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स्थान- राज्य या राष्ट्रीय नियमों के कारण आपकी लोकेशन आपको कुछ एक्सचेंजों पर क्रिप्टो खरीदने और बेचने से रोक सकती है। जैसे चीन ने नागरिकों के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर प्रतिबंध लगाया है। संयुक्त राज्य में कुछ राज्यों ने अपने स्वयं के नियम बनाए हैं। जैसे न्यूयॉर्क में एक्सचेंज के लिए बिटलाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है और केवल लाइसेंस प्राप्त कंपनियों को कुछ स्वीकृत सिक्कों की पेशकश करने की अनुमति है। अधिकांश अन्य राज्यों में न्यूयॉर्क की तरह सख्त नियम नहीं हैं।
Cryptocurrency : क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, इसपर ट्रेडिंग के लिए कैसे खोलते हैं अकाउंट? जानें सबकुछ
Cryptocurrency Exchange क्रिप्टो इकोसिस्टम का बहुत ही अहम हिस्सा है. भारत में भी बहुत से क्रिप्टो एक्सचेंज काम करते हैं, हम आपको बता रहे हैं कि ये कैसे काम करते हैं और इनके साथ एक ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोला जा सकता है.
Cryptocurrency Exchange : क्रिप्टो एक्सचेंज किसी ब्रोकरेज फर्म की तरह होते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) ने पिछले कुछ सालों में जबरदस्त तेजी से सुर्खियां हासिल की हैं, यहां तक कि जो लोग वर्चुअल करेंसी के कॉन्सेप्ट को लेकर नाक-भौं सिकोड़ते हैं, वो भी एक बार इसे देखे-जाने बिना नहीं रह पा रहे. सबसे बड़ी बात कि बहुत कम देश ऐसे हैं, जहां पिछले कुछ सालों में क्रिप्टो को उतनी पॉपुलैरिटी और ग्रोथ मिली है, जितनी इसे भारत में मिली (Cryptocurrency in India) है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टो को लेकर 'चिंताएं जताई थीं', लेकिन इसके बावजूद देश में क्रिप्टो का बाजार बड़ा ही हुआ है, खासकर पिछले एक साल में. लेकिन, लेकिन. हमें इसकी ग्रोथ और स्पीड को देखकर ही निवेश करना नहीं शुरू कर देना चाहिए, हमें इस बाजार के हर पहलू को समझना चाहिए. और इसी क्रम में हम इस लेख में आपको क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज (Cryptocurrency Exchange) के बारे में बता रहे हैं, जो कि क्रिप्टो इकोसिस्टम का एक बहुत ही अहम हिस्सा है.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?
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क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म होता है, जहां क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग होती है. ट्रेडिंग में क्रिप्टो को दूसरे किसी असेट (यानी या तो कोई दूसरा क्रिप्टो कॉइन या टोकन, या फिर फ्लैट करेंसी यानी रुपया, डॉलर वगैरह) की खरीद-बिक्री के लिए इस्तेमाल किया जाता है. क्रिप्टो एक्सचेंज खरीददार और विक्रेता के बीच में इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ की तरह काम करते हैं. इनकी आय के स्रोत कमीशन और ट्रांजैक्शन फीस होती हैं.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज काम कैसे करता है?
एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज किसी ब्रोकरेज फर्म की तरह काम करता है, यानी यह बायर और सेलर के बीच का माध्यम होता है. किसी एक्सचेंज के हिसाब से निवेशक पेमेंट के किसी भी माध्यम जैसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, कार्ड ट्रांजैक्शन, यूपीआई वगैरह से इसपर अपना पैसा डिपॉजिट कर सकते हैं, जिसे वहां से क्रिप्टो कॉइन या टोकन खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह सुविधा उपलब्ध कराने के बदले निवेशक को क्रिप्टो एक्सचेंज को एक फीस देनी होती है.
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के लिए ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बहुत आसान है. लेकिन, ऐसा प्लेटफॉर्म ढूंढने के लिए, जो आपको बेसिक सुविधाएं तो दे ही, कुछ दूसरे बेनेफिट्स भी दे, इसके लिए आपको थोड़ी रिसर्च करनी पड़ेगी. मान लीजिए आप देश के पॉपुलर एक्सचेंज WazirX के साथ अपना अकाउंट खोलना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ये स्टेप फॉलो करने होंगे-
- अपने स्मार्टफोन में WazirX ऐप डाउनलोड करिए और इसकी वेबसाइट पर जाकर साइन अप करिए.
- साइन अप के लिए अपनी एक ईमेल आईडी डालिए और एक पासवर्ड सेट करिए.
- आपको इस ईमेल आईडी पर एक ईमेल आएगा, वहां जाइए, उसमें आपको Verify Email का ऑप्शन आएगा, जिसपर क्लिक करिए.
- इसके बाद आपके सामने चेकबॉक्स होगा, जिसपर क्लिक करने से पहले जरूरी है कि आप सभी टर्म्स एंड कंडीशन पढ़ लें. फिर चेकबॉक्स पर क्लिक करें.
लेकिन आपको ट्रेडिंग शुरू करने से पहले एक KYC (Know Your Customer) वेरिफिकेशन प्रोसेस से गुजरना होगा, जोकि अलग-अलग एक्सचेंज पर अलग-अलग हो सकता है.
क्रिप्टो एक्सचेंज क्या-क्या सुविधाएं देते हैं?
भारत में WazirX, CoinDCX, Binance और Unocoin जैसे एक्सचेंज सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं और इस्तेमाल किए जाते हैं. उदाहरण के लिए WazirX पर निवेशक क्रिप्टो कॉइन्स की आसानी से बाइंग, सेलिंग और ट्रेडिंग कर सकते हैं. WazirX निवेशकों को P2P (Peer-to-Peer) नेटवर्किंग की सुविधा भी देता है, जिसमें निवेशक सीधे दूसरे निवेशक के साथ ट्रेडिंग कर सकते हैं, इसमें उन्हें किसी थर्ड पार्टी और मध्यस्थ की जरूरत नहीं पड़ती है. सबसे दिलचस्प बात कि आप क्रिप्टो एक्सचेंज पर क्रिप्टो को फ्लैट करेंसी यानी रुपया, डॉलर जैसी ट्रेडिशनल करेंसी में भी कन्वर्ट करा सकते हैं, जोकि कन्वर्जन के बाद निवेशक के सोर्स अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
Cryptocurrency Exchange पर क्रिप्टो में ट्रेडिंग करने के लिए कितनी फीस देनी होती है? जानिए
Cryptocurrency Exchange : क्रिप्टोकरेंसी में दो तरीके से निवेश होता है- पहला माइनिंग से, दूसरा क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज क्या है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग करके. एक्सचेंज पर ट्रेडिंग ज्यादातर निवेशकों की पसंद हैं. हां, एक्सचेंज पर क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग के लिए कुछ फीस देनी पड़ती है. हम आपको बता रहे हैं कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कैसी-कैसी और कितनी फीस लगाते हैं.
Cryptocurrency Trading के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज निवेशकों से फीस लेते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट (Cryptocurrency Market) क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज क्या है पिछले कुछ सालों में जबरदस्त तेजी से बढ़ा है. अगर भारत की ही बात करें तो 2021 क्रिप्टो बूम लेकर आया है. Bitcoin और Ethereum जैसी पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी के साथ-साथ निवेशक Tether, Cardano, Ripple, Polka Dot जैसे कई क्रिप्टो कॉइन में पैसे लगा रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी में दो तरीके से निवेश होता है. पहला माइनिंग से, दूसरा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर इसमें ट्रेडिंग करके. चूंकि माइनिंग काफी जटिल प्रक्रिया और इससे काफी स्किल और इक्विपमेंट की जरूरत पड़ती है, ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग ज्यादातर निवेशकों की पसंद हैं. भारत में भी बहुत से क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एक्टिव हैं और लाखों निवेशकों को निवेश का प्लेटफॉर्म दे रहे हैं.
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हां, एक्सचेंज पर क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग के लिए कुछ फीस देनी पड़ती है. हम यहां आपको बता रहे हैं कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज यूजर्स पर ट्रेडिंग के लिए कैसी-कैसी और कितनी फीस लगाते हैं-
ट्रांजैक्शन फीस
हर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज यह फीस लगाता है. ट्रांजैक्शन फीस इनकी आय का प्रमुख स्रोत होता है, इससे वो कॉइन्स को खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं. अधिकतर एक्सचेंज फीस लेने के एक निश्चित मॉडल के तहत चलते हैं. इसके तहत वो हर ट्रांजैक्शन के लिए पहले से एक निश्चित अमाउंट रखते हैं, जो निवेशकों को चुकानी होती है. किसी यूजर को एक्सचेंज को आखिर में कितना कमीशन चुकाना है, ये कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कि ट्रांजैक्शन का वॉल्यूम क्या है, या फिर उस एक्सचेंज विशेष से क्या दूसरे फैक्टर्स उसकी फीस पर कोई असर डालते हैं या नहीं. ऐसे में जरूरी है कि निवेश करने से पहले एक बार निवेशक उस एक्सचेंज की फीस पर अच्छे से जानकारी ले लें.
एक्सचेंज एक और मॉडल फॉलो करते हैं- मेकर टेकर मॉडल. यह एक तरीके से वैरिएबल फीस मॉडल है, जिसमें सेलर मेकर होता है और बायर टेकर. ट्रांजैक्शन फीस इस बात पर निर्भर करती है कि कितने अमाउंट की ट्रेडिंग हो रही है और उस यूजर की ट्रेडिंग फ्रीक्वेंसी क्या है. अगर आप एक्टिव ट्रेडर हैं, तो आप मेकर की हैसियत में आ सकते हैं और इसके चलते आपको कम ट्रांजैक्शन फीस भरनी होगी.
एक्सचेंज ऐसा विकल्प देते हैं कि यूजर्स अपना खुद क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज क्या है का डिजिटल वॉलेट बना लें. अधिकतर क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइन्स स्टोर करने के लिए यूजर्स से कोई फीस नहीं लेते हैं, लेकिन वॉलेट से कॉइन विदड्रॉ करने या डिपॉजिट करने के लिए उन्हें एक फीस देनी होती है.
नेटवर्क फीस माइनर्स को चुकाई जाती है. जब भी कोई ट्रांजैक्शन होता है तो उसे वेरिफाई करके ब्लॉकचेन पर ऐड किया जाता है, इसके बाद ट्रांजैक्शन की प्रक्रिया पूरी होती है. इस प्रोसेस में माइनर्स काफी अहम भूमिका निभाते हैं और अपने काम के लिए उन्हें पावरफुल कंप्यूटर्स की जरूरत होती है. वो यह सुनिश्चित करते हैं कि हर ट्रांजैक्शन में पारदर्शिता और वैधता बनी रहे. हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर कोई सीधा नियंत्रण नहीं होता है. डिमांड और सप्लाई के आधार पर ट्रांजैक्शन जितना हाई होगा, फीस उतनी बढ़ जाएगी.
Video : कॉफी एंड क्रिप्टो : क्रिप्टो ट्रांजेक्शन में क्या होता है ब्लॉकचेन? कैसे काम करता है ये?
डिजिटल करेंसी: खरीदना चाहते हैं क्रिप्टोकरेंसी? तो जानिए क्रिप्टो एक्सचेंज में क्या देखना है जरूरी
आप केवल अपने बैंक या निवेश फर्म से क्रिप्टो नहीं खरीद सकते। बिटक्वाइन, एथेरियम, या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर एक खाता बनाना होगा।
अप्रैल में 64,600 अमेरिकी डॉलर (48.5 लाख रुपये) तक पहुंचने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली है। लेकिन भारत में अचानक क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा बढ़ गई है। डिजिटल करेंसी की ट्रेडिंग में लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। मौजूदा समय में बिटक्वाइन 32,640.73 डॉलर के करीब है। मालूम हो कि बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 64,829.14 डॉलर रही है।
आप केवल अपने बैंक या निवेश फर्म से क्रिप्टो नहीं खरीद सकते। बिटक्वाइन, एथेरियम, या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज क्या है प्लेटफॉर्म पर एक खाता बनाना होगा। सही क्रिप्टो एक्सचेंज चुनना बेहद अहम है।
क्या है क्रिप्टो एक्सचेंज?
क्रिप्टो एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से आप क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं। एक्सचेंज उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदा बाजार कीमतों को दर्शाते हैं। एक्सचेंज के जरिए आप एक क्रिप्टोकरेंसी के बदले दूसरी क्रिप्टोकरेंसी, जैसे बिटक्वाइन क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज क्या है के बदले लाइटक्वाइन खरीद सकते हैं या क्रिप्टोकरेंसी को अमेरिकी डॉलर या कियी अन्य मुद्रा से भी खरीद सकते हैं। अपने खाते में पैसे रखने के लिए आप क्रिप्टो को दोबारा डॉलर में भी बदल सकते हैं।
क्रिप्टो एक्सचेंज में क्या देखना जरूरी?
- स्थान- राज्य या राष्ट्रीय नियमों के कारण आपकी लोकेशन आपको कुछ एक्सचेंजों पर क्रिप्टो खरीदने और बेचने से रोक सकती है। जैसे चीन ने नागरिकों के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर प्रतिबंध लगाया है। संयुक्त राज्य में कुछ राज्यों ने अपने स्वयं के नियम बनाए हैं। जैसे न्यूयॉर्क में एक्सचेंज के लिए बिटलाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है और केवल लाइसेंस प्राप्त कंपनियों को कुछ स्वीकृत सिक्कों की पेशकश करने की अनुमति है। अधिकांश अन्य क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज क्या है राज्यों में न्यूयॉर्क की तरह सख्त नियम नहीं हैं।
- सुरक्षा- क्रिप्टोकरेंसी किसी भी केंद्रीय संस्थान द्वारा समर्थित नहीं है, और आपकी क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग्स बैंक में पैसा या पारंपरिक निवेश की तरह सुरक्षित नहीं हैं। कुछ एक्सचेंज, जैसे क्वाइनबेस और जेमिनी, एफडीआईसी बीमाकृत बैंक खातों में आपके द्वारा रखे गए अमेरिकी डॉलर में शेष राशि रखते हैं। लेकिन एफडीआईसी बीमा क्रिप्टोकरेंसी बैलेंस पर लागू नहीं होती है। क्रिप्टो की सुरक्षा के लिए, कुछ एक्सचेंजों के पास हैकिंग या धोखाधड़ी से एक्सचेंज के भीतर मौजूद डिजिटल मुद्राओं की सुरक्षा के लिए बीमा पॉलिसी होती हैं।
- फीस- फीस पर विचार करना भी अहम है। एक्सचेंज आपके लिए क्रिप्टो खरीदना जितना आसान बनाते हैं, आपको उतने ही अधिक शुल्क का भुगतान क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज क्या है करना पड़ सकता है। विनिमय शुल्क एक निश्चित मूल्य हो सकता है, लेकिन अक्सर यह आपके व्यापार का एक फीसदी होता है। कुछ एक्सचेंज, जैसे कैश एप का शुल्क मूल्य अस्थिरता के आधार पर घटता या बढ़ता है। शुल्क अक्सर प्रति लेन-देन के लिए लिया जाता है। यह भिन्न भी हो सकता है। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि एक्सचेंज आपके क्रिप्टो लेनदेन के लिए आपसे कैसे और कब चार्ज करता है।
- लिक्विडिटी- यदि आप अपने क्रिप्टो को खरीदने, बेचने या व्यापार करने की योजना बनाते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके द्वारा चुने गए एक्सचेंज में ट्रेड वॉल्यूम हो। इससे आपकी होल्डिंग की लिक्विडिटी पता चलेगी और आप जब चाहें क्रिप्टो बेच सकेंगे। अक्सर, अधिक लोकप्रिय एक्सचेंज वे होते हैं जिनके व्यापार की मात्रा सबसे अधिक होती है।
विस्तार
अप्रैल में 64,600 अमेरिकी डॉलर (48.5 लाख रुपये) तक पहुंचने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली है। लेकिन भारत में अचानक क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा बढ़ गई है। डिजिटल करेंसी की ट्रेडिंग में लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। मौजूदा समय में बिटक्वाइन 32,640.73 डॉलर के करीब है। मालूम हो कि बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 64,829.14 डॉलर रही है।
आप केवल अपने बैंक या निवेश फर्म से क्रिप्टो नहीं खरीद सकते। बिटक्वाइन, एथेरियम, या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर एक खाता बनाना होगा। सही क्रिप्टो एक्सचेंज चुनना बेहद अहम है।
क्या है क्रिप्टो एक्सचेंज?
क्रिप्टो एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से आप क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं। एक्सचेंज उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदा बाजार कीमतों को दर्शाते हैं। एक्सचेंज के जरिए आप एक क्रिप्टोकरेंसी के बदले दूसरी क्रिप्टोकरेंसी, जैसे बिटक्वाइन के बदले लाइटक्वाइन खरीद सकते हैं या क्रिप्टोकरेंसी को अमेरिकी डॉलर या कियी अन्य मुद्रा से भी खरीद सकते हैं। अपने खाते में पैसे रखने के लिए आप क्रिप्टो को दोबारा डॉलर में भी बदल सकते हैं।
क्रिप्टो एक्सचेंज में क्या देखना जरूरी?
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स्थान- राज्य या राष्ट्रीय नियमों के कारण आपकी लोकेशन आपको कुछ एक्सचेंजों पर क्रिप्टो खरीदने और बेचने से रोक सकती है। जैसे चीन ने नागरिकों के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर प्रतिबंध लगाया है। संयुक्त राज्य में कुछ राज्यों ने अपने स्वयं के नियम बनाए हैं। जैसे न्यूयॉर्क में एक्सचेंज के लिए बिटलाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है और केवल लाइसेंस प्राप्त कंपनियों को कुछ स्वीकृत सिक्कों की पेशकश करने की अनुमति है। अधिकांश अन्य राज्यों में न्यूयॉर्क की तरह सख्त नियम नहीं हैं।
Cryptocurrency Update : दिवालिया हो गए एक्सचेंज तो क्रिप्टो निवेशकों के पैसों का क्या होगा? एक्सपर्ट से समझें
बिटक्वाइन में अपने शीर्ष से 50 फीसदी से भी ज्यादा गिरावट आ चुकी है.
ग्लोबल मार्केट में जारी उठापटक की वजह से न सिर्फ शेयर बाजार बल्कि क्रिप्टो एक्सचेंज भी बड़ी गिरावट झेल रहे हैं. कई क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज क्या है क . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 24, 2022, 09:57 IST
हाइलाइट्स
जून के बाद से बाइनेंस, वॉल्ड, स्काईब्रिज कैपिटल जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज ने अपनी ट्रेडिंग रोक दी है.
क्रिप्टो एसेट किसी भी सरकार अथवा सरकारी एजेंसी द्वारा गारंटीड नहीं होता है.
एक्सचेंज के दिवालिया होने की स्थिति में निवेशकों को असुरक्षित कर्जदाता की श्रेणी में रखा जाएगा.
नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बड़ी गिरावट को देखते हुए कुछ एक्सचेंज ने अपनी ट्रेडिंग को बंद कर रहे हैं. यह ट्रेंड जून से ज्यादा बढ़ गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर क्रिप्टो एक्सचेंज दिवालिया हो जाएं तो निवेशकों के पैसों का क्या होगा?
दरअसल, मई में टेरा सिस्टर क्रिप्टो के धराशायी होने के बाद क्रिप्टो एक्सचेंज किसी बड़ी गिरावट से बचने के लिए अपनी ट्रेडिंग रोक दे रहे हैं. ग्लोबल मार्केट पर दबाव की वजह से दुनियाभर के शेयर बाजार अभी गिरावट झेल रहे हैं, जिसका खामियाजा क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को भी भुगतना पड़ रहा. यही कारण है कि कई क्रिप्टो एक्सचेंज अपने प्लेटफॉर्म पर निकासी और जमा को रोक रहे हैं.क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज क्या है
कुछ एक्सचेंज इस गिरावट और नुकसान की भरपाई के लिए दूसरे निवेशक तलाश रहे या फिर अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं. इसके अलावा किसी अन्य फर्म या एक्सचेंज से ज्वाइंट वेंचर बनाने का भी विकल्प देख रहे हैं. ऐसे में एक्सपर्ट और निवेशकों के मन में यह सवाल जरूर उठता है कि अगर एक्सचेंज दिवालिया हो गए तो उनके पैसों का क्या होगा.
सामने आया मामला
अमेरिका के न्यूजर्सी स्थित क्रिप्टो एक्सचेंज सेल्सियस नेटवर्क ने हाल में अपनी बैलेंस शीट की खराब हालत को देखते हुए खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है. एक्सचेंज ने केस फाइल कर कहा है कि उसके शेयरधारकों के हितों को देखते हुए दोबारा बिजनेस खड़ा करने के लिए समय दिया जाए. कंपनी के पास मौजूद डिजिटल एसेट अभी तेजी से बढ़ रहा है. लिहाजा आने वाले समय में यह फिर से सामान्य कारोबार कर सकेगी.
13 जुलाई, 2022 तक सेल्सियस पर कुल 5.5 अरब डॉलर का बकाया था, जबकि कंपनी के पास कुल 4.31 अरब डॉलर की संपत्ति थी. ऐसे में 1.19 अरब डॉलर का नुकसान दिख रहा है. सेल्सियस की तरह व्योगर डिजिटल ने भी दिवालिया प्रक्रिया शुरू कराई है. यह एक्सचेंज हालिया गिरावट की वजह से बरबाद हो गया है. एक और एक्सचेंज क्वाइनफ्लेक्स ने पिछले दिनों अपनी ट्रेडिंग रोकते हुए कहा था कि उसके एक निवेशक ने 4.7 करोड़ डॉलर का भुगतान नहीं किया है. अब कंपनी कानूनी रास्ते से 8.4 करोड़ डॉलर वसूलने की तैयारी में है.
जून के बाद से बाइनेंस, वॉल्ड, स्काईब्रिज कैपिटल जैसे कुछ और क्रिप्टो एक्सचेंज ने अपनी ट्रेडिंग रोक दी है. यह घटना निवेशकों को उनकी गाढ़ी कमाई डूबने को लेकर खतरे का संकेत दे रही है. ऐसे में अगर ये एक्सचेंज दिवालिया हो जाते हैं तो निवेशकों के पैसों का क्या होगा.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
माईफंडबाजार के सीईओ और फाउंडर विनीत खांदरे का कहना है कि ऐसे किसी भी एसेट में निवेश करने वाले को रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है. अमेरिका स्थित क्रिप्टो एक्सचेंज क्वाइनबेस ने हाल में वहां के बाजार नियामक को एक दस्तावेज के जरिये बताया था कि क्रिप्टो एसेट किसी भी सरकार अथवा सरकारी एजेंसी द्वारा गारंटीड नहीं होता है. लिहाजा क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर होने वाले किसी भी नुकसान को लेकर निवेशकों को कोई आश्वासन नहीं दिया जा सकता है. एक्सचेंज के दिवालिया होने की स्थिति में निवेशकों को असुरक्षित कर्जदाता की श्रेणी में रखा जाएगा और एक्सचेंज के पास जो भी संपत्ति है, उसे दिवालिया प्रक्रिया के तहत निवेशकों को बांटा जा सकता है.
टैरालिटी के सीईओ एवं डाइरेक्टर अभिजीत शुक्ला का कहना है कि क्रिप्टो एसेट को रेगुलेट करने के लिए कोई कानून नहीं है. लिहाजा एक्सचेंज के डूबने या दिवालिया होने पर निवेशकों को उनके पैसे मिलने की भी कोई गारंटी नहीं है. दिवालिया होने की स्थिति में एक्सचेंज के वॉलेट में मौजूद राशि को निवेशक अपनी संपत्ति बताकर दावा नहीं कर सकता है.
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