अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले संकेत बिंदु:
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"विदेशी व्यापार" в словаре хинди - английский
foreign trade
विदेशी व्यापार की बनावट और उसकी प्रकृति में असंतुलन था .
The composition and character of the foreign trade was unbalanced .
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International Trade Fair 2022: दिल्ली में आज से शुरू हुआ 41वां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला, ऐसे खरीदें टिकट
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 14 नवंबर 2022, यानि की आज से अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला का आगाज हो चुका है.
2 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद आज से शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला. जिसे देखते हुए आयोजकों व आम लोगों के बीच उत्साह का माहौल है. 41वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 14 नवंबर से 27 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा.
आजादी के अमृत महोत्सव की दिखेगी झलक
41वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में आजादी के अमृत महोत्सव की झलक देखने को मिलेगी. इस बार व्यापार मेले के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए ''वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल'' की थीम रखी गई है. जिसके तहत भारत में निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. बता दें कि मेले में लगभग 2500 प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं.
इन मेट्रो स्टेशन से खरीदे व्यापार मेले की टिकट
भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) के टिकट 67 मेट्रो स्टेशनों के कस्टमर केयर सेंटरों पर सुबह 9:00 बजे से शाम 4.00 बजे तक उपलब्ध रहेंगे.
रेड लाइन शहीद स्थल न्यू बस अड्डा, मोहन नगर, दिलशाद गार्डन, शाहदरा, सीलमपुर, इंद्रलोक, नेताजी सुभाष प्लेस, रोहिणी पश्चिम, रिठाला
येलो लाइन समयपुर बादली, जहांगीर पुरी, आजादपुर, गुरु तेग बहादुर नगर, विश्व विद्यालय, राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय, दिल्ली हाट आईएनए, साकेत, सिकंदरपुर, हुडा सिटी सेंटर
ग्रीन लाइन पंजाबी बाग, पीरागढ़ी, ब्रिगेडियर होशियार सिंह
ब्लू लाइन नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी, सेक्टर-52 ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार नोएडा, नोएडा सिटी सेंटर, नोएडा सेक्टर-15, अक्षरधाम, इंद्रप्रस्थ, मंडी हाउस, बाराखंभा, रामकृष्ण आश्रम मार्ग, करोल बाग, राजेंद्र प्लेस, शादीपुर, कीर्ति नगर, राजौरी गार्डन, तिलक नगर, उत्तम नगर पूर्व, द्वारका मोड़, द्वारका
ब्लू लाइन वैशाली, आनंद विहार आईएसबीटी, कड़कड़डूमा, प्रीत विहार, निर्माण विहार लक्ष्मी नगर
ग्रे लाइन ढांसा बस स्टैंड
एयरपोर्ट लाइन द्वारका सेक्टर-21
वायलेट लाइन कश्मीरी गेट, दिल्ली गेट, आईटीओ, लाजपत नगर, कालकाजी मंदिर, गोविंद पुरी, बदरपुर बॉर्डर, राजा नाहर सिंह बल्लभगढ़
पिंक लाइन मजलिस पार्क, सरोजिनी नगर, मयूर विहार-I, वेलकम, शिव विहार
मैजेंटा लाइन जनक पुरी पश्चिम, पालम, मुनिरका, हौज खास, बॉटनिकल गार्डन
व्यापार मेले में टिकट का मूल्य
बता दें कि 14 से 18 नवंबर तक व्यवसायिक दिनों (Business days) के दौरान वयस्कों के लिए 500 रुपए तथा बच्चों के लिए 150 रुपए टिकट है. जबकि 19 नवंबर से 27 नवंबर तक सामान्य दिनों (General days) में सप्तहांक (Weekend) के दौरान वयस्कों के लिए 150 रुपए तथा बच्चों के लिए 60 रुपए टिकट है. जबिक अन्य दिनों में वयस्कों के लिए 80 रुपए तथा बच्चों के लिए 40 रुपए है. इसके अलावा आप इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (IITF) की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन टिकट खरीद सकते हैं.
पहली बार लद्दाख ले रहा हिस्सा
बता दें कि व्यापार मेले में लगभग हर राज्य से प्रदर्शक हिस्सा लेते हैं. लेकिन इस बार बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र राज्यों की भूमिका भागीदार के तौर पर है. तो वहीं उत्तर प्रदेश और केरल को फोकस राज्य का दर्जा दिया जा रहा है. 41वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार 29 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हो रहे हैं, जबकि इस सूची में लद्दाख पहली बार हिस्सा ले रहा है. इसके अलावा व्यापार मेले में बहतरीन, बेलारूस, नेपाल, थाईलैंड, यूएई, वियतनाम, चीन, टुनिशिया, लेबनान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की भी हिस्सा ले रहे हैं.
मेले का पता ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार व समय
41वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 14 से 26 नवंबर तक सुबह 10 बजे से शाम 7.30 बजे तक तथा 27 नवंबर को सुबह 10 बजे से शाम 4.30 बजे तक रहेगा. मेल े का पता प्रगति मैदान नई दिल्ली 110001 है.
English Summary: International Trade Fair 2022: 41st International Trade Fair starts in Delhi from today, buy tickets like this Published on: 14 November 2022, 02:01 IST
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International Trade Fair Essay In Hindi | अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले पर निबन्ध
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले संकेत बिंदु:
- मेलों के प्रकार और महत्व
- मेले का स्थान
- मेले का भ्रमण
- उपयोगिता
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार पर निबन्ध | International Trade Fair Essay In Hindi
मेले और प्रदर्शनियाँ सभ्यता के विकास और संस्कृति की झलक दर्शाते हैं। मेले कई प्रकार के होते हैं। कुछ मेले सामाजिक होते हैं। कुछ मेले धार्मिक होते है। इसी प्रकार प्रदर्शनियाँ भी कई प्रकार की होती हैं। पुस्तक-प्रदर्शनी, वस्त्र प्रदर्शनी, कला-प्रदर्शनी, औद्योगिक प्रदर्शनी आदि प्रदर्शनियाँ समाज के विभिन्न रूपों की झलक दिखाती हैं। भारत में मेलों और प्रदर्शनियों की भरमार लगी रहती है। इनका आयोजन गाँवों से लेकर महानगरों तक होता है। भारत की सबसे बड़ी प्रदर्शनी नई दिल्ली के प्रगति मैदान में लगती है। इसका आयोजन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के रूप में होता है। मैं इस मेले को देखने गया था।
यह मेला 14 से 27 नवंबर तक लगा। मैं इसे देखने के लिए रविवार को गया। प्रगति मैदान में भारत के विभिन्न राज्यों के स्थायी मंडप बने हुए हैं। ये ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार सभी मंडप नई दुल्हन के समान सजे हुए थे। इनके अतिरिक्त अन्य देशों के मंडप भी थे। अमेरिका, रूस, श्रीलंका, जापान, जर्मनी, चीन, नेपाल आदि अनेक देशों के मंडप दर्शकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे थे। इनके अतिरिक्त भारतीय सेना, दूर संचार विभाग, मानव संसाधन मंत्रालय, खादी ग्रामोद्योग आदि के मंडप भी थे।
मैं इस प्रदर्शनी को देखने कैथल से आया था। मेरे चाचा जी दिल्ली में रहते हैं। मैं परिवार के साथ मेला देखने गया था। मैंने सबसे पहले हरियाणा का मंडप देखा। स्वयं हरियाणा में रहने के कारण मेरी उत्सुकता इसे देखने की थी। मैं इसे देखकर दंग रह गया। ऐसा लग रहा था मानो इस मंडप में पूरा हरियाणा ही समा गया था। इसमें हरियाणा के कृषि क्षेत्र ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार में हो रहे कार्य दिखाए जा रहे थे। खेतों में कार्य कर रहे किसान और स्त्रियाँ फसल काट रहे थे। इसमें हरियाणा के प्रसिद्ध औद्योगिक संस्थानों के उत्पादों को दर्शाया गया था। इन्हें देखकर मुझे ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार सुखद आश्चर्य हुआ कुरुक्षेत्र के धार्मिक स्थल भी दर्शनीय थे। हरियाणा के लोकगीत गाते पुरुष और नृत्य करती युवतियों को देखने के लिए भीड़ उमड़ी पड़ी थी।
चाचा जी ने बताया कि एक दिन में पूरा व्यापार मेला देखना संभव नहीं है। अतः हमने पंजाब, राजस्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र के मंडपों में अधिक समय बिताया। इनमें इन प्रांतों की संस्कृति के साक्षात् दर्शन हुए। कर्नाटक के मंडप में बंगलुरु कंप्यूटर नगर को देखकर मैं दंग रह गया। कंप्यूटरों द्वारा किए जाने वाले अद्भुत कार्यों ने तो मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया। हम इसके पश्चात् भारतीय सुरक्षा सेनाओं के मंडप में आए। यहाँ वायुयानों और मिसाइलों के अतिरिक्त विभिन्न टैंकों को देखने का अवसर मिला। बर्फीली. चोटियों पर देश की रक्षा करते सैनिकों को देखकर गर्व का अनुभव हुआ।
दोपहर हो गई थी। वहाँ खाने-पीने के अनेक स्टॉल थे। हमने पंजाब मंडप के विशेष स्टॉल से मक्के की रोटी और सरसों के साग का आनंद लिया। भोजनोपरांत हम विदेशी मंडप देखने गए। अमेरिकी मंडप में रोबोटों द्वारा किए जा रहे कार्य देखकर सभी दंग थे। चीन के मंडप में जहाँ चीन की औद्योगिक प्रगति की झलक मिल रही थी वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आकर्षक थे।
भारतीय मंडपों में हस्तशिल्प के मंडप में बहुत भीड़ थी। इसमें लेह-लद्दाख से लेकर अंडमान-निकोबार तक में बनी वस्तुएँ देखकर मन प्रसन्न हो उठा। इन मंडपों में शिल्पी अपने हाथों से भाँति-भाँति की सजावटी तथा दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुएँ बना रहे थे। सीपों से बने टेबल लैंप और सजावटी शंख अद्भुत थे। महात्मा बुद्ध की छोटी-छोटी मूर्तियाँ और मथुरा के पत्थरों से बनी कृष्ण की मूर्तियाँ सजीव-सी लग रही थीं।
चाचा जी ने बताया कि इन्हें देखने विदेशों से व्यापारी भी आए हुए हैं। वे भारतीय वस्तुओं को देखकर उन्हें खरीदते हैं। इस मेले में करोड़ों रुपयों का व्यापार होता है। देश के विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगपतियों, व्यापारियों, कारीगरों को यह मेला मंच प्रदान करता है। इसके माध्यम से भारत को विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। यहाँ देशवासी अपने देश की विभिन्न क्षेत्रों में हो रही औद्योगिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की झलक तो पाते ही हैं इसके साथ-साथ विश्व के अन्य देशों में हो रहे कार्यों को भी प्रत्यक्ष रूप से देखते हैं।
प्रगति मैदान में शाकुंतलम सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे थे। हमने कोरियाई नर्तकियों का नृत्य देखा। इसके पश्चात् पंजाब का प्रसिद्ध भांगड़ा नृत्य हुआ। प्रसिद्ध पंजाबी गायकों ने अपनी मंडली के साथ गीत सुनाए।
यह व्यापार मेला भारतीय संस्कृति का दर्पण था। इससे भारत की एकता के दर्शन हुए। भारत विविध संस्कृतियों का सम्मिश्रण है। ये सभी संस्कृतियाँ मिलकर एक संस्कृति को जन्म देती हैं, वह है भारतीय संस्कृति। इस व्यापार मेले द्वारा विश्व भारत की इस औद्योगिक संस्कृति की झलक पाता है। ऐसे मेलों का आयोजन महानगरों के अतिरिक्त अन्य छोटे-छोटे नगरों में भी होना चाहिए। इतना विशाल आयोजन चाहे न भी हो, इसका लघु रूप ही दर्शाया जाए। ऐसी प्रदर्शनियाँ और मेले भारत की एकता को और सुदृढ़ करेंगे।
हर महीने करनी है 1 लाख रुपए की कमाई तो शुरू करें ये बिजनेस, सरकार भी करेगी मदद
देश में फैले कोरोना वायरस में लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं. ऐसे में सभी लोग नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं या फिर कोई बिजनेस शुरू करने का प्लान कर रहे हैं. लेकिन कंफ्यूजन ये है कि कौन सा बिजनेस शुरू करें जिसमें कम लगात में अच्छी ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार कमाई हो. तो आइए हम आपको एक बंपर फायदे वाले बिजनेस के बारे में बताते हैं- (Image:Reuters)
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