीचे आ सकता है. यूएस इंवेस्टमेंट कंपनी Invesco की एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है. इंवेस्टमेंट कंपनी ने ऐसे कुछ परिणाम को लेकर एक अनुमान लगाया है जो असंभव दिखता है लेकिन संभव हो सकता है.
यूएस इंवेस्टमेंट कंपनी के ग्लोबल हेड (असेट एलोकेशन) पॉल जैक्सन ने सोमवार को एक नोट में कहा, "Bitcoin की बड़े पैमाने पर मार्केटिंग 1929 में स्टॉक मार्केट क्रैश होने से पहले स्टॉक ब्रोकर्स की गतिविधियों की याद दिलाता है."
गिरावट को लेकर है यह अनुमान
जैक्सन ने कहा, "हमें लगता है कि यह अनुमान लगाना किसी तरह का अतिरेक है कि Bitcoin गिरकर इस साल 30,000 डॉलर के नीचे आ सकता है." उन्होंने कहा कि कम-से-कम इस बात की 30% संभावना है.2021 में आई थी जबरदस्त तेजी
Bitcoin 2021 की शुरुआत में 33,क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला 000 डॉलर के आसपास था. पिछले साल इसमें काफी तेजी देखने को मिली थी और यह नवंबर में 69,000 डॉलर पर पहुंच गया था. दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में उसके बाद से काफी गिरावट आई है और सोमवार को करीब 42,300 डॉलर के आसपास उस पर कारोबार क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला हो रहा था.इस प्रकार आ सकती है गिरावट
जैक्सन ने Bitcoin को फाइनेंशियल माइनिया करार देते हुए कहा था कि इसमें जल्द गिरावट देखने को मिल सकती है. उन्होंने लिखा है कि किसी भी फाइनेंशियल माइनिया के पीक पर पहुंचने के बाद एक साल में उसमें आम तौर पर 45% तक की गिरावट देखने को मिलती है. उन्होंने कहा कि Bitcoin में भी इसी तरह का पैटर्न देखने को मिल सकता है. यह अक्टूबर तक गिरकर 34,000-37,000 डॉलर के आसपास आ सकता है. हालांकि, इसमें और गिरावट आ सकती है और यह 30,000 डॉलर के नीचे भी आ सकता है. हालांकि, इंवेस्टमेंट फर्म ने इस बात को लेकर आगाह किया कि उनका ये अनुमान पूरी तरह सही साबित हो, क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है.राजन ने भी बताया था बुलबुला
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नवंबर में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की तुलना अनरेगुलेटेड चिट-फंड से की थी. उन्होंने कहा था कि अगर किसी भी चीज की वैल्यू सिर्फ इस वजह से है कि आने वाले समय में वैल्यू बढ़ सकती है तो यह वास्तव में एक बबल (बुलबुला) है.Crypto News: क्या खत्म हो रहा है क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज? बंद हो रहा है एक और क्रिप्टो एक्सचेंज, जानिए वजह
Bitfront Shuts Down Operations: Bitfront ने कहा है कि इस कदम का हालिया इश्यूज से कोई लेना-देना नहीं है जिनमें कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज पर कदाचार के आरोप लगे हैं.
Bitfront ने कहा है कि इस कदम का हालिया इश्यूज से कोई लेना-देना नहीं है जिनमें कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज पर कदाचार के आरोप लगे हैं.
एक समय में दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज में शामिल रहा एफटीएक्स (FTX) इस समय जांच के दायरे में है. अथॉरिटीज एक्सचेंज के खिलाफ लगे आपराधिक कदाचार के आरोपों की जांच कर रहे हैं.
कंपनी ने इस महीने की शुरुआत में बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया था. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी लेडर ब्लॉकफाई (BlockFi) ने सोमवार को चैप्टर 11 बैंकरप्सी प्रोटेक्शन के लिए आवेदन किया है. कंपनी को एफटीएक्स के Collapse के दौरान एक्सपोजर की वजह से नुकसान उठाना पड़ा था. दूसरी ओर, FTX Collapse क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला के बाद Bitcoin सहित सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखने को मिली थी.
Bitfront ने दी है ये जानकारी
बिटफ्रंट ने कहा है कि उसने 28 नवंबर को नए साइनअप और क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स की फैसिलिटी को सस्पेंड कर दिया है और 31 मार्च, 2023 से निकासी पर भी रोक लगा देगा. कंपनी ने कहा कि पांच दिसंबर से 11 दिसंबर के बीच के डिपॉजिट पर ब्याज का भुगतान 13 दिसंबर 2022 को किया जाएगा.फूट गया क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला
आभासी मुद्रा बिटक्वाइन की निवेश की दुनिया में काफी चर्चा हो रही है। कुछ समय पहले से बिटक्वाइन की कीमत क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला आसमान को छू रही थी लेकिन अचानक इसकी कीमत में 30 फीसदी से ज्यादा गिरावट आ गई। ऐसे में स्वयं निवेशक यह सवाल करने लगे हैं कि क्या बिटक्वाइन समेत अन्य क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट गया है? 19 मई को बिटक्वाइन, इथेरियम,डॉजकाइन समेत लगभग सभी क्रिप्टो करेंसी में गिरावट देखी गई। इसके पीछे कई कारण हैं। क्रिप्टो करेंसी को आनलाइन बेचा-खरीदा जाता है। नोट सरकारें छापती हैं और मुद्रा का उठना-गिरना बना रहता है। डिजिटल मुद्रा की शुरूआत 2009 में की गई, जो किसी सरकार के अधीन नहीं है। बिटक्वाइन की खरीद-फरोख्त की कोई आधिकारिक व्यवस्था भी नहीं है। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप से आपकी जेब में नहीं होती, यह पूरी तरह से आनलाइन होती है और बिना किसी नियमों के इसके जरिये व्यापार होता है। भारत में तो 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था। आरबीआई ने डिजिटल करेंसी के कारण साइबर धोखाधड़ी के मुद्दे को उठाया था। लेकिन मार्च 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आरबीआई के प्रतिबंध के खिलाफ फैसला सुनाते हुए सरकार को कोई निर्णय लेने से पहले इस मामले पर कानून बनाना चाहिए। पिछले महीने आरबीआई ने एक बार फिर कहा था कि वे भारत की खुद की क्रिप्टो करेंसी को लाने और उसके चलन को लेकर विकल्प तलाश रही है। सरकार ने साफ किया कि वे क्रिप्टो करेंसी को रखने वालों को इसे बेचने के लिए वक्त देगी। ऐसा कोई आंकड़ा हमारे पास नहीं है कि कितने भारतीयों के पास क्रिप्टो करेंसी है या कितने लोग इसमें व्यापार करते हैं। यह निश्चित है कि भारतीयों ने भी डिजिटल करेंसी में निवेश किया हुआ है और महामारी के दौरान इसमें बढ़ौतरी हुई है।
जब बिटक्वाइन की शुरूआत हुई तो लोगों को इस बारे में ज्यादा समझ नहीं थी और इसका मूल्य कम था। परन्तु महामारी के दौरान पिछले वर्ष लाकडाउन हुआ तो सरकारों ने कई तरह के प्रोत्साहन दिए, तब यूरोप, अमेरिका, कोरिया, जापान आैर चीन में अनेक आनलाइन निवेशक बाजार में उतरे। क्योंकि उन्हें सरकार से आर्थिक मदद मिल रही थी, ऐसे में लोग उन पैसों से इसे खरीदने लग गए। क्रिप्टो मुद्रा पारदर्शी नहीं है। भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में निवेशकों के लिए निवेशक सुरक्षा निधि होती है। यदि निवेशक का पैसा डूब जाता है तो एक्सचेंज उसकी क्षतिपूर्ति करवाता है, सेबी इसका विनियमन करता है परन्तु डिजिटल मुद्रा का किसी एक्सचेंज के साथ कोई विनियमन नहीं है। ऐसे में यदि आपका पैसा डूब जाए तो किसी की कोई जवाबदेही नहीं है। इसका मूल्य गिरने से निवेशकों को काफी नुक्सान पहुंचा है। इसका मूल्य गिराने के कारणों में चीन द्वारा अपने वित्तीय संस्थानों और पेमेंट कम्पनियों को क्रिप्टो करेंसी से संबंधित लेन-देन या अन्य किसी प्रकार की सेवा देने के लिए प्रतिबंधित करना भी रहा। यह खबर बाजारों में फैलते ही पैनिक सेलिंग शुरू हो गई। देखते ही देखते कुछ ही घंटों में क्रिप्टो करेंसी सिर के बल पर गिर गई। इसकी कीमतों में गिरावट के लिए अकेला चीन ही जिम्मेदार नहीं। पिछले हफ्ते इलैक्ट्रिक कार बनाने वाली कम्पनी रेस्ला के मालिक और दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क ने यह घोषणा की थी कि पर्यावरणीय नुक्सान को देखते हुए अब अपनी कार की बिक्री के लिए बिटक्वाइन को टेस्ला को पेमेंट मोड के रूप में स्वीकार नहीं करेगी। हालांकि इससे एक हफ्ते पहले उन्होंने बिटक्वाइन का पेमेंट के रूप में इस्तेमाल किए जाने को लेकर स्वीकृति दी थी। इससे भी निवेशक भ्रम की स्थिति में आ गए। एलन मस्क पहले बिटक्वाइन की बड़ी तारीफ करते थे लेकिन अन्य क्रिप्टो करेंसीज आने के बाद उनका रुख बदल गया।
क्रिप्टो करेंसी के साथ एक समस्या यह है कि इसकी कीमत कैसे तय हो? सोना है, उसके आभूषण हैं और सिक्के हैं जबकि बिटक्वाइन मुद्रा तो कम्प्यूटर में लिखा एक कोड है। यदि आप इसे तोड़ते (बिटक्वाइन माइजिंग) है अत्याधिक बिजली की खपत होती है। लोगों ने इसे जल्दी अमीर बनने की योजना जैसा समझ लिया है, जहां बेहद कम समय में अत्याधिक लाभ मिल जाता है। जिन्होंने इसेे बहुत सस्ते में खरीद कर ट्रेडिंग की और काफी फायदा कमाया, वह तो ठीक रहे लेकिन जिन्होंने इसे होल्ड करके रखा, उन्हें काफी नुक्सान हुआ। कई देशों की सरकारें और राष्ट्रीय बैंक जनता को चेतावनी दे चुके हैं कि आभासी मुद्रा किसी सरकार के अधिनियम के तहत नहीं है। फिर भी लालचवश लोग इसमें जा रहे हैं। कुछ दिन पहले इंटरनेट कम्प्यूटर के नाम से एक नया क्वाइन ईजाद हुआ। एक ही दिन में यह 45 अरब डालर का हो गया। किसी को नहीं पता कि यह किसने ईजाद किया। भारत में आभासी मुद्रा के ट्रेडिंग की अनुमति नहीं। इस पर टैक्स कैसे लगाया जाए यह भी किसी को पता नहीं है। इस पर टैक्स रिटर्न में सरकार पूछ क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला रही है कि यदि आपके पास क्रिप्टो करेंसी है तो आप इस बारे में बताइये। अभी भारत कोरोना की महामारी से लड़ रहा है, देर-सवेर सरकार को क्रिप्टो मुद्रा के लिए कानून लाना ही पड़ेगा। अगर भारत सरकार ऐसी खुद की आभासी मुद्रा लाता है तो देखना होगा कि क्या लोग इसे स्वीकार करेंगे या नहीं?
Cryptocurrencies crash: फूट गया है बिटकॉइन का बुलबुला या यह निवेश के लिए है सुनहरा मौका!
बुधवार को बिटकॉइन (Bitcoin) और Dogecoin सहित सभी क्रिप्टोकरेंसीज की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली। सवाल उठता है कि क्या क्रिप्टोकरेंसीज का बुलबुला फूट गया है या फिर यह निवेश के लिए सुनहरा मौका है। आइए जानते हैं..
बिटकॉइन की कीमत में बुधवार को 30 फीसदी गिरावट आई।
मस्क का सपोर्ट
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के ट्वीट्स से बिटकॉइन की कीमतें पहले से दबाव में थीं। पिछले हफ्ते मस्क ने कहा था कि टेस्ला बिटकॉइन को पेमेंट के रूप में स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने इसके इसके लिए बिटकॉइन की माइनिंग में खर्च होने वाली बिजली को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन बुधवार को बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज में भारी गिरावट के बीच उन्होंने डायमंड हैंड्स इमोजी ट्वीट की। सोशल मीडिया में इसका मतलब है कि आप किसी होल्डिंग को भाव देते हैं। यानी टेस्ला बिटकॉइन में अपनी होल्डिंग को बेचने नहीं जा रही है। फरवरी में टेस्ला ने बिटकॉइन में 1.5 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी।Toroso Investments के फाउंडर और चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर माइक वेनूतो ने कहा कि निश्चित रूप से मस्क के ट्वीट से बिटकॉइन को रिकवरी में मदद मिली। शायद मस्क के ट्वीट के बिना भी यह रिकवर हो सकती थी लेकिन इतने बेहतर ढंग से नहीं। बिटकॉइन की कीमत 14 अप्रैल को 64,895 डॉलर के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी लेकिन उसके बाद से इसमें 40 फीसदी गिरावट आई है। बुधवार को इसकी कीमत 30066 डॉलर तक गिर गई थी। लेकिन मस्क के ट्वीट से इनमें गिरावट का सिलसिला थम गया और यह 37,373 डॉलर पर पहुंच गई।
5 लाख डॉलर तक जा सकती है कीमत
क्रिप्टो कंसोर्टियम Panxora के सीईओ गैविन स्मिथ ने कहा कि बिटकॉइन में तेज गिरावट से बाजार को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। बिटकॉइन ने पिछले एक साल में जिस तरह की तेजी दिखाई थी उससे क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला कुछ निवेशकों के मुनाफावसूली करने की संभावना थी। अभी ऐसा ही हो रहा है। बिटकॉइन में गिरावट का असर दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज पर भी दिखाई दिया। ईथर 22.5 फीसदी गिरावट के साथ 2620 डॉलर पर ट्रेड कर रही थी। इसी तरह मजाक के तौर पर शुरू हुई क्रिप्टोकरेंसी Dogecoin 26 फीसदी गिरावट के साथ 35 सेंट पर थी।दूसरी ओर एआरके की सीईओ वूड ने ब्लूमबर्ग के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि वह अब भी अपने इस अनुमान पर कायम है कि बिटकॉइन की कीमत 5 लाख डॉलर तक जा सकती है। जेपी मॉर्गन के एनालिस्ट्स का कहना क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला है कि निवेशक बिटकॉइन से पैसा निकालकर गोल्ड में लगा सकते हैं। उनका कहना है कि क्रिप्टो एसेट में ऐसे वक्त गिरावट आ रही है क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला जब महंगाई की आशंका बढ़ रही है। इससे महंगाई के खिलाफ हेज के तौर पर एसेट क्लास में निवेश की संभावना कमजोर हो रही है।
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