Bitcoin क्या है | Bitcoin कैसे खरीदें और बेचे
आप सभी को पता है कि बिटकॉइन एक Cryptocurrency हैं। इसका अर्थ है, Crypto का मतलब गोपनीय Currency का मतलब मुद्रा। इसे गोपनीय मुद्रा कहते है। क्युकी कैसा है बिटकॉइन बस्ताब रूप में आज तक किसी ने भी नहीं देखा. Bitcoin की मदद से आप किसी भी चीजों को खरीद सकते है। जैसे रुपया, डॉलर ये सारे पैसा होता है, ठीक उसी तरह Bitcoin एक तरह का पैसा ही है बस फर्क इतना है की आप ना तो छू सकते हो और ना ही देख सकते हो। लेकिन इसका इस्तेमाल आप किसी भी तरह का खरीद बेच में कर सकते हैं।
Bitcoin का आविष्कार 2009 में Satoshi Nakamoto ने किया था उस वक्त ये Cryptocurrency इतना ज्यादा लोकप्रिय नहीं था। जिसकी वजह से इसका प्राइस काफी ज्यादा कम थी। उस वक्त एक बिटकॉइन की कीमत थी करीब 0.003 डॉलर। लेकिन आज एक बिटकॉइन की कीमत 37000 डॉलर के पार हैं। हर रोज इसका प्राइस घटता बढ़ता रहता है इसका प्राइस कभी भी स्थिर नहीं रहता।
बिटकॉइन (Bitcoin) कैसे बनता है:-
किसी भी देश में पैसा छापने के लिए सरकार होते है। लेकिन बिटकॉइन में ऐसा नहीं हैं. Bitcoin बास्ताब रूप में नहीं होता इसलिए इसे कंप्यूटर द्वारा माइनिंग किया जाता हैं। बिटकॉइन माइनिंग प्रोसेस में कम्प्यूटिंग पावर का इस्तेमाल करके ट्रांजैक्शन को सफल किया जाता हैं। ट्रांजेक्शन सफल करने के लिए माइनरस को पुरस्कार में बिटकॉइन मिलता हैं. इसी तरह नया बिटकॉइन जन्म होते हैं।
Bitcoin माइनरस का उद्देश्य यह होता है कि सफलता पूर्वक ट्रांजैक्शन को पूरा करना, साथ ही कोई ट्रांजैक्शन में Bitcoin इस्तेमाल करने के नुकसान धोखाधड़ी ना कर पाए इसका ध्यान रखना माइनरस का काम होते हैं।
बिटकॉइन माइनरस आप भी बन सकते है इसके लिये आपको हाई प्रोसेसिंग वाले कंप्यूटर होना चाहिए।
बिटकॉइन (Bitcoin) कैसे खरीदें और Bitcoin इस्तेमाल करने के नुकसान बेचे:-
Bitcoin खरीद बेच करना बहुत ही आसान काम हैं. इसके लिए आपके पास कुछ दस्ताबेज होना चाहिए।
- पान कार्ड
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- बैंक अकाउंट
Bitcoin खरीदने के लिए आपको बहुत सारे App मिल जाएंगे उनमे से है Coinswitch, Zebpay etc। इसमें से एक पर अपना मोबाइल नंबर डाल के रजिस्टर कर लेना है। उसके बाद अपना डॉक्यूमेंट अपलोड करना है, 24 घंटे के अन्दर आपका अकाउंट एक्टिव हो जायेगा।
Bitcoin खरीदने के लिए आपको सबसे पहले अपने बैंक अकाउंट से बिटकॉइन वॉलेट पर जितने पैसा का Bitcoin खरीदना चाहते हो, उतना पैसा ट्रांसफर करना होगा। उसके बाद आप बिटकॉइन खरीद सकते हैं। ठीक उसी तरह बेचने के लिए वॉलेट पर जाकर बेचना होगा। बेचने के बाद आप Withdraw पर क्लिक करके अपने बैंक Bitcoin इस्तेमाल करने के नुकसान अकाउंट में आसानी से पैसा को ला सकते हो।
भारत में बिटकॉइन (Bitcoin) का भविष्य:-
भारत में Bitcoin को लेकर कोई स्थिर नहीं हैं। अभी भी नहीं कहा जा सकता की भविष्य में बिटकॉइन भारत में चलेगा या नहीं। सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया इसका पक्ष लेते नहीं दिख रहा। बहुत सारे लोग ये भी चाहते है भारत में खुद का Cryptocurrency हो।
क्या Bitcoin में इन्वेस्ट करना चाहिए ?
बिटकॉइन बहुत ऊपर नीचे होते रहते है, यदि आपने मन बना चुका है Bitcoin में इन्वेस्ट करने के लिए तो आपको पहले सीखने के लिए थोड़ा सा पैसा लगाना चाहिए। जिससे नुकसान होने पर आपको ज्यादा मानसिक दबाव ना हो।
आशा करता हु की बिटकॉइन से जुड़ी आपके मन के संके दूर हो सुका हैं। कोई भी सवाल पूछने के लिए आप हमें कमेंट में पूछ सकते हो। Bitcoin और शेयर मार्केट के बारे में सिखने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
Elin Electronics के IPO में बनेगा पैसा या हो सकता है नुकसान? वैल्युएशन से लेकर ग्रोथ आउटलुक तक, हर डिटेल
Elin Electronics बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धी बाजार में ऑपरेट करती है. हालांकि कंपनी का प्लान नए प्रोडक्ट के जरिए कस्टमर बेस बढ़ाने पर है.
Elin Electronics का IPO सब्सक्रिप्शन के लिए 20 दिसंबर से 22 दिसंबर तक खुला रहेगा.
Elin Electronics IPO Open Today: आईपीओ (IPO) मार्केट में इस हफ्ते भी एक्शन जारी है. आज 20 दिसंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग सर्विसेज प्रावाइडर एलिन इलेक्ट्रॉनिक्स (Elin Electronics) का IPO सब्सक्रिप्शन के लिए खुला है. इसमें निवेशक 22 दिसंबर तक पैसे लगा सकेंगे. इश्यू का साइज 475 करोड़ रुपये है. वहीं इसके लिए कंपनी ने प्राइस बैंड 234-247 रुपये प्रति शेयर तय किया है. एक लॉट साइज में 60 शेयर होंगे. 30 दिसंबर को इसकी लिस्टिंग शेयर बाजार में होनी है. फिलहाल अगर आप निवेश का मन बना रहे हैं तो पहले एक्सपर्ट की राय जान लें.
आईपीओ पर न्यूट्रल रेटिंग
ब्रोकरेज हाउस रेलिगेयर ब्रोकिंग ने Elin Electronics के IPO पर न्यूट्रल रेटिंग दी है. ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी के साथ रिस्क फैक्टर यह है कि इसका ज्यादातर रेवेन्यू चुनिंदा क्लाइंट से ही आता है. वहीं यह कंपनी बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धी बाजार में ऑपरेट करती है. हालांकि कंपनी का प्लान नए प्रोडक्ट के जरिए कस्टमर बेस बढ़ाने Bitcoin इस्तेमाल करने के नुकसान पर है. कंपनी के अपने कस्टमर से बेहतर रिलेशन हैं. कंपनी मेडिकल डायग्नोस्टिक कार्ट्रिजेज एंड मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज में एक्सपेंशन करने जा रही है.
कंपनी के फाइनेंशियल भी ठीक हैं. FY20-22 के दौरान रेवेन्यू और PAT 18% और 19.3% CAGR से बढ़ा है. वैल्युएशन की बात करें तो इसका P/Et 25x FY22 EPS पर ट्रेड कर रहा है.
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आईपीओ पर सब्सक्राइब रेटिंग
Swastika Investmart के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि कंपनी की अपने सेक्टर में मार्केट पोजिशन स्टेबल है. कस्टमर रिलेशनशिप भी मजबूत है. फाइनेंशियल की बात करें तो इसमें स्टेबिलिटी है. हालांकि कंपनी का ऑपरेशन बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा वाले बाजारों में है. वहीं रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा सेलेक्टेड क्लाइंट से आता है. हालांकि वैल्युएशन वाजिब है. हर पहलू को देखते हुए इस इश्यू को सब्सक्राइब करने की सलाह है.
कम से कम कितना निवेश जरूरी
Elin Electronics के आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 234-247 रुपये प्रति शेयर है. कंपनी ने इस आईपीओ के लिए 60 शेयरों का लॉट साइज तय किया है. अपर प्राइस बैंड के लिहाज से इस आईपीओ को सब्सक्राइब करने के लिए कम से कम 14,820 रुपये जरूरी है. अधिकतम 14 लॉट के लिए 207,480 रुपये निवेश कर सकते हैं.
IPO- नए शेयर के अलावा OFS भी
Elin Electronics ने अपने आईपीओ का साइज घटाकर 475 करोड़ रुपये किया है. आईपीओ के तहत कंपनी 175 करोड़ रुपये मूल्य के नए शेयर जारी करेगी. वहीं, मौजूदा प्रमोटर्स और शेयरहोल्डर्स 300 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए करेंगे. पहले Bitcoin इस्तेमाल करने के नुकसान कंपनी 760 करोड़ का आईपीओ लाने वाली थी. हिस्सेदारी बेचने वालों में मौजूदा प्रमोटर्स वसुधा सेठिया, कमल सेठिया, सुमन सेठिया, विजय सिंह सेठिया, कमल सेठिया एंड सन्स एचयूएफ और अन्य शामिल हैं.
किसके लिए कितना रिजर्व
Elin Electronics के आईपीओ में 50 फीसदी शेयर क्वालिफाइड इंस्टीच्युशनल बायर्स (QIBs) के लिए रिजर्व है. 15 फीसदी हिस्सा नॉन-इंस्टीच्युशनल इंवेस्टर्स (NIIs) और 35 फीसदी हिस्सा Bitcoin इस्तेमाल करने के नुकसान रिटेल इंवेस्टर्स के लिए रिजर्व रखा गया है. कंपनी आईपीओ से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल कर्ज चुकाने, पूंजीगत व्यय के लिए और मौजूदा प्लांट्स को अपग्रेड करने में करेगी.
क्या करती है कंपनी
Elin Electronics भारत में कई प्रमुख ब्रॉन्ड के लिए लाइट, पंखे और अन्य छोटे-मोटे किचन अप्लाइंस बनाती है. एक्सिस कैपिटल और जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज इस आईपीओ के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स हैं. जबकि KFin Technologies को इस इश्यू का रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है.
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बिटकॉइन पहुंचा 43 लाख रुपये के पार, जानें यहां तक कैसे पहुंचा
बिटकॉइन एक डिजिटल मुद्रा है क्योंकि यह सिर्फ वर्चुअल रूप में ही उपलब्ध है। यानी इसका कोई नोट या कोई सिक्का नहीं है।
बिटकॉइन पहुंचा 43 लाख रुपये के पार, जानें यहां तक कैसे पहुंचा (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: आज की तारिख में एक बिटक्वाइन की कीमत 43 लाख रुपये से ज्यादा है। चंद वर्ष पहले इसे कोई जानता तक नहीं था और ये मिट्टी के मोल थी। जबसे टेस्ला के मालिक एलोन मस्क ने बित्क्वाइन और डॉगक्वाइन के बारे में खुल कर पैरवी की है तबसे इनकी लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ी है।
क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन एक डिजिटल मुद्रा है क्योंकि यह सिर्फ वर्चुअल रूप में ही उपलब्ध है। यानी इसका कोई नोट या कोई सिक्का नहीं है। यह एन्क्रिप्ट किए हुए एक ऐसे नेटवर्क के अंदर होती है जिसपर किसी बैंक या सरकार का कंट्रोल नहीं होता है। इससे बिटकॉइन या उसके जैसी किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को पूरी दुनिया में एन्क्रिप्शन की मदद से इसका इस्तेमाल करने वालों की पहचान और गतिविधियों को गुप्त रखा जाता है।
बिटकॉइन दरअसल कंप्यूटर कोड की एक सीरीज है। यह जब भी एक यूजर से दूसरे के पास जाता है तो इस पर डिजिटल सिग्नेचर किए जाते हैं। लेन देन खुद को गोपनीय रख कर भी किया जा सकता है। इसी वजह से यह अच्छे और बुरे, दोनों लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है।
बिटकॉइन को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है जिसे या तो कॉइनबेस जैसे एक्सचेंज के जरिए ऑनलाइन हासिल किया जा सकता है या फिर ऑफलाइन हार्ड ड्राइव में एक खास सॉफ्टवेयर के जरिए। बिटकॉइन का समुदाय यह तो जानता है कि कितने बिटकॉइन हैं लेकिन वे कहां हैं इसके बारे में सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। ये मुद्रा इतनी मशहूर है कि ब्लॉकचेन डॉट इंफो के मुताबिक औसतन हर दिन 3,00,000 लेनदेन होते हैं। हालांकि इसकी लोकप्रियता नगद या क्रेडिट कार्ड की तुलना में कम ही है। बहुत सारे लोग और कारोबार में इसे भुगतान के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
बिटकॉइन की सुरक्षा
तकनीक के जानकार कुछ लोग जिन्हें माइनर कहा जाता है वो इस सिस्टम में शामिल होते हैं। ब्लॉक चेन हर बिटकॉइन के लेनदेन का हिसाब रखता है। इस तरह से यह उन्हें दो बार बेचे जाने को रोकता है और माइनरों को उनकी कोशिशों के लिए तोहफों में बिटकॉइन दिए जाते हैं। जब तक माइनर ब्लॉकचेन को सुरक्षित रखेंगे इसकी नकल करके नकली मुद्रा बनने का डर नहीं रहेगा।
यहां तक कैसे पहुंचा बिटकॉइन
बिटकॉइन को 2009 में एक शख्स या फिर एक समूह ने शुरू किया जो सातोषी नाकामोतो के नाम से काम कर रहे थे। उस वक्त बिटकॉन को थोड़े से उत्साही लोग ही इस्तेमाल कर रहे थे। जब ज्यादा लोगों का ध्यान उस तरफ गया तो नाकामोतो को नक्शे से बाहर कर दिया गया। हालांकि इससे मुद्रा को बहुत फर्क नहीं पड़ा यह सिर्फ अपनी आंतरिक दलीलों पर ही चलता रहा।
2016 में एक ऑस्ट्रेलिया उद्यमी ने खुद को बिटकॉइन के संस्थापक के रूप में पेश किया। हालांकि कुछ दिनों बाद ही उसने कहा कि उसके पास सबूतों को जाहिर करने की "हिम्मत नहीं है।" इसके बाद से इस मुद्रा की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है।
पर्यावरण को नुकसान
कोई भी क्रिप्टोकरेंसी बनाने की प्रक्रिया बेहद खर्चीली और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली होती है। किसी भी क्रिप्टोकरेंसी के निर्माण में एक-दो नहीं बल्कि हजारों कंप्यूटर एक साथ इस्तेमाल किए जाते हैं। और ये कोई मामूली कंप्यूटर नहीं होते बल्कि हेवी कन्फिगरेशन वाले होते हैं। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के मुताबिक, बिटकॉइन माइनिंग इतनी बिजली खपाता है जितनी स्विट्ज़रलैंड एक साल में बिजली पैदा करता है।
क्लाइमेट चेंज और पर्यावरण को लेकर मुखर लोग बिटकॉइन के पूरी थ्योरी को ही नकारते हैं। उन्हें इसका इस्तेमाल समझ नहीं आता क्योंकि दुनियाभर में अमीरी-गरीबी की खाई इतनी गहरी है और समाज का एक हिस्सा ऐसा भी है जहां तक अभी तक बिजली जैसी बुनियादी जरूरत नहीं पहुंच पाई है। पर्यावरणविदों का मानना है कि डिजिटल करेंसी को लेकर ऐसा पागलपन और एक खास तबके का बिजली का यूं लापरवाही से इस्तेमाल करना, अन्याय है। इसमें कोई हैरानी नहीं होगी अगर अगले क्लाइमेट समिट में बिटकॉइन के विरोध में नारे लगें।
पर्यावरणविदों के इन अभियान पर टेस्ला के मालिक इलान मस्क ने पानी फेर दिया है। इलेक्ट्रिक कार बनाने वाले कंपनी टेस्ला हमेशा से ग्रीन एनर्जी की समर्थक रही है। क्रिप्टो एक्सपर्ट प्रो. डेविड येरमैक का कहना है कि आज किसी भी करोड़पति का लगाव टेस्ला कार और बिटकॉइन दोनों के लिए है और वह दोनों को रखना चाहता है। उनका मानना है कि जल्द Bitcoin इस्तेमाल करने के नुकसान ही बिटकॉइन को लेकर आम लोगों की धारणा और बदलेगी। बिटकॉइन माइनिंग के लिए हाइड्रो इलेक्ट्रिक या जियो थर्मल पावर का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जो सराहनीय है।
इसमें कोई शक नहीं है कि बिटकॉइन जिसे भविष्य की करेंसी कहा जाता है, अब अपने ऊंचाई की ओर बढ़ चला है। इसकी कीमत में तेजी से उछाल और ढलान ही इसकी खासियत है। आने वाले दिनों में टेक कंपनियों के दखल से इसे मुख्यधारा में आने का मौका मिलेगा और यह पारंपरिक बाजार के नक्शे को बदल सकता है।
भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई नियमन नहीं है लेकिन इसका लेनदेन जारी है। क्रिप्टो करेंसी के कई ऑनलाइन एक्सचेंज काम कर रहे हैं। वैसे, क्रिप्टोकरेंसी चाहे जितनी लुभावनी लगी लेकिन इसमें निवेश सोच समझ कर करना चाहिए।
मोदी,शी के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर चिंता जाहिर करने का रूस पर पड़ा असर:सीआईए प्रमुख
वाशिंगटन, 19 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) के प्रमुख विलियम बर्न्स ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा यूक्रेन में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर चिंता जाहिर करने का रूस पर असर पड़ा है।
बर्न्स ने कहा कि उन्हें लगता है कि (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन और उनके आसपास के लोगों ने डराने के लिए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी।
बर्न्स ने कहा, ‘‘ सामरिक परमाणु हथियारों का उपयोग करने की योजना को लेकर हमें आज कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं दिखे हैं।’’ अमेरिक के सार्वजनिक प्रसारक ‘पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस’ (पीबीएस) को दिए एक साक्षात्मकार में सीआईए के निदेशक ने कहा कि अमेरिका ने रूसियों को यह स्पष्ट कर दिया है कि उसके (परमाणु खतरे के) गंभीर परिणाम होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि शी चिनफिंग और भारत के प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी का परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर चिंता जाहिर करने का भी काफी फायदा हुआ है। मुझे लगता है कि इसका रूस पर भी Bitcoin इस्तेमाल करने के नुकसान असर पड़ा है।’’ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर सितंबर में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों को अमेरिका ने कई बार रेखांकित किया है। उसने बाली में जी20 में भी भारत द्वारा निभाई गई आवश्यक भूमिका को स्वीकार किया था, जिसमें रूस-यूक्रेन संघर्ष पर प्रधानमंत्री मोदी का संदेश शामिल था।
चीन के राष्ट्रपति शी ने भी यूक्रेन के खिलाफ परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर आगाह किया था।
ज्वाइंट चीफ्स के प्रमुख जनरल मार्क मिले की सर्दियों में रूस और यूक्रेन के बातचीत करने के संदर्भ में की गई टिप्पणी पर बर्न्स ने कहा, ‘‘ अधिकतर संघर्ष बातचीत से ही समाप्त होते हैं, लेकिन इस संदर्भ में रूस के गंभीरता दिखाने की जरूरत है. जो मुझे नहीं लगता कि हमें अभी तक नजर आई है।’’ रूस और चीन के बीच सहयोग को लेकर उत्पन्न चिंता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, Bitcoin इस्तेमाल करने के नुकसान ‘‘ मेरा मानना है कि शी चिनफिंग और व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल के वर्षों में काफी गहरी साझेदारी बनी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ . वास्तव में इस साझेदारी की कुछ सीमाएं हैं, कम से कम राष्ट्रपति शी की पुतिन को उस तरह की सैन्य सहायता प्रदान करने की अनिच्छा के संदर्भ में जो उन्होंने यूक्रेन में युद्ध के दौरान मांगी थी।’’ बर्न्स ने कहा कि हालांकि वह उस साझेदारी को लेकर चीन और रूसी नेतृत्व की प्रतिबद्धता को कभी कम करके नहीं आंकेंगे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
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क्रिप्टोकरेंसीज खरीदने में दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद के लोगों की ज्यादा दिलचस्पी
देश में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर दिलचस्पी इस वर्ष बढ़ी है। क्रिप्टोकरेंसीज खरीदने में दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद के लोग आगे हैं। टियर 2 शहरों में जयपुर में इस मार्केट से जुड़े लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा पुणे और लखनऊ जैसे टियर 2 शहरों का भी इस मार्केट में बड़ा योगदान है।
क्रिप्टो एक्सचेंज CoinSwitch की ओर से इस मार्केट पर जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे अधिक वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin देश में काफी लोकप्रिय है। बिटकॉइन में इस वर्ष भारी गिरावट आने के बावजूद लोग इसमें इनवेस्टमेंट कर रहे हैं। इसने पिछले वर्ष नवंबर में लगभग 68,000 डॉलर का हाई छुआ था। इसके बाद से इसके प्राइस में काफी गिरावट आई है। Gadgets 360 के क्रिप्टो Bitcoin इस्तेमाल करने के नुकसान Bitcoin इस्तेमाल करने के नुकसान प्राइस ट्रैकर के अनुसार, बिटकॉइन का इस रिपोर्ट को लिखे जाने पर प्राइस 16,816 डॉलर का था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether के साथ ही मीमकॉइन Dogecoin भी देश के क्रिप्टो इनवेस्टर्स के बीच लोकप्रिय है।
एनर्जी एफिशिएंट ‘Merge’ अपग्रेड के लॉन्च से इस ब्लॉकचेन से जुड़ी ट्रांजैक्शंस में तेजी आई है और एनर्जी की खपत में कमी हुई है। इस अपग्रेड में Ethereum के डिवेलपर्स ने इसके माइनिंग प्रोटोकॉल की प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) सिस्टम से प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) पर दोबारा कोडिंग की है। इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती गई है।
पिछले वर्ष क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 3 लाख करोड़ डॉलर से अधिक था, जो Bitcoin इस्तेमाल करने के नुकसान इस वर्ष घटकर लगभग 808 अरब डॉलर रह गया है। CoinSwitch का कहना है कि उसकी रिपोर्ट में यह भी बताने की कोशिश की गई है कि इन्फ्लेशन बढ़ने, मार्केट में गिरावट और Ethereum ब्लॉकचेन के अपग्रेड Merge जैसे बड़े इवेंट्स के बीच देश के क्रिप्टो इनवेस्टर्स ने किस तरह के वित्तीय फैसले किए हैं। पिछले सात वर्षों में बिटकॉइन खरीदने वाले लगभग तीन चौथाई लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है। यह जानकारी बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के इकोनॉमिस्ट्स की ओर से पिछले सात वर्षों में लगभग 95 देशों के क्रिप्टोकरेंसी इनवेस्टर्स के डेटा की स्टडी से मिली है। इस अवधि में बिटकॉइन का प्राइस लगभग 250 डॉलर से बढ़कर पिछले वर्ष नवंबर में लगभग 68,000 डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंचा था।
भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें
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