भारत की लीडिंग क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Bitbns ने अपने ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स के लिए ऑटोमेटेड ट्रेडिंग फीचर पेश किया है.

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जानें विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग ऑफ़लाइन, क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग और बिटकॉइन ट्रेडिंग शुरुआती अग्रिम गाइड के लिए। आज बिटकॉइन और विदेशी मुद्रा बाजार पर ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपको जो कुछ भी जानने की जरूरत है उसे जानें!

बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन अपेक्षाकृत कम समय में आया है। दुनिया भर की कंपनियां, REEDS ज्वैलर्स, अमेरिका की एक बड़ी ज्वेलरी चेन, वारसॉ, पोलैंड के एक निजी अस्पताल में अपनी मुद्रा स्वीकार करती हैं। बिलियन डॉलर का कारोबार जैसे डेल, एक्सपीडिया, पेपाल और एमएस करते हैं। वेबसाइटें इसे बढ़ावा देती हैं, बिटकॉइन पत्रिका जैसे प्रकाशन अपनी खबर और मूल्य कार्रवाई प्रकाशित करते हैं, फ़ोरम क्रिप्टोक्यूरेंसी पर चर्चा करते हैं और इसके सिक्कों का व्यापार करते हैं। इसका एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस (एपीआई), मूल्य सूचकांक और विनिमय दर है।

विदेशी मुद्रा व्यापार क्या है? / निःशुल्क और ऑफलाइन के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार सीखें
विदेशी मुद्रा, जिसे विदेशी मुद्रा, एफएक्स या मुद्रा व्यापार के रूप में भी जाना जाता है, एक विकेंद्रीकृत वैश्विक बाजार है जहां दुनिया की सभी मुद्राओं का व्यापार होता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा, सबसे अधिक तरल बाजार है, जिसमें औसत दैनिक व्यापार की मात्रा 5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है। दुनिया के सभी संयुक्त शेयर बाजार भी इसके करीब नहीं आते हैं।

विकल्प ट्रेडिंग सीखें
विकल्प अनुबंध हैं जो वाहक को अधिकार देते हैं, लेकिन दायित्व नहीं है, अनुबंध की समय सीमा समाप्त होने से पहले या उससे पहले कुछ अंतर्निहित परिसंपत्ति की राशि खरीदने या बेचने के लिए। ब्रोकरेज निवेश खातों के साथ अधिकांश अन्य परिसंपत्ति वर्गों की तरह विकल्प खरीदे जा सकते हैं।

Cryptocurrency Trading क्या है?
एक क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग, या एक डिजिटल मुद्रा विनिमय, एक व्यवसाय है जो ग्राहकों को अन्य परिसंपत्तियों के लिए क्रिप्टोक्यूरेंसी या डिजिटल मुद्राओं का व्यापार करने की अनुमति देता है, जैसे कि पारंपरिक फ़िएट मनी या अन्य डिजिटल मुद्राएं। एक क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग एक बाजार निर्माता हो सकती है जो आम तौर पर बोली-पूछ फैलता है सेवा के लिए लेनदेन आयोग के रूप में या एक मेल खाने वाले प्लेटफॉर्म के रूप में, बस शुल्क लेता है।

शुरुआती विदेशी मुद्रा व्यापार अवधारणाओं के लिए
शुरुआती गाइड के लिए हमारा विदेशी मुद्रा व्यापार आपको दिखाएगा कि आप भी सही मार्गदर्शन के साथ एक पेशेवर की तरह व्यापार कर सकते हैं। व्यापार करना सीखें और आपको मूल बातें से लेकर विशेषज्ञ स्तरों तक व्यापार की दुनिया के बारे में सभी की आवश्यकता है।

बिटकॉइन ट्रेडिंग सीखें और बिटकॉइन माइनिंग ऑफ़लाइन
बिटकॉइन्स क्या हैं, इसे शुरू करने से ऐप शुरू होता क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग रणनीति है, फिर बिटकॉइन क्लाइंट सॉफ़्टवेयर की स्थापना के साथ आगे बढ़ता है और बिटकॉइन को संभव बनाने के लिए वॉलेट करता है। यह बिटकॉइन माइनिंग, एक्सचेंज और ट्रेडिंग पर भी चर्चा करता है। अंत में, यह बिटकॉइन के अनुप्रयोगों और भविष्य के लिए आगे बढ़ता है। इस ट्यूटोरियल ऐप को पढ़ने के बाद, आपने बिटकॉइन की सभी मूल बातें सीख ली होंगी; बिटकॉइन का उपयोग करने के लिए पर्याप्त है और बिटकॉइन में ट्रेडिंग और निवेश करके पैसे कमाएं।

विदेशी मुद्रा व्यापार और विदेशी मुद्रा व्यापार रणनीतियों को जानें
विदेशी मुद्रा बाजार एक रोमांचक जगह है। विदेशी मुद्रा बाजार में प्रवेश करने के बारे में एक अच्छी बात यह है कि आप अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी व्यापार कर सकते हैं। विदेशी मुद्रा बाजार आकार में बहुत बड़ा है और लाखों प्रतिभागियों के साथ सबसे बड़ा बाजार है। बैंकों को हेज फंड मैनेजरों को देने के लिए बैंकों, मनी एक्सचेंजर्स के सैकड़ों हजारों लोग, विदेशी मुद्रा बाजार में भाग लेते हैं।

क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग ऑफ़लाइन जानें
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज ऐसी वेबसाइटें हैं जहां आप अन्य डिजिटल मुद्रा या यूएस डॉलर या यूरो जैसी पारंपरिक मुद्रा के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं, बेच सकते हैं या एक्सचेंज कर सकते हैं। उन लोगों के लिए जो पेशेवर रूप से व्यापार करना चाहते हैं और फैंसी ट्रेडिंग टूल तक पहुंच रखते हैं, आपको एक एक्सचेंज का उपयोग करने की आवश्यकता होगी, जिसके लिए आपको अपनी आईडी सत्यापित करने और खाता खोलने की आवश्यकता होगी। यदि आप केवल सामयिक, सरल व्यापार करना चाहते हैं, तो ऐसे प्लेटफ़ॉर्म भी हैं जिनका आप उपयोग कर सकते हैं जिन्हें किसी खाते की आवश्यकता नहीं है।

स्टॉक मार्केट सीखें / स्टॉक्स के बारे में जानें
एक शेयर बाजार, इक्विटी मार्केट, या शेयर बाजार स्टॉक के खरीदारों और विक्रेताओं (जिन्हें शेयर भी कहा जाता है) का एकत्रीकरण है, जो व्यवसायों पर स्वामित्व के दावों का प्रतिनिधित्व करते हैं; शेयर बाजार में निवेश अक्सर स्टॉकब्रोकरेज और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाता है। निवेश आमतौर पर निवेश की रणनीति को ध्यान में रखकर किया जाता है।

एक्सचेंज क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म

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Coinrule आपको इसके उन्नत ट्रेडिंग बॉट का उपयोग करके एक्सचेंजों पर क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने की सुविधा देता है। शुरुआत से एक बॉट रणनीति बनाएं, या एक पूर्वनिर्मित नियम का उपयोग करें जिसका ऐतिहासिक रूप से एक्सचेंज एक्सचेंज पर कारोबार किया गया है। यह देखने के लिए कि क्रिप्टोक्यूरेंसी बाज़ार में ये रणनीतियाँ कैसे चलती हैं, डेमो ट्रेडों को मुफ्त में चलाएं।

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Cryptocurrency : क्रिप्टो निवेशक कैसे बनाते हैं मार्केट स्ट्रेटजी, क्या होते हैं Pivot Points, समझें

क्रिप्टो ट्रेडिंग इक्विटी और स्टॉक में ट्रेडिंग जैसी ही है. दोनों ही बाजार में निवेशक कुछ पैरामीटर्स के जरिए ओवरऑल ट्रेंड का अनुमान लगाते हैं. इनमें से एक पैरामीटर होते हैं- पिवट पॉइंट्स. निवेशक बाजार में पिछले ट्रेडिंग सेशन में सबसे ऊंचे स्तर, निचले स्तर और क्लोजिंग प्राइस के आधार पर इन पॉइंट्स को कैलकुलेट करते हैं.

Cryptocurrency : क्रिप्टो निवेशक कैसे बनाते हैं मार्केट स्ट्रेटजी, क्या होते हैं Pivot Points, समझें

Crypto Trading में पिवट पॉइंट्स के सहारे ओवरऑल ट्रेंड प्रिडिक्ट किया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग (cryptocurrency trading) इक्विटी और स्टॉक में ट्रेडिंग जैसी ही है. दोनों ही जोखिम के साथ अनुमानों पर चलती हैं और दोनों ही बाजार में निवेशक कुछ पैरामीटर्स के जरिए ओवरऑल ट्रेंड का अनुमान लगाते हैं और प्रिडिक्शन करते हैं. इनमें से एक पैरामीटर होते हैं- पिवट पॉइंट्स (pivot points). निवेशक बाजार में पिछले ट्रेडिंग सेशन में सबसे ऊंचे स्तर, निचले स्तर और क्लोजिंग प्राइस के आधार पर इन पॉइंट्स को कैलकुलेट करते हैं. इससे अनुमान लगाया जाता है कि निवेश में उनका अगला कदम क्यों होना चाहिए. क्या उन्हें पैसे निकाल लेने चाहिए या निवेश डबल कर देना चाहिए.

पिवट पॉइंट्स क्या होते हैं?

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पिवट पॉइंट का पता तकनीकी विश्लेषण के जरिए लगाया जाता है और इससे बाजार के ओवरऑल ट्रेंड का पता चलता है. सीधे शब्दों में बताएं तो यह पिछले ट्रेडिंग सेशन में सबसे ऊंचे स्तर, निचले स्तर और क्लोजिंग प्राइस का एवरेज यानी औसत आंकड़ा होता है. अगर अगले दिन के ट्रेडिंग सेशन बाजार इस पिवट पॉइंट के ऊपर जाता है, तो कहा जाता है कि बाजार बुलिश सेंटीमेंट यानी तेजी दिखा रहा है, वहीं, अगर बाजार इस पॉइंट से नीचे ही रह जाता है तो इसे बेयरिश यानी गिरावट वाला मार्केट माना जाता है. ऐसे मार्केट में निवेशकों को अपनी रणनीति बदलने की सलाह दी जाती है.

जब पिवट पॉइंट्स के साथ दूसरे टेक्निकल टूल्स को मिलाकर गणना की जाती है, तो इससे उस असेट के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ-साथ किसी शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग सेशन में सपोर्ट और रेजिस्टेंट लेवल का पता भी लगता है.

पिवट पॉइंट्स कैसे कैलकुलेट किए जाते हैं?

पिवट पॉइंट कैलकुलेट करने के कई तरीके हैं, लेकिन सबसे आम तरीका फाइव-पॉइंट सिस्टम है. इस सिस्टम में पिछले ट्रेडिंग सेशन के ऊंचे, सबसे निचले स्तर, और क्लोजिंग प्राइस के साथ दो सपोर्ट लेवल और दो रेजिस्टेंस लेवल को लेकर कैलकुलेशन किया जाता है.

पिवट पॉइंट कैलकुलेट करने का समीकरण ये है :

पिवट पॉइंट = (पिछले सत्र का ऊंचा स्तर + पिछले सत्र का निचला स्तर + पिछला क्लोजिंग प्राइस) 3 से विभाजन (/)

सपोर्ट लेवल कैलकुलेट करने का समीकरण :

सपोर्ट 1 = (पिवट पॉइंट X 2) − पिछले सत्र का ऊंचा स्तर

सपोर्ट 2 = पिवट पॉइंट − (पिछले सत्र का ऊंचा स्तर − पिछले सत्र का निचला स्तर)

रेजिस्टेंस लेवल कैलकुलेट करने के लिए समीकरण :

रेजिस्टेंस 1 = (पिवट पॉइंट X 2) − पिछले सत्र का निचला स्तर

रेजिस्टेंस 2 = पिवट पॉइंट + (पिछले सत्र का ऊंचा स्तर − पिछले सत्र का निचला स्तर)

इन समीकरणों से निकली गणनाओं का इस्तेमाल दो रेजिस्टेंस लेवल, दो सपोर्ट लेवल और एक पिवट पॉइंट तय करने के लिए करते हैं. इस सिस्टम से ट्रेडर्स पता लगा सकते हैं कि कहां पर कीमतें प्रभावित हो सकती हैं और बाजार के सेंटीमेंट पर असर डाल सकती हैं.

टाइम फ्रेम

ट्रेडर्स आमतौर पर पिवट पॉइंट्स का इस्तेमाल छोटे टाइम फ्रेम का चार्ट बनाने के लिए करते हैं. या तो ज्यादा से ज्यादा 4 घंटे या फिर कम से कम 15 मिनट का चार्ट बनाया जा सकता है.

पिवट पॉइंट्स कितने तरह के होते हैं?

पिवट पॉइंट पांच तरह के होते हैं. फाइव-पॉइंट सिस्टम में स्टैंडर्ड पिवट पॉइंट (Standard Pivot क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग रणनीति Point) का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा बाकी चार पिवट पॉइंट्स को- Camarilla Pivot Point, Denmark Pivot Point, Fibonacci Pivot Point और Woodies Pivot Point कहते हैं.

पिवट पॉइंट्स दूसरे इंडिकेटर्स या संकेतकों से अलग कैसे है?

पिवट पॉइंट सिस्टम मौजूदा प्राइस में मूवमेंट पर निर्भक रहने के बजाय, पिछले सत्र के डेटा का इस्तेमाल करता है. इस अप्रोच से ट्रेडर्स को आगे की संभावनाओं का जल्दी पता चलता है और वो इसके हिसाब से स्ट्रेटजी तैयार कर सकते हैं. ये पिवट पॉइंट अगले ट्रेडिंद सेशन तक स्टैटिक यानी स्थिर रहते हैं.

पिवट पॉइंट्स में कमी क्या है?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिवट पॉइंट्स ज्यादा बेहतर मदद बस इंट्रा-डे ट्रेडिंग में ही करते हैं क्योंकि ये बहुत ही सीधी गणना पर आधारित होते हैं और इस वजग से स्विंग ट्रेडिंग में काम नहीं आ सकते. साथ ही, अगर करेंसी में प्राइस मूवमेंट बहुत ज्यादा होने लगी तो इससे पिवट पॉइंट्स के अनुमान क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग रणनीति व्यर्थ हो सकते हैं. ऐसे में जब बाजार में ज्यादा वॉलेटिलिटी हो यानी कि ज्यादा उतार-चढ़ाव हो तो निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वो पिवट पॉइंट्स पर भरोसा न करें क्योंकि प्राइस मूवमेंट किसी भी कैलकुलेशन स्ट्रेटजी को धता बता सकता है.

Cryptocurrency में निवेश से पहले न करें जल्दबाजी, जरूर याद रखें ये 10 बातें

Cryptocurrency Investment : क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग रणनीति के बीच निवेश का एक पॉपुलर टूल बन गई हैं, लेकिन यह अब भी जबरदस्त उतार-चढ़ाव का शिकार होने वाला डिजिटल असेट है. ऐसे में इस बाजार में निवेश करने से क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग रणनीति पहले कुछ चीजें हैं जो जानना जरूरी है.

Cryptocurrency में निवेश से पहले न करें जल्दबाजी, जरूर याद रखें ये 10 बातें

Cryptocurrency निवेश का पॉपुलर माध्यम बन चुकी हैं.

Cryptocurrency की दुनिया आज पिछले कुछ सालों के मुकाबले कहीं ज्यादा आम हो गई है. शंका, क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग रणनीति डर और अनिश्चितता के फेज़ से गुजरकर आज के वक्त में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच निवेश का एक पॉपुलर टूल बन गई हैं. यहां तक कि इन्हें लेकर बड़ी कंपनियों क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग रणनीति में स्वीकार्यता भी बढ़ी है और पेमेंट के अल्टरनेट मोड में क्रिप्टोकरेंसी (payment in cryptocurrency) को स्वीकारा जाने लगा है. हालांकि, इस सबके बावजूद क्रिप्टोकरेंसी अब भी जबरदस्त उतार-चढ़ाव (highly क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग रणनीति volatile) का शिकार होने वाला डिजिटल असेट है. ऐसे में इस बाजार में निवेश करने से पहले कुछ चीजें हैं जो जान लीजिए और जिनके लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए.

1. गहरी रिसर्च जरूरी

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सबसे पहली बात है कि निवेश से पहले अपनी रिसर्च पक्की रखिए. पैसे-रुपयों के मामले में यह सबसे कॉमन बात है. कहीं भी पैसा लगाने से पहले आपको उस माध्यम की पूरी जानकारी होनी ही चाहिए. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के लिए यह और भी जरूरी है क्योंकि यह मार्केट अभी नया है और ट्रेडिशनल निवेश के माध्यमों या तरीकों से काफी अलग है. इसलिए अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जान लीजिए. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को समझ लीजिए, जान लीजिए कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में कैसे काम होता है.

2. हर इन्फॉर्मेशन को वेरिफाई करें

क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट डिसेंट्रलाइज्ड मार्केट है और इसको कोई रेगुलेट भी नहीं करता. यानी कि इसको कोई एक संस्था या व्यक्ति कंट्रोल नहीं करता है, वहीं ट्रेडिशनल करेंसी की तरह कोई सरकार या सरकारी संस्था इसका नियमन भी नहीं देखती. यह पूरी तरह स्वतंत्र है. ऐसे में जवाबदेही आप पर ही आकर रुकती है. इसमें धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का डर होता है. ऐसे में किसी की बात में न आएं, किसी स्कीम के चक्कर में तो बिल्कुल न पड़े. हर जानकारी किसी विश्वसनीय स्रोत से ही लें और वेरिफाई करें.

3. अपनी रिसर्च पर भरोसा करें

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को लेकर अकसर कहते हैं कि 'इस बारे में कोई कुछ नहीं जानता है.' हालांकि, फिर भी मार्केट में ढेरों मार्केट एनालिटिक्स, ट्रेंड एक्सपर्ट्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं, जो आपको क्रिप्टो मार्केट पर स्ट्रेटजी और टिप्स देते हुए मिलेंगे. लेकिन आपके लिए जरूरी है कि आप हर किसी की बात पर भरोसा न करें, अपनी रिसर्च को देखें और अपने पर्सनल फाइनेंस को देखते हुए स्ट्रेटजी बनाएं.

4. छोटे निवेश से शुरू करें

क्रिप्टो निवेश में शुरुआत करते वक्त ध्यान रखें कि शुरुआती चरण में एक ही क्रिप्टो के साथ स्टिक करें. इधर-उधर पैर फैलाने की कोशिश न करें. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखा जाता है, ऐसे में यही स्मार्ट होगा कि आप छोटे निवेश से शुरू करें. एक ही क्रिप्टो में निवेश करें और मार्केट की चाल को सीखें. जब थोड़ा कॉन्फिडेंट हो जाएं तब अपना निवेश बढ़ाएं.

5. थोड़ा धैर्य रखें

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग रणनीति वॉलेटिलिटी यानी अस्थिरता के बारे में जितना चेताया जाए, उतना कम है. ऐसे में यह जरूरी है कि आप थोड़ा धैर्य रखें. मार्केट की चाल अच्छी है या बुरी, बदल क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग रणनीति जाएगी. हमेशा ठंडे दिमाग से रणनीति के तहत फैसले लें.

blockchain

6. एक नई ईमेल ID रखना बेहतर

क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग, क्रिप्टो एक्सचेंज पर या peer-to-peer नेटवर्क पर होती है. प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेडिंग के लिए आपको ईमेल आईडी के जरिए अकाउंट खोलना पड़ता है. डेटा सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि आप क्रिप्टो का अपना पूरा निवेश और ट्रेडिंग वगैरह एक दूसरे आईडी पर रखें. इसके लिए एक अलग ईमेल आईडी बना लें.

7. क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स के बारे में पता होना चाहिए

क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन और ऑफलाइन वॉलेट में स्टोर किया जा सकता है. नए निवेशकों के लिए ऑनलाइन वॉलेट बेस्ट होता है, हालांकि, इसमें हैकिंग का डर ज्यादा होता है. ऐसे में दोनों वॉलेट को अच्छी तरह समझ लें और जो फिट लगे, वो चूज़ करें.

8. मोबाइल वॉलेट में अपनी पूरी करेंसी स्टोर न करें

इसमें कोई दोराय नहीं है कि मोबाइल वॉलेट्स बहुत ही सुविधाजनक होते हैं, लेकिन इनका हैक होना भी बहुत आसान होता है. ऐसे में कभी भी अपनी पूरी क्रिप्टोकरेंसी मोबाइल वॉलेट में स्टोर न करें.

9. क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स को मत भूलें

चूंकि क्रिप्टोकरेंसी पर किसी संस्था का नियमन नहीं होता है, ऐसे में इससे होने वाले प्रॉफिट पर आपको भारी टैक्स देना पड़ सकता है. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी निवेश और टैक्स को लेकर देश में क्या नियम हैं, वो सब जानने के बाद ही निवेश शुरू करें.

10. जल्दबाजी न करें

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट लुभावना माध्यम है और बहुत से लोग हर दिन इसमें निवेश और ट्रेडिंग के लिए जुड़ रहे हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप भी इसमें कूद जाएं. अपने फाइनेंस का आकलन कर लें, नियमों को अच्छे से जान लें. इसके बाद निवेश शुरू करें. और क्रिप्टो को लेकर खबरों पर भी नजर रखें कि कहीं कुछ बदलाव तो नहीं हो रहे.

Automated Trading in Crypto: Bitbns ने क्रिप्टो निवेशकों के लिए पेश किया ऑटोमेटेड ट्रेडिंग फीचर, जानिए इसमें क्या है खास

Bitbns ने ऑटोमेटेड ट्रेडिंग फीचर के लिए देश में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाने वाले एल्गोरिदम ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म Tradetron के साथ करार किया है.

Automated Trading in Crypto: Bitbns ने क्रिप्टो निवेशकों के लिए पेश किया ऑटोमेटेड ट्रेडिंग फीचर, जानिए इसमें क्या है खास

भारत की लीडिंग क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Bitbns ने अपने ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स के लिए ऑटोमेटेड ट्रेडिंग फीचर पेश किया है.

Automated Trading in Crypto: भारत की लीडिंग क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Bitbns ने अपने ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स के लिए ऑटोमेटेड ट्रेडिंग फीचर पेश किया है. इस फीचर की खास बात यह है कि इसके ज़रिए ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स ऑटोमैटिक तरीके से ट्रेडिंग कर सकेंगे. Bitbns ने इसके लिए देश में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाने वाले एल्गोरिदम ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म Tradetron के साथ पार्टनरशिप की है. इस पार्टनरशिप के तहत, Bitbns का मकसद अपने यूजर्स को डिजिटल एसेट क्लास में बिना किसी दिक्कत के ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट की सुविधा प्रदान करना है. यह फीचर Tradetron और बिटबन्स प्लेटफॉर्म पर लाइव है और मौजूदा व नए यूजर्स के लिए उपलब्ध है.

जानिए इस फीचर की खासियत

ऑटोमेटेड ट्रेडिंग को Algo ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है. ऑटोमेटेड ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यूजर्स एक पर्टिकुलर क्रिप्टो ट्रेडिंग ट्रांजेक्शन को कई इंडिकेटर्स पर एग्जीक्यूट कर सकते हैं. ऑटोमेटेड ट्रेडिंग इक्विटी ट्रेडर्स के बीच काफी लोकप्रिय तरीका रहा है. यह अब धीरे-धीरे दुनिया भर के क्रिप्टो ट्रेडर्स के बीच भी एक लोकप्रिय विकल्प बनता जा रहा है.

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यह फीचर स्ट्रेटेजी क्रिएटर्स को अपनी रणनीतियों को ऑटोमैटिक तरीके से एग्जीक्यूट करने और उन्हें दुनिया भर के निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए उपलब्ध कराने की अनुमति देकर सशक्त बनाता है. इसके तहत, यूजर्स को कोड लिखने की जरूरत नहीं है और फिर भी ऑटोमैटिक तरीके से ट्रेडिंग करने के लिए एक एल्गोरिदम क्रिएट सकते हैं.

जानिए Tradetron के बारे में

Tradetron एक मल्टी-एसेट, मल्टी-करेंसी, मल्टी-एक्सचेंज है जो स्ट्रेटेजी क्रिएटर्स को वेब-बेस्ड स्ट्रेटेजी बिल्डर का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग एल्गोरिदम बनाने की अनुमति देता है. एक बार जब यूजर एल्गोरिदम बना लेते हैं, तो इसे एक्सचेंज में लिस्ट किया जा सकता है, जहां निवेशक इसे सब्सक्राइब कर सकते हैं और उन ट्रेड्स को अपने मौजूदा ब्रोकरेज अकाउंट्स में ले सकते हैं. Bitbns के अनुसार, Tradetron देश में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाने वाला ट्रेडेड ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म है.

बिटबन्स के फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर गौरव दहाके ने कहा, “प्राइस, क्वांटिटी और टाइमिंग से संबंधित निर्देशों के एक निर्धारित सेट को फॉलो करके इस ट्रेडिंग मैकेनिज़्म में अधिक डिसिप्लिन बनाने की क्षमता है. इसके अलावा, प्लेटफॉर्म रिटेल इन्वेस्टर्स के बीच अधिक भरोसा कायम करने में मदद करेगा जो अब एक कंप्यूटर प्रोग्राम के माध्यम से बेहतर काम करने वाली रणनीति का चयन करते हुए स्मार्ट ट्रेडिंग का आनंद ले सकते हैं.”

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