अथॉराइज्ड पर्सन्स कौन हैं?
ये वो लोग या संस्थाएं हैं, जिन्हें आरबीआई ने फॉरेक्स में डील की अनुमति दी हुई है। ये अथॉराइज्ड डीलर, मनी चेंजर या विदेशी बैंक की यूनिट हो सकती हैं। इनकी लिस्ट आरबीआई की वेबसाइट पर है।
डेली न्यूज़
सन्दर्भ
केंद्र सरकार वर्ष 2003 के पुराने आदर्श कानून की जगह नया आदर्श मंडी कानून ला रही है, जिसके प्रावधानों के माध्यम से सरकार कृषि उपज विपणन समिति (Agricultural Produce Market Committees-APMC) कानून में भारी बदलाव लाने की तैयारी में है।
प्रमुख बिंदु
- नए आदर्श मंडी कानून में अधिसूचित बाजार क्षेत्र की अवधारणा को समाप्त करने और निजी मंडियों, किसान-उपभोक्ता बाजारों, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की स्थापना को बढ़ावा देने का प्रावधान है।
- साथ ही, वेयरहाउसों को छोटी मंडियों में बदला जाएगा ताकि किसानों को बेहतर सुविधाएँ और दाम मिल सके।
- इसमें सभी व्यापारियों को राज्य के भीतर सभी तरह के कृषि बाजारों में कारोबार करने के लिए एकल लाइसेंस देने की वकालत की गई है।
- इसके अंतर्गत व्यापारी कुछ फीस देकर मंडियों, छोटी मंडियों, निजी मंडियों और ई-ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर कारोबार इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म क्या है कर सकते हैं।
- प्रस्तावित कानून में इलेक्ट्रॉनिक नैशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नाम) जैसे ई-ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के लिए एकल राष्ट्रव्यापी लाइसेंस का प्रावधान है।
- ध्यातव्य है कि सभी मौजूदा कारोबारी लाइसेंसों को कानून इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म क्या है लागू होने के छह महीने के भीतर अंतरराज्यीय या राज्य के भीतर कारोबार के लिए एकल लाइसेंस में बदला जाएगा।
- नए आदर्श कानून के मुताबिक सभी अधिसूचित कृषि जिंसों को मंडियों में और बाहर बेचा जा सकता है।
- इसके अतिरिक्त कृषि उपज प्रसंस्करण कंपनी, वालमार्ट और बिग बाजार जैसी खुदरा श्रंखलाएं, इनसे जुड़े किसान सहकारी संघ और किसान-उत्पादक कंपनियाँ सीधे किसानों और उत्पादकों से कृषि उत्पाद खरीद सकती हैं।
- वे एक लाइसेंस लेकर किसी मंडी या निजी बाजार की सीमा के बाहर ऐसा कर सकती हैं।
- खरीददार अर्थात बड़ी खुदरा श्रंखलाएँ या प्रसंस्करण कंपनी , संग्रह या एकत्रीकरण केंद्र खोल सकती हैं लेकिन उन्हें सरकार को अपनी मासिक रिपोर्ट, खाता और दूसरी जानकारियाँ उपलब्ध करानी होंगी।
- बड़ी मात्रा में खरीद करने वाली कंपनियों पर आवश्यक वस्तु कानून के तहत भंडारण सीमा का नियम लागू नहीं होगा और उन्हें लाइसेंस फीस की 0.5 फीसदी राशि मार्केटिंग डेवलपमेंट फंड में देनी होगी।
काम की बात: लोगों को बरगला रहे अनधिकृत फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, कमाई गंवा रहे निवेशक
रिजर्व बैंक ने विदेशी करेंसी में पैसा लगाने वाले निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। खास तौर पर ऐसे अनधिकृत फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के प्रति चेताया है, जो हाल के महीनों में बड़े पैमाने पर उभरे हैं और लोगों से ऊंचे रिटर्न का वादा कर रहे हैं।
आरबीआई ने एक बयान जारी करके कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉम्स, सर्च इंजन्स, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और गेमिंग एप्स पर अनधिकृत ईटीपी के ढेर सारे भ्रामक विज्ञापन आ रहे हैं। अनधिकृत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स लोगों को निजी तौर पर संपर्क कर उन्हें फॉरेक्स में ट्रेड कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच दे रहे हैं। इसमें फ्रॉड की शिकायतें आ रही हैं, और इनमें निवेश करने वाले अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं।
अब आप BSE पर भी कर सकेंगे सोने की खरीद-बिक्री, मिलेंगी ये खास सुविधाएं
Gold Trading on BSE : अब आप BSE ने अपने प्लेटफ्रॉम पर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट (Electronic Gold Receipt) की शुरूआत कर दी है. जिससे इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म क्या है अब आप आसानी से बीएसई पर सोने की खरीद-बिक्री कर सकेंगे. क्योंकि इसके लिए पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) से बीएसई को अपने प्लेटफॉर्म पर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (Electronic Gold Receipt (EGR)) की शुरुआत करने की अनुमति मिल चुकी है. बता दें कि देश के प्रमुख शेयर बाजार बीएसई ने अपने मंच पर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट (ईजीआर) की पेशकश की है, जिससे इस बहुमूल्य धातु की प्रभावी और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म क्या है पारदर्शी कीमत का पता लगाने में मदद मिलेगी. एक्सचेंज ने एक बयान में कहा कि उसने दिवाली पर मुहूर्त कारोबार के दौरान 995 और 999 शुद्धता के दो नए उत्पाद पेश किए हैं. इसके तहत कारोबार एक ग्राम के गुणकों में और आपूर्ति 10 ग्राम तथा 100 ग्राम के गुणकों में होगी.
बीएसई पर बेच सकेंगे घर में रखा सोना
अगर आप सोना खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बीएसई के डिलीवरी सेंटर पर जाना होगा. फिर, इस भौतिक सोने (Physical Gold) से आप आभूषण बनवाएं या इसे बार या क्वाइन के तौर रखें, यह आपकी अपनी मर्जी होगी. आप अपने घर में रखा सोना भी बीएसई पर बेच सकेंगे. बीएसई ने इसके लिए ब्रिंक्स इंडिया और सिक्वेल लॉजिस्टिक्स के साथ समझौता किया है. आपको इसकी शाखा में जाकर फिजिकल गोल्ड जमा करवाना होगा जो ईजीआर के रूप में आपके डीमैट खाते में आ जाएगा.
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बीएसई ने इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट्स शुरू की
ट्रेडिंग के बाद यदि कोई निवेशक ईजीआर को भौतिक सोने में बदलना चाहता है तो उसे पूरे भारत में अधिकृत तिजोरी से संपर्क करना होगा। भारत में 22 स्थानों पर तिजोरी हैं और ब्रिंक्स इंडिया और सीक्वल एजेंसियों द्वारा इन तिजोरियों से घर-घर सोना पहुंचाया जाएगा।
सोना 10 ग्राम और 100 ग्राम में डिलीवर किया जा सकता है।
10 ग्राम सोने की डिलीवरी बार या सिक्के के रूप में हो सकती है और 100 ग्राम सोना सिर्फ बार में ही डिलीवर किया जाएगा।
ईजीआर में कौन निवेश कर सकता है?
ईजीआर सभी बाजार सहभागियों के लिए होगा । इसका मतलब है कि एक्सचेंज पर खरीदारों और विक्रेताओं में व्यक्तिगत निवेशक, साथ ही आयातक, बैंक, रिफाइनर, सराफा व्यापारियों, आभूषण निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं जैसे मूल्य श्रृंखला के वाणिज्यिक प्रतिभागी शामिल होंगे।
RBI ने जारी की अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइटों की अलर्ट लिस्ट
भारतीय रिजर्व बैंक RBI ने इस सप्ताह अवैध इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर विदेशी मुद्रा लेनदेन में शामिल संस्थाओं की एक अलर्ट सूची जारी की। इसमें एक ऐप ऐसा भी है जो IPL टीम दिल्ली कैपिटल को स्पॉन्सर करता है। यह अवैध संस्था या ऐप लोगों से हाई रिटर्न का वादा करके लुभाते हैं। आरबीआई ने कहा कि इन अवैध प्लेटफॉर्म के यूजर्स पर मुकद्दमा चलाया जा सकता है।
अवैध ऐप्स की लंबी सूची में OctaFX शामिल है जो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टीम दिल्ली कैपिटल्स का आधिकारिक ट्रेडिंग स्पॉन्सर है। आरबीआई ने इन ऐप को लेकर लोगों को चेताया है और उपयोग नहीं करने की सलाह दी है, वरना यूजर्स पर कार्रवाई भी की जा सकती है। यहां अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स और वेबसाइटों की पूरी सूची है।
अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 332