Sovereign Gold Bond: गोल्ड में निवेश का शानदार मौका, टैक्स छूट के साथ ब्याज का भी मिलेगा मुनाफा
Sovereign Gold Bond Scheme: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के जरिए गोल्ड में वर्चुअली निवेश किया जाता है। सॉवरेन गोल्ड वर्चुअल यानी इलेक्ट्रॉनिक रूप में रहता है, इसलिए इसकी शुद्धता पर संदेह की गुंजाइश नहीं होती।
- केंद्र सरकार दिवाली से पहले निवेशकों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) में निवेश का शानदार मौका दे रही है।
- यह सरकारी योजना 25 अक्टूबर से पांच दिनों के लिए खुलेगी।
- इसके तहत निवेशकों को सालाना 2.5 फीसदी ब्याज मिलेगा।
Sovereign Gold Bond Scheme: चाहे सोने की कीमत कितनी भी हो, भारतीयों की सोने के प्रति दीवानगी किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में दिवाली से पहले सरकार सस्ती दरों पर सोना खरीदने का मौका दे रही है। सरकार 25 अक्टूबर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) में निवेश का मौका दे रही है।
सॉवरेन गोल्ड स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना बॉन्ड की 2021-22 श्रृंखला के तहत अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 के बीच चार चरणों में बॉन्ड जारी किए जाएंगे। वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 10 चरणों में गोल्ड बॉन्ड लॉन्च किए जाने हैं। इसमें से मई 2021 से लेकर सितंबर 2021 तक छह चरणों में गोल्ड बॉन्ड लॉन्च हो चुके हैं।
पांच दिनों तक निवेश का मौका
वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह सरकारी योजना पांच दिनों तक खुलेगी। इसकी शुरुआत 25 अक्टूबर 2021 से हो रही है और यह 29 अक्टूबर तक खुली रहेगी। योजना के तहत बॉन्ड दो नवंबर को जारी किए जाएंगे। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड निवेश के लिए बेहद आकर्षक विकल्प है क्योंकि इसके तहत आपको ब्याज का लाभ मिलता है। इसके साथ ही टैक्स से भी छूट मिलती है।
कैसे कर सकते हैं निवेश?
भारत सरकार की ओर से ये बॉन्ड भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाएंगे। यदि आप भी इस सरकारी योजना में निवेश करना चाहते हैं, तो मालूम हो कि सरकार इसे बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों के अतिरिक्त), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), पोस्ट ऑफिस और शेयर बाजारों- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के माध्यम से बेचती है।
कितनी है गोल्ड बॉन्ड की कीमत?
सब्सक्रिप्शन अवधि से पहले के सप्ताह के अंतिम तीन दिनों के लिए इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा जारी 999 शुद्धता वाले सोने के औसत बंद भाव के आधार पर बॉन्ड की कीमत तय होगी। वहीं अगर आप ऑनलाइन माध्यम से इसमें स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना निवेश करते हैं, तो आपको प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी।
निवेशकों को कैसे होगा फायदा?
निवेशकों को सालाना 2.5 फीसदी ब्याज मिलेगा। योजना के तहत मिलने वाला ब्याज टैक्स स्लैब के अनुरूप कर योग्य होता है, लेकिन इस पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) नहीं होती है। मालूम हो कि बॉन्ड खरीदने के लिए केवाईसी संबंधी मानदंड उसी तरह के होंगे जैसे बाजार से सोना खरीदने के लिए होते हैं।
कितना कर सकते हैं निवेश?
योजना में कम से कम एक ग्राम सोने का निवेश किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) अधिकतम चार किलो मूल्य तक का बॉन्ड खरीद सकते हैं। वहीं ट्रस्ट और समान संस्थाओं के लिए निवेश की अधिकतम सीमा 20 किलो है।
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ईटी मनी जीनियस की इन्वेस्टिंग स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना इंटेलिजेंस के साथ निवेशक अस्थिर बाजारों को अब दे सकते हैं मात
आपको अपने आस-पास बहुत से ऐसे लोग मिलेंगे जो अपने फिटनेस प्लान या डाइट स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना पर टिके रहने में विफल रहते हैं। डाइट और फिटनेस रिजाइम फॉलो न कर पाने के ढेरों कारण होते हैं। ऐसे में यदि आप उन लोगों को गहराई से देखें जो सफल हैं तो आपको आपके अनुसार आपको उत्तर मिल जाता है - यदि आप अपने लक्ष्य पर टिके रहें तो आपको उचित परिणाम जरूर मिल सकता है। इसी प्रकार निवेशकों के सामने आने वाली चुनौतियां ज्यादा अलग नहीं हैं, लेकिन कुछ अनोखी चुनौतियां होती हैं जिसका निवेशकों को सामना करना पड़ता है। मुख्य रूप से सीमित ज्ञान, बाइसेस और बाजार की हलचल के डर के चलते अधिकांश निवेशकों के लिए वित्तीय निर्णय लेना कठिन होता है।
काफी लोग शेयर बाजार की स्थिति और उतार-चढ़ाव के चलते उससे दूर रहते हैं। इसकी तुलना उस फिक्स्ड रिटर्न से करें जो वे बैंक डिपॉजिट से ब्याज के रूप में कमाते हैं, जो अधिक स्थिर, अनुमानित और सुरक्षित प्रतीत होता है। यदि आप निवेश या लंबी अवधि के लिए निवेशित रहने से बचते हैं तो ये कारण आपको वेल्थ गेन करने से दूर कर देते हैं।
एक आम आदमी के लिए स्टॉक, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड और सोना आदि जैसे ढेरों प्रकार के निवेश करने के लिए वित्तीय साधन मौजूद हैं। अब वह शेयर बाजार के अंदर लिस्टेड कंपनी या किसी नई कंपनी के शुरुआती सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) में निवेश कर सकता है। जब म्युचुअल फंड की बात आती है तो घरेलू व अंतरराष्ट्रीय इक्विटी, कई प्रकार के ऋण के साधन और सोना विकल्प के तौर पर आते हैं। वित्तीय साधन तरह-तरह की सामग्री के रूप में नजर आते हैं, पर किसी गोल या वेल्थ क्रियेशन का समाधान नहीं होते। इसके बारे में विचार करें तो अधिकांश निवेशक एक सरल, कम रखरखाव और भरोसेमंद निवेश समाधान की तलाश में रहते हैं। ऐसे में हम निवेश से संबंधित हर समस्या के समाधान को लेकर तैयार हैं।
निवेशकों की जरूरतों का जवाब
टाइम टेस्टेड और सक्सेसफुल इंवेस्टमेंट की स्ट्रेटिजी में एसेट, एलोकेशन, डायवर्सिफिकेशन और रीबैलेंसिंग का महत्व काफी होता है। ये सुनने में आसान लगता है पर यह ऐसे सिद्धांत पर काम करने वाला कोई तैयार सहज उत्पाद या सेवा नहीं है। इसलिए हमने ईटी मनी जीनियस विकसित किया है जो निवेशकों की चिंताओं का समाधान करता है। जीनियस निवेशकों की एसेट, एलोकेशन, डायवर्सिफिकेशन और रीबैलेंसिंग की जरूरत को पूरा करता है।
ईटी मनी जीनियस में सबसे पहले निवेशक एक रिस्क एसेस्मेंट करते हैं। यह एक डायनेमिक टूल चेंन जो इन्वेस्ट को एक रिजिड प्रोफाइल देने की बजाय उन्हें उनकी रिस्क लेने की क्षमता से रूबरू करवाता है। एक जीनियस की कार्यप्रणाली सफल निवेश गुरुओं के सिद्धांतों पर और उनके द्वारा निर्मित निवेश मॉडल पर आधारित होता है, पर उन्हें हर निवेशक के लिए पर्सनलाइज किया जाता है।
ईटी मनी जीनियसके तहत 6 पोर्टफोलियो (शील्ड, स्टेबल, बैलेंस्ड, बैलेंस्ड प्लस, ग्रोथ और हाई ग्रोथ) मिलते हैं जो एक निश्चित निवेश समय सीमा, वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम प्रोफाइल पर आधारित होते हैं। ईटी मनी शिल्ड पोर्टफोलियो कम जोखिम वाले विकल्प के साथ अल्पकालिक लक्ष्यों के लिए उपयुक्त कवच है, वहीं लंबी अवधि के लक्ष्यों जैसे रिटायरमेंट व धन सृजन के लिए हमारे पास हाई ग्रोथ ऑप्शन भी मौजूद हैं। इनके अलावा कई और वैरियेंट और च्वाइसेस देते हैं। जिस प्रकार से व्यक्तिगत प्रशिक्षण और डाइट लोगों के लिए काम कर सकता है, वैसे ही व्यक्तिगत निवेश समाधान भी काम करेगा।
जीनियस को शेयर बाजार की पास्ट की अलग-अलग सिचुएशन में टेस्ट किया गया है। हम भरोसे के साथ कह सकते हैं कि यह निवेशक के चिंताओं के समाधान में सबसे खास है। यह निवेशकों को जोखिम के प्रति उनकी सहूलियत के स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना अनुसार मदद करता है। इसके अलावा निवेश लक्ष्यों और समय सीमा के अनुरूप पोर्टफोलियो का सुझाव देता है। निवेश के प्रबंधन के साथ व्यवस्थित रूप से रीबैलेंसिंग पर भी गौर करता है। वेल्थ मैनेजमेंट में वैयक्तिकरण की यह अवस्था अभूतपूर्व है जो एक टैप के जरिये आपके मोबाइल पर मौजूद है।
हम निवेशकों के साथ उनकी निवेश यात्रा के दौरान हर वक्त बने रहते हैं। जीनियस के प्रभावकारी सहयोग से ग्रोथ और आत्मविश्वास में इजाफा होता है। इससे निवेशक इन्वेस्टेड रहते हैं और अपनी इन्वेस्टमेंट से बेहतरीन रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न कमाते हैं।
Gold Bond: सोने में लगाना चाहते हैं पैसा तो आपके पास है बड़ा मौका, सरकार से इतने रुपए में खरीद सकते हैं गोल्ड
सोना एक ऐसी संपत्ति है, जो भविष्य में कभी भी काम आ सकता है। पिछले कुछ सालों में सोने के दाम तेजी से बढ़े हैं। फिलहाल सोने की कीमत 54000 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास है। ऐसे में अगर आप भी सोने में पैसा निवेश करना चाहते हैं तो 19 दिसंबर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (SGB) 2022-23 की नई सीरिज खुलने वाली है।
Sovereign Gold Bond Scheme: सोना एक ऐसी संपत्ति है, जो भविष्य में कभी भी काम आ सकता है। पिछले कुछ सालों में सोने के दाम तेजी से बढ़े हैं। फिलहाल सोने की कीमत 54000 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास है। हालांकि, आने वाले समय में सोने के दाम 60 हजार रुपए तोला से भी ज्यादा होंगे। ऐसे में अगर आप भी सोने में पैसा निवेश करना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए ही है। 19 दिसंबर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (SGB) 2022-23 की नई सीरिज खुलने वाली है। सोमवार को रिजर्व बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) जारी करेगा। सरकारी गोल्ड बॉन्ड (SGB) की तीसरी सीरिज सब्सक्रिप्शन के लिए 19 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच खुली रहेगी।
जानें 1 ग्राम सोने का इश्यू प्राइस :
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गोल्ड बॉन्ड के लिए इश्यू प्राइस 5,409 रुपए प्रति ग्राम तय किया है। रिजर्व बैंक दो स्टेज में सरकारी गोल्ड बॉन्ड स्कीम जारी करेगा। निवेश के लिए ये योजनाएं दिसंबर और मार्च में खुलेंगी। इस वित्त वर्ष की तीसरी सीरीज की शुरुआत 19 दिसंबर से हो रही है। वहीं, चौथी सीरीज की शुरुआत 6 से 10 मार्च, 2023 के बीच होगी। बता दें कि सरकार की ओर से ये बॉन्ड रिजर्व बैंक जारी करता है।
ऑनलाइन आवेदकों को मिलेगी 50 रुपए की छूट :
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, गोल्ड बॉन्ड में इन्वेस्टमेंट के लिए आवेदन 19-23 दिसंबर तक एक्सेप्ट किए जाएंगे। इसके बाद 27 दिसंबर को गोल्ड बॉन्ड आवेदकों को इश्यू किए जाएंगे। बता दें कि गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 999 प्योरिटी वाले गोल्ड पर बेस्ड होता है। गोल्ड बॉन्ड के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने वाले और डिजिटल मोड के जरिए पेमेंट करने वाले आवेदकों को प्रति यूनिट 50 रुपए की छूट भी मिलेगी।
1 ग्राम सोने से शुरू कर सकते हैं निवेश :
बता दें कि रिजर्व बैंक समय-समय पर नियम और शर्तों के साथ गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। इस गोल्ड बॉन्ड की सरकारी गारंटी होती है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए नगद, डिमांड ड्राफ्ट या फिर नेट बैंकिंग के जरिए भी पेमेंट किया जा सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत कोई भी एक ग्राम सोना खरीदकर इसमें इन्वेस्टमेंट चालू कर सकता है।
खरीद सकते हैं अधिकतम 4 किलो सोना :
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में किसी एक फाइनेंशियल ईयर के दौरान कोई इंडीविजुअल या अविभाजित हिंदू परिवार अधिकतम 4 किलो सोना खरीद सकता है। हालांकि, ट्रस्ट के लिए ये सीमा 20 किलो तय की गई है। वहीं, इसमें निवेश के लिए कम से कम 1 ग्राम सोना खरीदना पड़ेगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नॉमिनेटेड डाक घरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए भी खरीदा जा सकता है।
स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना
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केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान, जल्द जारी होगी Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23 की तीसरी, चौथी किस्त !
दिल्ली न्यूज डेस्क . सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) योजना (2022-23) की तीसरी और चौथी किस्त जारी करने के लिए तैयार है। तीसरी किस्त 27 दिसंबर, 2022 को जारी की जाएगी और चौथी किश्त 14 मार्च, 2023 को जारी की जाएगी। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, तीसरी किस्त के लिए सदस्यता 19 दिसंबर से 23 दिसंबर, 2022 के बीच खुलेगी, जबकि चौथी किश्त के लिए सदस्यता 6 मार्च से 10 मार्च, 2023 के बीच खुलेगी। एसजीबी को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड द्वारा नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से बेचा जाएगा।
यह सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाएंगे। एसजीबी निवासी व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों, ट्रस्टों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थानों को बिक्री के लिए प्रतिबंधित होंगे। आईबीजेए लिमिटेड द्वारा प्रकाशित पिछले तीन कार्य दिवसों के 999 शुद्धता वाले सोने के क्लोजिंग मूल्य के सामान्य औसत के आधार पर रिडेम्पशन मूल्य भारतीय रुपये में होगा। निवेशकों को नाममात्र मूल्य पर अर्ध-वार्षिक देय 2.50 प्रतिशत प्रतिवर्ष की निश्चित दर पर मुआवजा दिया जाएगा।
Gold: बाजार में सोना महंगा लेकिन सरकार बेचेगी सस्ता, 3 दिन बाद कर सकते है खरीद
गोल्ड की कीमतों (Gold Price) में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. शादियों के सीजन में सोने का भाव 54 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को पार कर चुका है. लेकिन गोल्ड की चढ़ती कीमतों के बीच सरकार लोगों को लिए बड़ा मौका लेकर आई है. आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से.
HR Breaking News (ब्यूरो) : सरकार सस्ती कीमतों पर सोना बेचने वाली है. रिजर्व बैंक अगले हफ्ते सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) जारी करेगा. अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम में पैसा लगा सकते हैं.
19 से 23 दिसंबर के बीच मौका
भारतीय रिजर्व बैंक दो स्टेज में सरकारी गोल्ड बॉन्ड स्कीम जारी करेगा. निवेश के लिए ये योजनाएं दिसंबर और मार्च में खुलेंगी. वित्त मंत्रालय के अनुसार, सरकारी गोल्ड बॉन्ड (SGB) 2022-23 की तीसरी सीरीज सब्सक्रिप्शन के लिए 19 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच ओपन होगी. वहीं, चौथी सीरीज की शुरुआत मार्च 6 से 10 के बीच होगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भारत सरकार की तरफ से गोल्ड बॉन्ड जारी करता है.
कैसे तय होगी कीमत?
वित्त मंत्रालय ने कहा कि गोल्ड बॉन्ड में निवेश के लिए आवेदन 19-23 दिसंबर तक स्वीकार किए जाएंगे. 27 दिसंबर को बॉन्ड पात्र आवेदकों को जारी किए जाएंगे. गोल्ड बॉन्ड का ईश्यू प्राइस 999 प्योरिटी वाले सोने पर बेस्ड होता है.
इसके लिए सब्सक्रिप्शन पीरियड वाले सप्ताह से ठीक पहले के 3 वर्किंग डेज की कीमतों को आधार बनाया जाता है. हालांकि, ऑनलाइन आवेदन करने वाले और डिजिटल मोड के माध्यम से भुगतान करने वाले 50 रुपये की छूट के हकदार होंगे.
कैसे कर सकते हैं पेमेंट?
सरकार ने गोल्ड में निवेश के लिए गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना की शुरुआत की है. रिजर्व बैंक समय समय पर नियम और शर्तों के साथ गोल्ड बॉन्ड जारी करता रहता है.
इस गोल्ड बॉन्ड की होती है सरकारी गारंटी होती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए कैश, डिमांड ड्राफ्ट या फिर नेट बैंकिंग के माध्यम से पेमेंट किया जा सकता है.
कौन खरीद सकता है?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत कोई भी एक ग्राम सोना खरीदकर निवेश की शुरुआत कर सकता है. किसी एक वित्त वर्ष के दौरान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में ज्यादा से ज्यादा 4 किलो सोना खरीदा जा सकता है. अविभाजित हिंदू परिवारों और ट्रस्टों के लिए ये लिमिट 20 किलो तय की गई है.
कहां से कर सकते हैं खरीदारी?
सरकार की तरफ से ये बॉन्ड रिजर्व बैंक जारी करता है. इन्हें बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नॉमिनेटेड डाक घरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के माध्यम से खरीदा जा सकता है.
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