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BOB Digital Mudra Loan Online Apply: 50,000 से 10 लाख़ का Loan, मोबाइल से करें आवेदन

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट एंड फाइनेंस एजेंसी लोन स्कीम भारत की पहल कदमी कर रही है, जो व्यक्तियों को एम एस एम ई तथा एसएमई लोन प्रदान करती है। इसके माध्यम से तीन प्रकार की लोन योजनाएं आयोजित की गई है शिशु, किशोर तथा तरुण।

मुद्रा लोन योजना के तहत ₹1000000 तक की राशि प्रदान की जाती है। आपको मालूम होगा कि इस लोन के लिए आपको किसी प्रकार की सिक्योरिटी जमा कराने की जरूरत नहीं होती है इस लोन का भुगतान करने के लिए आपको 5 साल तक का समय दिया जाता है। इससे संबंधित और जानकारी हासिल करने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।

बैंक ऑफ बड़ौदा डिजिटल मुद्रा लोन

देश के तीसरे सबसे बड़े बैंक (बैंक ऑफ बड़ौदा) ने अभी हाल ही में डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म लांच किया। इस प्लेटफार्म से संभावित रिटेल लोन प्राप्त करने वाले को उसकी जगह और समय के अनुसार बिना किसी कागजी कार्यवाही के उसे डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से ऋण प्राप्त करने के लिए बेहतर अवसर सुविधा प्रदान करता है। डिजिटल मुद्रा लोन स्कीम के माध्यम से आप 50000 से लेकर 1000000 रुपए तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं।

BOB डिजिटल मुद्रा लोन के लाभ

बैंक ऑफ बड़ौदा डिजिटल मुद्रा लोन के विभिन्न लाभों की चर्चा निम्नलिखित है-

आवेदन की प्रक्रिया का आसान होना- जब कोई व्यक्ति अपना व्यवसाय स्थापित करना चाहता है तो उसको उसे स्थापित करने बढ़ाने के लिए कई प्रकार की योजनाओं की आवश्यकता पड़ती है जब आप इस तरीके की परेशानियों में उलझे हुए होते हैं तो आपके पास इतना समय नहीं होता है कि आप ऋण प्राप्त कर सकें। बैंक ऑफ बड़ौदा ने जो डिजिटल प्लेटफार्म लॉन्च किया है वे आपकी इस तरह की समस्याओं का समाधान बहुत ही कम समय में कर सकता है। अगर आपने अभी तक आवेदन नहीं किया है तो जल्दी करें।

कागजी कार्रवाई का ना होना – आप इस बात से भली-भांति परिचित होंगे कि जब हम कोई ऋण प्राप्त करते हैं तो हमें किस प्रकार के दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है और सिक्योरिटी भी हमें जमाने करानी होती परंतु यह प्लेटफार्म आपको इन तमाम तरह की की दिक्कतों से छुटकारा दिलाता है।

समय की बचत – जिस प्रकार बैंक ऑफ बड़ौदा ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से आवेदक की जानकारी के संग्रह सत्यापन को संचालित करने में सक्षम बनाया है। इसके परिणाम स्वरूप डिजिटल मुद्रा ऋण के लिए टर्न अराउंड समय को कुशलतापूर्वक घटाकर 30 मिनट तक कर दिया। जिसका नतीजा यह है कि यह प्लेटफार्म आपकी आवश्यकताओं और को बहुत जल्दी तथा तेज़ प्रक्रिया के साथ पूरा करेगा।

बैंक ऑफ बड़ौदा डिजिटल मुद्रा लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज –

अब हम यहां पर लोन से संबंधित दस्तावेजों की चर्चा करेंगे जो डीमैट खाता मूल बातें कि आपको लोन लेने के लिए अनिवार्य है-

  • आवेदक का आधार कार्ड।
  • आवेदक का पैन कार्ड।
  • आवेदक की पासबुक।
  • आवेदक का आधार कार्ड मोबाइल नंबर से लिंक होना चाहिए।

बड़ोदा बैंक मुद्रा लोन के लिए Eligibility Criteria –

अभी हमने आवश्यक दस्तावेजों के बारे में चर्चा की अतः इस बात की चर्चा करेंगे की लोन लेने के लिए किस प्रकार की नियम और शर्तें है-

  • सर्वप्रथम वह भारत का मूल निवासी होना चाहिए।
  • जो आवेदक यह लोन प्राप्त करना चाहता है उसका खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में होना अनिवार्य है।
  • आवेदक का आधार कार्ड मोबाइल नंबर से लिंक होना भी अनिवार्य है।
  • अगर किसी आवेदक का बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता नहीं है तथा वे इस लोन को प्राप्त करना चाहता है तो उसके लिए उसे सबसे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा में जाकर खाता खुलवाना होगा।

BOB मुद्रा लोन के लिए कैसे आवेदन करें

आवेदक इस बात से परिचित होंगे कि इसकी प्रक्रिया ऑनलाइन है अगर आप ऑनलाइन प्रक्रिया में खुद को असमर्थ महसूस कर रहा है तो परेशान ना हो ना आपके साथ कुछ ऐसे स्टेप्स साझा करेंगे जिसकी मदद से आप आसानी पूर्वक आवेदन कर पाएंगे चलिए आइए देखते है –

  • आपको इसकी ऑफिशल वेबसाइट पर विजिट करना होगा।
  • उसके बाद आपके सामने इसका होमपेज खोलेगा जहां पर आप को e-mudra लोन का ऑप्शन दिखाई देगा आपको उसके ऊपर क्लिक कर देना।
  • आपके क्लिक करने के बाद आपके सामने एक नया पोस्ट खुलकर सामने आएगा इसमें आपको बैंक द्वारा कुछ निर्देश दिए जाएंगे आपको उन्हें ध्यान पूर्वक डीमैट खाता मूल बातें पढ़ना है तथा नीचे लिखे क्लिक आप्शन पर क्लिक कर देना।
  • इसके बाद आपको अपना वह मोबाइल नंबर दर्ज करना है जो आप के आधार कार्ड से लिंक है।
  • उसके बाद आपको लोन की ब्रांच ई भरनी होगी जितना आप प्राप्त करना चाहते हैं।
  • आपको सबमिट बटन पर क्लिक कर देना है क्लिक करने के बाद आपके सामने एक नया पेज खुल कर आएगा।
  • आपको अपने दस्तावेजों से संबंधित जानकारी दर्ज करनी होगी। जानकारी दर्ज हो जाने के बाद आपके सामने एक वेलकम पेज खुलेगा।

उस पेज का आपको प्रिंट आउट निकाल कर उसे सेव कर रख लेना बैंक ऑफ बड़ौदा के द्वारा आपके अकाउंट में जल्द ही वह लोन आपको कुछ ही समय में प्रदान करा दिया जाएगा।

EPFO New Update : पीएफ फंड से आपको भी मिल सकता है 50 हजार बोनस, ऐसे ले लाभ

EPFO New Update : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees Provident Fund Organisation ) के ग्राहकों के लिए एक ज़रूरी खबर है ! अगर आप किसी कंपनी में काम करते हैं और आपको बोनस नहीं मिलता है तो चिंता की कोई बात नहीं है। आपके पास पीएफ़ खातें ( PF Account ) में बोनस पाने का भी मौका है। अधिकांश लोग इसके बारे में जानकारी नहीं होने के कारण इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। लेकिन, हम आपको बता रहे हैं कि कैसे वो लोग इसका फायदा उठा सकते हैं। उसे दस, बीस हजार रुपये नहीं बल्कि 50 हजार रुपये तक का बोनस भी मिलता है।

EPFO New Update

EPFO New Update

EPFO New Update

दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees Provident Fund Organisation ) की ओर से पीएफ खाता ( PF Account ) धारकों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. इसमें सेवानिवृत्ति बोनस भी शामिल है। इसका फायदा उठाने के लिए आपको बस थोड़ा सा प्रयास करना होगा। इसके बाद सेवानिवृत्ति के समय 50 हजार रुपये अतिरिक्त बोनस के रूप में मिलेंगे।

इस साल सितंबर माह में 13.37 लाख नए सदस्य जुड़े

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees Provident Fund Organisation ) की ओर से चलाई जा रही सामाजिक पेंशन ( Pension ) योजना से इस साल सितंबर महीने में करीब 13.37 लाख नए सदस्य ( PF Account ) जुड़े हैं. हालांकि अगस्त के महीने में इसकी संख्या ज्यादा रही। अगस्त महीने में 13.42 लाख लोग इससे जुड़े हैं। वहीं, अप्रैल महीने में कुल 10.76 लाख लोग जुड़े हैं।

असमय मृत्यु पर इतना मिलता है बीमा कवर

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees Provident Fund Organisation ) केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने भी पीएफ खाता ( PF Account ) धारक की असामयिक मृत्यु के मामले में कम से कम 2.5 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करने का निर्णय लिया है। ईडीएलआई बीमा कवर भी अब बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है।

EPFO New Update : मेडिकल बिल की जरूरत नहीं

कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees Provident Fund Organisation ) ने भी नई व्यवस्था लागू की है। नए नियम के तहत अब मेडिकल बिल जमा नहीं करना होगा। आपका पैसा एक घंटे के भीतर आपके बैंक खाते में जमा कर दिया जाएगा ( PF Account ) । पहले भी मेडिकल क्लेम में पैसा निकाला जा सकता था लेकिन मेडिकल बिल जमा करना पड़ता था।

बोनस पाने के लिए है ये शर्त

इस बोनस प्राप्त करने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees Provident Fund Organisation ) यह बोनस पीएफ खाताधारकों को लॉयल्टी कम लाइफ बेनिफिट के तहत देता है। इसका लाभ उन पेंशन पीएफ खाताधारकों को मिलता है। जिन्होंने रिटायरमेंट से कम से कम 20 साल पहले पीएफ खाते में जमा किया है। यदि कोई पीएफ खाता ( PF Account ) धारक 20 साल पूरे करने से पहले स्थायी रूप से अक्षम हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में भी ईपीएफओ द्वारा लॉयल्टी कम लाइफ बेनिफिट के तहत बोनस लाभ दिया जाता है।

बोनस के रूप में कम से कम इतने हजार प्राप्त करें

आइए हम आपको बताते हैं कि आपको बोनस के तौर पर कितना पैसा मिलता है। अगर कोई ईपीएफ़ओ ( PF Account ) के तहत 20 साल की शर्त पूरी करता है तो उसे रिटायरमेंट पर 30 हजार रुपए पेंशन ( Pension ) मिलती है। इसी तरह 5001 रुपये डीमैट खाता मूल बातें से 10,000 रुपये तक के मूल वेतन वाले लोगों को सेवानिवृत्ति पर 40,000 रुपये का बोनस दिया जाता है। जिनका मूल वेतन 10 हजार रुपये से अधिक है, उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees Provident Fund Organisation ) द्वारा 50 हजार रुपये का बोनस दिया जाता है।

EPF Interest Transferred Successfully : EPFO ने पीएफ खातों में डाला ब्याज़ , ऐसे चेक करें अपना PF खाता

EPF Interest Transferred SuccessFully : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees Provident Fund Organisation ) ने अंततः वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पीएफ खातों ( EPF Account ) में 8.50% ब्याज दिया है ! सर्कुलर जारी होने के बाद, जिसे अब आप अपनी पीएफ पासबुक में देख सकते हैं और आप यह जान सकते हैं कि – आपके पीएफ खाते ( PF Account ) में 2019-20 वित्तीय वर्ष के लिए कितना ब्याज मिला है? तो चलिए जानते हैं कि आप अपने पीएफ पासबुक में ब्याज की राशि की जांच कैसे कर सकते हैं?

EPF Interest Transferred SuccessFully

EPF Interest Transferred SuccessFully

EPFO Interest Transferred SuccessFully

इस तरह पीएफ पासबुक में ब्याज की जांच करें

  • सबसे पहले, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees Provident Fund Organisation ) ​​की आधिकारिक साइट epfindia.gov.in पर जाएं !
  • हमारी सेवा टैब पर कर्मचारियों के लिए विकल्प पर क्लिक करें !
  • नीचे दिए गए सदस्य पासबुक विकल्प पर क्लिक करें !
  • अब अपना यूएएन नंबर , पासवर्ड और सिक्योरिटी कोड डालें और लॉगिन करें !
  • ईपीएफ पासबुक पेज खुल जाएगा !
  • सदस्य आईडी चुनें मैं अपना पीएफ खाता ( PF Account ) चुनता हूं !
  • पासबुक [NEW: YEARLY] बटन पर क्लिक करें !
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 का चयन वित्तीय वर्ष में करें !
  • आपकी ईपीएफ पासबुक ( EPF Account ) नीचे दिखाई देगी, जिसे आप डाउनलोड पासबुक बटन पर क्लिक करके भी डाउनलोड कर सकते हैं !
  • इस PF पासबुक में आपको Int मिलेगा ! 31/03/2020 तक की प्रविष्टि देखी जाएगी !
  • इस कॉलम में, आपको 2019-20 के लिए ईपीएफ ब्याज ( PF Account ) क्रेडिट राशि का पता चल जाएगा !

EPF Interest Transferred Successfully

यहां आपको कर्मचारी शेयर और नियोक्ता शेयर कॉलम में ब्याज की राशि देखने को मिलेगी, हालांकि पेंशन अंशदान में ब्याज राशि शून्य (0) के रूप में दिखाई जाएगी, क्योंकि पेंशन योगदान पर कोई ब्याज नहीं है ! तो दोस्तों, इस तरह से आप अपनी PF पासबुक में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए EPF ( EPF Account ) ब्याज क्रेडिट की स्थिति की जाँच कर सकते हैं और उस ब्याज की राशि के डीमैट खाता मूल बातें बारे में जान सकते हैं जो जमा की गई है !

2019-20 EPFO ब्याज क्रेडिट

  • मार्च 2020 में, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पीएफ खातों ( PF Account ) में 8.50 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करने की बात हुई थी !
  • 9 सितंबर, 2020 सीबीटी की बैठक में , 8.50% ब्याज दर दो किस्तों में जमा की गई थी !
  • दिसंबर 2020 श्रम मंत्रालय ने एक किस्त में 8.50% की दर से ब्याज के लिए वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा !
  • 30 दिसंबर 2020 को वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी !
  • ईपीएफ ब्याज पर आधिकारिक अधिसूचना 4 जनवरी 2021 को जारी की गई थी !
  • 11 जनवरी से पीएफ खातों ( EPF Account ) में ब्याज क्रेडिट जमा होना शुरू हुआ !

Employees Provident Fund Organisation

हमें उसी EPF ( EPF Account ) स्टेटमेंट पर विचार करना चाहिए जो ऊपर दिया गया है ! मेरा दोस्त सितंबर 2012 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में अपनी पहली नौकरी में शामिल हुआ था ! उनकी कंपनी उनके मूल वेतन का 8.33% “ईपीएफ जमा” (हर महीने 239 रुपये) और ईपीएस स्कीम ( PF Account ) की ओर 3.67% (541 रुपये) के रूप में योगदान करती है ! ! (12% 2012-13 में न्यूनतम 6,500 रुपये के अधीन है) ! ( Employees Provident Fund Organisation ) उनका योगदान 6500 रुपये का 12% था जो 780 रुपये था !

सफल होने के बाद कभी नहीं करना चाहिए इन तीन चीजों के साथ समझौता

सफल होने के बाद कभी नहीं करना चाहिए इन तीन चीजों के साथ समझौता

वहीं अगर हम बात आचार्य चाणक्य की करें तो इनके मुताबिक सफलता के लिए व्यक्ति को संघर्ष करना चाहिए। वही अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन मे कुछ मूल सिद्धातों को लागू करता है तो उसकी सफलता उसके जीवन मे उसकी पहचान बन जाती है।

आचार्य चाणक्य के मुताबिक- यदि कोई व्यक्ति अपने स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं करता है और सफलता हेतु निरंतर प्रयास करता रहता है। तो उस व्यक्ति की सफलता उसकी पहचान बनती है और उसका स्वाभिमान उसको लोगों के बीच अलग पहचान दिलाता है।

आचार्य चाणक्य के अनुसार- यदि आप अपने जीवन मे सफल हो जाते हैं। तो आपको अपने मित्रों को कभी नहीं भूलना चाहिए और अपनी सफलता पर घमंड नहीं करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप सफल भले हो जाएं लेकिन आपको अपनो का साथ नहीं प्राप्त हो सकता है।

आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि आप अपनी सफलता के नशे में चूर होकर अपने से बड़ों का सम्मान नहीं करते हैं। तो आपको अपने जीवन मे सुख हासिल नहीं होता है और आप सम्पन्न होने के बावजूद भी सुख का अनुभव नहीं कर पाते हैं।

NPS और OPS में कौन सी स्कीम है बेहतर और क्यों की जा रही है OPS को बहाल करने की मांग,जानें पूरी डिटेल

NPS

OPS vs NPS: ओपीएस और एनपीएस एक ही पहलू के दो सिक्के हैं. इसमें दो अलग-अलग बातों का व्याख्यान है. जैसे ओपीएस का मतलब ओल्ड पेंशन स्कीम है जबकि एनपीएस का मतलब नेशनल पेंशन स्कीम है. ओपीएस की मांग लोगों में तेज है जो कुछ प्रदेशों में लागू की गई है. पंजाब में लागू किया जाना था लेकिन हो नहीं पाया है. सरकार ने ओपीएस को बंद करके नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस को शुरू किया है.

क्या है NPS?

एनपीएस एक तरह से नई योजना है जिसे विरोधी दलों ने मुद्दा बना लिया है. एनपीएस हो या ओपीएस दोनों ही रिटायरमेंट योजना है. जिसमें ग्राहक को लगातार पैसे जमा करके ही उसका रिटर्न मिलेगा. ओपीएस के अपोजिट एनपीएस में मार्केट लिंक्ड निवेश करके पैसा मिल जाता है. इसका रिटर्न पेंशनर को दिया जाता है. अब इन दोनों फर्क कैसा है चलिए बताते हैं.

क्यों है पुरानी पेंशन की माँग?

पुरानी पेंशन योजना को तरजीह देने का एक कारण यह भी है कि इसके तहत सेवानिवृत्त कर्मचारी को पेंशन ज़रूर दी जाती है. जो सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले मूल वेतन का 50 प्रतिशत होता है, यानी मूल वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता है.इतना ही नहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारी को कार्यरत कर्मचारी की तरह लगातार महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी की सुविधा भी मिलती है.इससे महंगाई बढ़ने के साथ-साथ पेंशन में भी बढ़ोतरी होती रहती है.

क्या है कर्मचारी संघों का पक्ष?

पंजाब में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर कर्मचारी संगठनों द्वारा लगातार सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया जाता रहा है.राहत की बात यह है कि राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है. इसलिए हम कर्मचारी अब से पुरानी पेंशन योजना के तहत आते हैं.

हिमाचल के कर्मचारियों का भी कुछ ऐसा ही मानना है.डीमैट खाता मूल बातें हिमाचल के कर्मचारी संघ के नेता भरत शर्मा ने कहा कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि जल्दी ही सरकार अपना वादा पूरा करेगी जिससे अब से कर्मचारी डीमैट खाता मूल बातें पेंशन के हकदार हो जाएँगे.

क्या है अंतर? (OPS vs NPS)

पेंशन कितनी मिलती है?

एनपीएस के अंतर्गत कर्मचारियों से नौकरी के दौरान पैसा जमा किया जाता है. इन पैसों को मार्केट लिंक्डसिक्योरिटीज में इनवेस्ट किया जाता. जबकि ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारियों को उसकी आखिरी सैलरी के आधार पर पेंशन दी जाती है.

टैक्स में फायदा

एनपीएस में सेक्शन 80C के तहत सालाना निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट की सुविधा मिल जाती है. सेक्शन 80CCD(1B) के अंतर्गत 50 हजार रुपये की छूट पाई जा सकती है.वहीं ओपीएस में कोई भी टैक्स छूट का प्रावधान नहीं होता है.

पेंशन की राशि क्या है?

रिटायर होने के बाद एनपीएस का 60 फीसदी पैसा दिया जाता है जो टैक्स फ्री रहता है. इसका 40 प्रतिशत लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की एन्युटी में जमा होता है. वहीं ओपीएस से किसी तरह की कमाई पर ब्याज नहीं लगता है.

OPS vs NPS

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OPS और NPS में कौन है बेहतर?

ओपीएस में मिलने वाली पेंशन राशि तय होती है. अंतिम सैलरी जो भी मिलती हो उसका 50 फीसदी पेंशन के रूप में दिया जाता है. मगर एनपीएस की पेंशन घट भी सकती है और बढ़ भी सकती है. एनपीएस बाजार से जुड़ा है जिसमें रिटर्न की गारंटी पूरी तरह से नहीं होती है. इसलिए ओपीएस एनपीएस से बेहतर होता है.

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