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झट से कैसे पकड़े बच्चों का झूठ?
पैरेंट्स अगर चाहें तो कुछ संकेतों पर ध्यान देकर झट से झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें बच्चों का झूठ पकड़ सकते हैं। जानिए, कैसे?
ज्यादातर बच्चे झूठ बोलते समय पेरेंट्स से आई कॉन्टैक्ट नहीं कर पाते हैं और नजरें झुकाकर बात करते हैं।
एक टांग पर खड़े होना
कुछ बच्चे झूठ बोलते समय अपने शरीर का सारा भार एक टांग पर शिफ्ट कर लेते हैं। इससे उनके झूठ बोलने का अंदाजा लगा सकते हैं।
जो बच्चे अपने झूठ को लेकर काफी कॉन्फिडेंट होते हैं, वो पेरेंट्स को प्रभावित करने के लिए बच्चे बार-बार पलकें झपकाना शुरू कर देते हैं।
इन 3 बीमारियों के चलते भी ज्यादा झूठ बोलते हैं बच्चे, जानें कैसे करें इस गंदी आदत को कंट्रोल
Written by Pallavi Kumari | Published : May 18, 2022 12:04 PM IST
हम झूठ क्यों बोलते हैं (why people lie)? कभी आपने खुद से ये सवाल किया है। दरअसल, अक्सर लोग दो कारणों से झूठ बोलते हैं एक डर के कारण और दूसरा आदत के कारण। लेकिन बच्चों में झूठ बोलने की आदत (child lies a lot) क्या सिर्फ परवरिश से जुड़ी समस्या है या फिर ये कोई बीमारी है? जी हां, दरअसल साइंस की मानें तो जो बच्चे ज्यादा झूठ बालते हैं या बात-बात पर झूठ बोल बोल देते हैं ये हमेशा वे आदत या किसी डर की वजह से नहीं करते बल्कि, इनके पीछ कुछ बीमारियां जिम्मेदार हैं।
बच्चे झूठ क्यों बोलते हैं-What are the reasons for lying in children?
मेडिकल साइंस की मानें तो, जो बच्चे ज्यादा झूठ बोलते हैं अक्सर वे कुछ मेंटल डिसऑर्डर (Mental disorders) के कारण हो सकता है। दरअसल, बच्चों में कुछ मानसिक डिसऑर्डर होने पर वे ज्यादा झूठ बोलने लगते हैं। जैसे कि
1. अटेंशन डेफेसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD disorder)
एडीएचडी (Attention deficit hyperactivity disorder) दिमाग की वो बीमारी है जो कि आज तक तेजी से बच्चों में बढ़ रही हैय़ इसमें बच्चा छोटी-छोटी बातों पर भी झूठ बोलने लगता है और ये आदत उनमें बढ़ती ही जाती है। दरअसल, ऐसे बच्चों में कुछ मानसिक क्रियाएं होती हैं जो उन्हें भविष्य के परिणामों को लेकर हमेशा डराए रखता है। इसलिए ऐसे बच्चे सच बोलने की हिम्मत नहीं कर पाते और तुरंत झूट बोल देते हैं।
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2. सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर (Social anxiety disorder)
सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर वाले बच्चे बाहरी लोगों से और वातावरण से बचने की कोशिश करते हैं। ऐसे बच्चे रोजमर्रा की चीजों को करने में घबराते झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें हैं और सामाजिक चिंता से डरे रहते हैं जैसे कोई क्या सोचेगा, कोई क्या कहेगा और कहीं ये ना हो, वो ना हो। ऐसी सामाजिक चिंता विकार आमतौर पर शुरुआती से मध्य-किशोरावस्था में शुरू होता है, हालांकि यह झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें कभी-कभी छोटे बच्चों या वयस्कों में शुरू हो सकता है। ऐसे में बच्चे झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें इन कारणों से झूठ बोलते हैं। जैसे कि
बच्चों की झूठ बोलने की आदत को कैसे सुधार सकते हैं- How to deal with a lying child?
-सच बोलने को एक घरेलू नियम बनाएं, ताकि बच्चों में सच बोलने की आदत आए।
-रोल मॉडल सेट करें जैसे कि खुद सच बोलें।
-झूठ बोलने के कारणों को जान कर बच्चों को प्यार से समझाएं।
-बच्चों में भरोसा बढ़ाएं कि वे झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें सच बोलेंगे तो उनको कुछ भी नहीं कहा जाएगा और ना ही कोई सजा नहीं मिलेगी।
अब झूठे लोगों की पहचान करना हुआ आसान, जानिए कैसे
जैसा कि आप सब जानते है हर इंसान अपने जीवन में कभी न कभी झूठ का सहारा लेता ही है, फिर चाहे वो किसी की भलाई के लिए हो या फिर अपने स्वार्थ के लिए। लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि आपके साथ रहने वाला व्यक्ति आपसे झूठ बोल कर चला जाता झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें है और आपको […]
जैसा कि आप सब जानते है हर इंसान अपने जीवन में कभी न कभी झूठ का सहारा लेता ही है, फिर चाहे वो किसी की भलाई के लिए हो या फिर अपने स्वार्थ के लिए। लेकिन झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें अक्सर ऐसा होता है कि आपके साथ रहने वाला व्यक्ति आपसे झूठ बोल कर चला जाता है और आपको पता तक नहीं चलता। और जब पता चलता है तब तक बहुत देर हो जाती है। अब आप जान सकते है कि दूसरा व्यक्ति आपसे झूठ बोल रहा है या नहीं। जी हां, आज हम आपको कुछ ऐसा ज्ञान देने जा रहे है जिसके बाद आप किसी का भी झूठ पकड़ सकते है और खुद को किसी के जाल में फसने से बचा सकते है। तो आइए जानते है उन बातों को जिससे आप दूसरों का झूठ पकड़ सकते है।
डिप्रेशन में झूठ बोल सकते हैं बच्चे
अगर आपका बच्चा डिप्रेशन का शिकार है तो भी वो झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें आपसे झूठ बोल सकता है। जिन बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण होते हैं झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें वे अक्सर अपनी बातों को बताने या समझाने के लिए झूठ का सहारा ले लेते हैं। जरूरत पड़ने पर आप बच्चे को साइकोलॉजिस्ट के पास भी लेकर जा सकते हैं।
अगर आपका बच्चा भी झूठ बोलने लगा है तो उसकी इस आदत को छुड़ाना जरूरी है, जिसके लिए आप इन बातों पर गौर करें-
- झूठ छुपाने के लिए बच्चे का अजीब कहानी सुनाना।
- झूठ से जुड़े सवाल को पूछने पर बच्चे का गुस्सा करना।
- बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना।
- कई बार झूठ बोलते समय बच्चे सामान्य से ऊंची आवाज में बात करने लगते हैं।
- झूठ से जुड़े सवाल को बदलने की कोशिश करना।
- बच्चे अगर झूठ बोल रहे हैं तो वो आपसे नजरें चुराने लगेंगे।
- अगर बच्चे को जवाब देने में समय लग रहा है तो भी हो सकता है वो झूठ बोल रहा हो।
बच्चों के झूठ बोलने की आदत कैसे छुड़ाएं?
आपका बच्चा भी झूठ बोलने की आदत का शिकार हो गया है तो नीचे बताई गई टिप्स की मदद से आप इस आदत को रोक सकते हैं-
- आप बच्चे को बताएं कि झूठ बोलने की बुरे परिणाम क्या होते हैं और इससे बच्चे को क्या नुकसान होंगे।
- बच्चे से आप अपने मन की बात शेयर करें और उसे स्पेस दें ताकि वो भी अपनी बात खुलकर आपसे कह सके।
- आप बच्चे को सच्ची घटना या कहानी के आधार पर सिखा सकते हैं कि झूठ बोलने पर जीवन में झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें क्या असर पड़ता है।
- बच्चे आपके व्यवहार को कहीं न कहीं कॉपी करते हैं इसलिए आप उनके सामने झूठ न बोलें।
- आप बच्चे को यकीन दिलाएं कि उसके सच बोलने पर आप उसे सपोर्ट करेंगे और गलती सुधारने झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें का मौका देंगे।
- अगर बच्चा आपको गलती बता दे तो उसे डांटने के बजाय बच्चे की तारीफ करें और उसे आगे से एहतियात बरतने के लिए कहें।
बार-बार पलकें झपकाना (child constantly blinking)
कुछ बच्चों में देखा गया है कि जब वे झूठ बोलते हैं, तो बार-बार पलके झपकाते हैं। दरअसल बच्चे ऐसा तब करते हैं, जब उन्हें लगता हो कि वे बड़ी बखूबी से झूठ बोल रहे हैं और सुनने वाला उनकी बातों से बहुत प्रभावित है। दरअसल अपनी बात का प्रभाव डालने के लिए बच्चे बार-बार पलके झपकाने जैसे एक्सप्रेशन देते हैं।
यह बच्चे की झूठ पकड़ने के लिए सबसे अच्छा संकेत माना जाता है। अक्सर जब बच्चा झूठ बोल रहा होता है, तो व सोच-सोच कर बोलता है और बोलते-बोलते बीच-बीच रुक सोचने लगता है। साथ ही बच्चा कई बार बोलते-बोलते रुक जाता है और आसपास की चीजों को देखकर अपनी बात को उनसे ही जोड़कर बताने लगता है।
हालांकि, अगर बात करते समय बच्चा उपरोक्त में से कोई संकेत दे रहा है, तो इसका मतलब यह जरूरी नहीं है कि वह झूठ बोल रहा है। हर बच्चे का बात करने का ढंग अलग होता है, इसलिए बात करते समय ऐसे संकेत देना आम भी हो सकता है। हालांकि, अगर आपको लगता है कि बच्चा झूठ बोलने लगा है और साथ ही बच्चा ये संकेत भी दे झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें रहा है, तो ऐसे आप इसकी पुष्टि उसके साथ समय बिताकर कर सकते हैं।
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