Tax Saving Scheme: इनकम टैक्स बचाने के लिए इन योजनाओं में करें निवेश, कर-बचत के साथ ही मिलेगा मोटा फंड
Income Tax Saving Tips: इस वित्त वर्ष का आधा से ज्यादा वक्त समय बीत चुका है.अप्रैल से नया वित्त वर्ष हो जाएगा. इस वित्त वर्ष के खत्म होने से पहले आपको टैक्स सेविंग के लिए प्लानिंग करना जरूरी है.
Tax Saving Schemes: जिन नौकरीपेशा व्यक्तियों की सैलरी टैक्स के दायरे में आती है उन्हें वित्त वर्ष के खत्म होने से पहले ही निवेश की प्लानिंग कर लेनी चाहिए. इससे बाद में आपको किसी तरह के परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. अगर आप भी टैक्स सेविंग स्कीम्स की तलाश कर रहे हैं इसमें इन्वेस्ट करके आप भविष्य में तगड़ा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं तो हम आपको उसकी जानकारी दे रहे हैं. (PC: Freepik)
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ELSS फंड एकलौता ऐसा म्यूचुअल फंड स्कीम है जिसमें आपको निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट का लाभ मिलता है. इसमें आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट मिलती है. इसमें आप 100 रुपये की SIP के जरिए निवेश कर सकते हैं. इसमें आपको औसतन 10 से 12 फीसदी तक का रिटर्न मिल रहा है.
EPF स्कीम में भी निवेश करने पर नौकरीपेशा व्यक्तियों को तगड़े रिटर्न के साथ ही इनकम टैक्स की छूट भी मिलती है. इस स्कीम में निवेशक को फिलहाल 8.1 फीसदी तक का रिटर्न मिलता है. वहीं इसमें 1.5 लाख रुपये तक की छूट इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत मिलती है.
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पोस्ट ऑफिस की एक बेहद पॉपुलर स्कीम है. यह एक पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम है जिसमें आप अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश 1,000 रुपये से लेकर अधिकतम की कोई सीमा नहीं हैं. इस स्कीम में आपको इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत छूट मिलती है.(PC: Freepik)
अगर आप स्टेट बैंक की टैक्स सेविंग एफडी स्कीम में निवेश करते हैं तो आपको सामान्य नागरिकों को 6.10 फीसदी और वरिष्ठ नागरिकों को 6.60 फीसदी का रिटर्न मिल रहा है. इस स्कीम में आप पैसे 5 साल के लिए निवेश कर अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश सकते हैं. वहीं यह छूट 1.5 लाख रुपये तक की मिलती है.
हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम में निवेश करने पर इन्वेस्टर्स को 80D अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश के तहत छूट मिलती है. इसमें आपको 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट के अलावा 25,000 रुपये की अतिरिक्त अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश छूट मिलती है.(PC: Freepik)
Tags: Health Insurance employees provident fund tax saving scheme Tax Saving FD हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
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Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड इंवेस्टमेंट में रिस्क मैनेजमेंट का क्या है फंडा?
नए निवेशक (New Investor) अक्सर अपने पूरे निवेश फंड को केवल एक या दो म्यूचुअल फंडों (Mutual Funds) में निवेश करते हैं, जिन्होंने हाल ही में अच्छा रिटर्न (Good Return) दिया है। हालांकि, ऐसा करने से सिर्फ एक फंड मैनेजमेंट टीम (Fund Management Team) पर ही आप निर्भर हो जाते हैं, जो जोखिम (Risk) को बढ़ाता है।
म्यूचुअल फंड इंवेस्टमेंट में ऐसे करें रिस्क मैनेजमेंट
हाइलाइट्स
- इन दिनों शेयर बाजार नई ऊंचाई पर है
- आम निवेशक सीधे शेयर बाजार में निवेश करने के बजाय म्यूचुअल फंड बाजार के जरिए निवेश करना बेहतर समझते हैं
- हालांकि, शेयर बाजार से जुड़े जोखिम म्यूचुअल फंड में भी होते हैं
नई दिल्ली
इन दिनों शेयर बाजार (Share Market) नई ऊंचाई पर है। आम निवेशक (Investor) सीधे शेयर बाजार में निवेश (Share Market Investment) करने के बजाय म्यूचुअल फंड बाजार (Mutual Fund Schemes) के जरिए निवेश करना बेहतर समझते हैं। हालांकि, शेयर बाजार से जुड़े जोखिम (Share Market risk) म्यूचुअल फंड में भी होते हैं। पैसाबाजार.कॉम के सीनियर डाइरेक्टर साहिल अरोड़ा का कहना है कि सफल निवेश की कुंजी जोखिम को खत्म करना नहीं है, बल्कि एक अच्छे निवेश पोर्टफोलियो और जोखिम लेने की आपकी क्षमता के मुताबिक उसे मैनेज करना है। वह हमें बता रहे हैं कुछ तरीके, जिस पर अमल कर आप शेयर बाजार से जुड़े निवेश के जोखिम को मैनेज कर सकते हैं।
Housewife कैसे करें निवेश की प्लानिंग? इनमें निवेश करके हासिल कर सकते हैं बंपर रिटर्न
निवेश के साधनों की जब भी चर्चा होती है तो इसके लिए मार्केट में कई तरह के विकल्प उपलब्ध हैं. देश में आमतौर पर देखा जाता है कि निवेश की योजना को लेकर महिलाओं की तुलना में पुरुषों में जागरुकता ज्यादा है. हालांकि इसके पीछे कई वजह हैं जैसे अगर कोई महिला गृहिणी है तो उसके पास बचत ही काफी कम होती है. साथ ही निवेश के साधनों तक उसकी पहुंच भी कम रहती है. ऐसे में निवेश में उसकी भागीदारी सीमित ही रहती है. हालांकि नौकरीपेशा महिलाओं के अतिरिक्त गृहिणियां भी
अगर अपने बचत के पैसे को सही जगह पर निवेश करें तो उन्हें इसके एवज में मोटा मुनाफा हासिल हो सकती है.
इन प्रोडक्ट में कर सकते हैं निवेश
जानकारों का कहना है कि हाउसवाइफ (Housewife) के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश सबसे अच्छा विकल्प है. म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए निवेश किया जा सकता है. बाजार में कई ऐसे म्यूचुअल फंड उपलब्ध हैं जिसमें 100 रुपये की छोटी रकम से निवेश की शुरुआत की जा सकती है. इसके अलावा बॉन्ड में भी निवेश करके अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश पैसा बनाया जा सकता है.
वहीं अगर कोई महिला दीर्घकालीन अवधि के लिए निवेश करना चाहती है तो उसके लिए प्रॉविडेंट फंड (Provident Fund) एक बेहरीन जरिया हो सकता है. न्यूनतम 500 रुपये की शुरुआती रकम से प्रॉविडेंट फंड अकाउंट को खोला जा सकता है. इसमें 15 साल के लिए निवेश करना होगा. साल साल के बाद पीपीएफ में निकासी की सुविधा उपलब्ध है. इन योजनाओं के अतिरिक्त राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और शेयर बाजार भी निवेश के लिए उपयुक्त साधन हो सकता है. अगर कोई महिला जोखिम उठाने के लिए तैयार है तो उसके लिए शेयर बाजार बेहतर रहेगा. शेयर बाजार में बंपर रिटर्न की जितनी ज्यादा संभावना होती है उतनी ही ज्यादा जोखिम भी होती है.
डेट: कम जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न
सीधे शब्दों में कहें तो जब कोई लेनदार कुछ अतिरिक्त आमदनी की उम्मीद से देनदार को एक निश्चित समय के लिए उधार देता है, तो उसे डेट कहते हैं। डेट के जरिए निवेश बैंकिंग और पूंजी बाजार (कैपिटल मार्केट) दो चैनलों से होता है।
बैंकिंग चैनल में खुदरा निवेशक एक ऐसे कर्जदाता की भूमिका में रहता है, जो बचत खाता या सावधि जमा के रूप में बैंक को पूंजी उपलब्ध कराता है।
एनसीडी और एफएमपी भी हैं अच्छे विकल्प
डेट आधारित निवेश विकल्पों में हमारे देश में सबसे ज्यादा चलन बांड और डेट फंडों का है। हालांकि इसके अलावा भी कुछ डेट इंस्ट्रूमेंट हैं, जिन्हें निवेश के लिए चुना जा सकता है। इनमें कॉरपोरेट नॉन कंवर्टेबल डिबेंचर (एनसीडी) और फिक्स्ड मेच्योरिटी प्लान (एफएमपी) प्रमुख हैं।
सुरक्षित निवेश को तरजीह देते हुए अगर आप बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) से अधिक रिटर्न की अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश चाहत रखते हैं, तो एनसीडी का विकल्प चुन सकते हैं। कंपनियों द्वारा चुने गए इन डिबेंचरों में एफडी से ज्यादा ब्याज मिलता है।
हालांकि किसी कंपनी के एनसीडी में निवेश करने से पहले उसके वित्तीय रिकॉर्ड और रेटिंग आदि को ध्यान में जरूर रखना चाहिए। इसके अलावा कंपनी जिस क्षेत्र में कारोबार कर रही है, भविष्य में उसकी संभावनाएं कैसी हैं, इसपर गौर करना भी जरूरी है। इसी तरह एफएमपी के विकल्प को भी आजमाया जा सकता है। इसे आमतौर पर म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एफडी के रूप में देखा व जाना जाता है।
यह क्लोज एंडेड डेट फंड होते हैं। एफडी में जहां रिटर्न सुनिश्चित होता है, वहीं एफएमपी में रिटर्न इंडिकेटिव होते हैं। यानी दर्शाए गए रिटर्न मिलने की प्रबल संभावना तो होती है, पर इसकी गारंटी नहीं होती।
दूसरे शब्दों में कहें, तो इसमें मेच्योरिटी के समय मिलने वाला रिटर्न निवेश के समय बताए गए रिटर्न से अलग हो सकता है। एक साल से अधिक के एफएमपी में निवेश करने पर आयकर में छूट भी हासिल की जा सकती है।
निवेश की दुनिया बड़ी ही गतिशील है। परंपरागत निवेश के साधन जैसे सोना, जायदाद आदि में भी निवेश के नित नए इंस्ट्रूमेंट आते हैं जैसे कि सोना के लिए गोल्ड ईटीएफ आदि।
निवेश के बाजार में डेट फंड की अवधारणा अब बहुत नई नहीं है। एक अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश बड़ी सीमा तक सुरक्षित रिटर्न देने वाले इस विकल्प को लोग खूब अपना रहे हैं।
डेट इंस्ट्रूमेंट का दायरा बहुत बड़ा है जिसमें सामान्य निवेशक पशोपेश में पड़ सकता है। इससे बचने के लिए डेट फंड आधारित म्यूचुअल फंड उनके लिए मुफीद हो सकता है।
डेट से तात्पर्य ऐसे वित्तीय करार से है, जिसमें निवेशक को एक निश्चित अवधि के बाद ब्याज के साथ अच्छा रिटर्न हासिल होता है। इसे एक सुरक्षित निवेश माना जाता है।
सीधे शब्दों में कहें तो जब कोई लेनदार कुछ अतिरिक्त आमदनी की उम्मीद से देनदार को एक निश्चित समय के लिए उधार देता है, तो उसे डेट कहते हैं। डेट के जरिए निवेश बैंकिंग और पूंजी बाजार (कैपिटल मार्केट) दो चैनलों से होता है।
बैंकिंग चैनल अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश में खुदरा निवेशक एक ऐसे कर्जदाता की भूमिका में रहता है, जो बचत खाता या सावधि जमा के रूप में बैंक को पूंजी उपलब्ध कराता है।
एनसीडी और एफएमपी भी हैं अच्छे विकल्प
डेट आधारित निवेश विकल्पों में हमारे देश में सबसे ज्यादा चलन बांड और डेट फंडों का है। हालांकि इसके अलावा भी कुछ डेट इंस्ट्रूमेंट हैं, जिन्हें निवेश के लिए चुना जा सकता है। इनमें कॉरपोरेट नॉन कंवर्टेबल डिबेंचर (एनसीडी) और फिक्स्ड मेच्योरिटी प्लान (एफएमपी) प्रमुख हैं।
सुरक्षित निवेश को तरजीह देते हुए अगर आप बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) से अधिक रिटर्न की चाहत अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश रखते हैं, तो एनसीडी का विकल्प चुन सकते हैं। कंपनियों द्वारा चुने गए इन डिबेंचरों में एफडी से ज्यादा ब्याज मिलता है।
हालांकि किसी अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश कंपनी के एनसीडी में निवेश करने से पहले उसके वित्तीय रिकॉर्ड और रेटिंग आदि को ध्यान में जरूर रखना चाहिए। इसके अलावा कंपनी जिस क्षेत्र में कारोबार कर रही है, भविष्य में उसकी संभावनाएं कैसी हैं, इसपर गौर करना भी जरूरी है। इसी तरह एफएमपी के विकल्प को भी आजमाया जा सकता है। इसे आमतौर पर म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एफडी के रूप में देखा व जाना जाता है।
यह क्लोज एंडेड डेट फंड होते हैं। एफडी में जहां रिटर्न सुनिश्चित होता है, वहीं एफएमपी में रिटर्न इंडिकेटिव होते हैं। यानी दर्शाए गए रिटर्न मिलने की प्रबल संभावना तो होती है, पर इसकी गारंटी नहीं होती।
दूसरे शब्दों में कहें, तो इसमें मेच्योरिटी के समय मिलने वाला रिटर्न निवेश के समय बताए गए रिटर्न से अलग हो सकता है। एक साल से अधिक के एफएमपी में निवेश करने पर आयकर में छूट भी हासिल की जा सकती है।
Tax Saving Scheme: इनकम टैक्स बचाने के लिए इन योजनाओं में करें निवेश, कर-बचत के साथ ही मिलेगा मोटा फंड
Income Tax Saving Tips: इस वित्त वर्ष का आधा से ज्यादा वक्त समय बीत चुका है.अप्रैल से नया वित्त वर्ष हो जाएगा. इस वित्त वर्ष के खत्म होने से पहले आपको टैक्स सेविंग के लिए प्लानिंग करना जरूरी है.
Tax Saving Schemes: जिन नौकरीपेशा व्यक्तियों की सैलरी टैक्स के दायरे में आती है उन्हें वित्त वर्ष के खत्म होने से पहले ही निवेश की प्लानिंग कर लेनी चाहिए. इससे बाद में आपको किसी तरह के परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. अगर आप भी टैक्स सेविंग स्कीम्स की तलाश कर रहे हैं इसमें इन्वेस्ट करके आप भविष्य में तगड़ा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं तो हम आपको उसकी जानकारी दे रहे हैं. (PC: Freepik)
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EPF स्कीम में भी निवेश करने पर नौकरीपेशा व्यक्तियों को तगड़े रिटर्न के साथ ही इनकम टैक्स की छूट भी मिलती है. इस स्कीम में निवेशक को फिलहाल 8.1 फीसदी तक का रिटर्न मिलता है. वहीं इसमें 1.5 लाख रुपये तक की छूट इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत मिलती है.
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पोस्ट ऑफिस की एक बेहद पॉपुलर स्कीम है. यह एक पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम है जिसमें आप 1,000 रुपये से लेकर अधिकतम की कोई सीमा नहीं हैं. इस स्कीम में आपको इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत छूट मिलती है.(PC: Freepik)
अगर आप स्टेट बैंक की टैक्स सेविंग एफडी स्कीम में निवेश करते हैं तो आपको सामान्य नागरिकों को 6.10 फीसदी और वरिष्ठ नागरिकों को 6.60 फीसदी का रिटर्न मिल रहा है. इस स्कीम में आप पैसे 5 साल के लिए निवेश कर सकते हैं. वहीं यह छूट 1.5 लाख रुपये तक की मिलती है.
हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम में निवेश करने पर इन्वेस्टर्स को 80D के तहत छूट मिलती है. इसमें आपको 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट के अलावा 25,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिलती है.(PC: Freepik)
Tags: Health Insurance employees provident fund tax saving scheme Tax Saving FD हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
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FD Rates: सीनियर सिटीजन को FD पर ये बैंक दे रहे हैं सबसे ज्यादा ब्याज, जानें किस बैंक का करें सेलेक्शन
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