डॉलर इंडेक्स में गिरावट के बाद सोना नौ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है
सोने की कीमतें नई ऊंचाई पर: डॉलर इंडेक्स में गिरावट से सोने की कीमत में तेज उछाल आया है। एमसीएक्स पर सोना 9 महीने के उच्च स्तर 54,745 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इसके साथ ही चांदी की कीमत 2.3 फीसदी बढ़कर 69,065 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।
बैंक ऑफ जापान (Bank of Japan) की नीति में बदलाव के बाद डॉलर इंडेक्स में गिरावट देखी गई है और यह 103.66 पर पहुंच गया है. येन मजबूत हुआ है। बैंक ऑफ जापान ने कहा है कि इससे बेंचमार्क बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि होगी। जिसके बाद हाजिर सोने की कीमत 1.1 फीसदी की बढ़त के साथ 1806.34 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है. इसके साथ ही चांदी 3.3 प्रतिशत बढ़कर 23.71 डॉलर प्रति औंस हो गई।
इसके साथ ही दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 38 रुपये की तेजी के साथ 54,740 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। इससे बीते सत्र में सोने का भाव 54,702 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। हालांकि, चांदी की कीमत रु। 328 रुपये तक गिर गया। 67,984 प्रति अस्थिरता संकेतक जोड़ें किग्रा।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी रिसर्च के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नवनीत दमानी ने कहा, ‘ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की संभावनाओं के बीच शुरुआती कारोबार में सोने की कीमतों में गिरावट आई। कारोबारी चीन में कोविड की स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
समाचार रीलों
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा कि एशियाई कारोबार में सोने की कीमतें स्थिर रहीं। कॉमेक्स पर हाजिर सोना 1,794 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रहा।
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G20 Summit : भारत की जी20 अध्यक्षता, अनूठा अवसर
चंद्रजीत बनर्जी। G20 Summit : पिछले महीने बाली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान राजनेताओं की घोषणा में ‘अद्वितीय बहुआयामी संकट’ के बारे में बात की गई थी, जिसका वर्तमान में दुनिया सामना कर रही है। इसमें सार्वजनिक निवेश में वृद्धि करने के साथ-साथ निजी निवेश को बढ़ावा देने और बहुपक्षीय व्यापार को मजबूत करने का संकल्प लिया गया। वैश्विक अर्थव्यवस्था, सतत विकास और डिजिटलीकरण से संबंधित इसकी कई नीतिगत कार्रवाइयां; जी20 के व्ययसाय संवाद समूह, व्यापार 20 (बी20) द्वारा की गई सिफारिशों के अनुरूप थीं। भू-राजनीतिक संबंधों के प्रत्यक्ष बदलाव के समय में, जी20 अध्यक्ष के रूप में भारत की भूमिका वैश्विक स्थिरता और व्यापक आर्थिक समन्वय पर केन्द्रित होगी, क्योंकि राष्ट्र महामारी के बाद, यूक्रेन संघर्ष और जलवायु परिवर्तन से निपटने का प्रयास कर रहे हैं।
वसुधैव कुटुम्बकम या “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” की थीम समसामयिक चुनौतियों को देखते हुए पूरी तरह उपयुक्त है और यह सामान्य वैश्विक मुद्दों का सामना करने के सन्दर्भ में, पूरी दुनिया को साथ मिलकर काम करने के लिए एक मंच देती है। बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देते हुए कहा था, “भारत की जी20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख होगी। भारत ने शेरपा ट्रैक के तहत 13 कार्य समूहों का गठन किया है, जो रोजगार, डिजिटल अर्थव्यवस्था और व्यापार तथा निवेश समेत अन्य क्षेत्रों पर सिफारिशें प्रदान करेंगे। वित्त ट्रैक के तहत, जी20 के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक व्यापक आर्थिक विकास, आर्थिक जोखिम और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना तथा अन्य बातों पर चर्चा करेंगे।
भारत द्वारा रेखांकित की गयी प्राथमिकताएं, दुनिया के सामने (G20 Summit) मौजूद महत्वपूर्ण मुद्दों का प्रतिनिधित्व करती हैं। जी20 देशों के बीच सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में, भारत ने व्यापार और निवेश, जलवायु परिवर्तन शमन तथा डिजिटलीकरण जैसे क्षेत्रों को उल्लेखनीय रूप से प्रभावित किया है और देश आने वाले वर्ष में जी20 के नीतिगत निर्णयों को अंतिम स्वरूप देने के क्रम में एक बड़े विकासशील राष्ट्र के रूप में अपनी अंतर्दृष्टि का उपयोग कर सकता है। वैश्विक व्यापार, 2022 की अपेक्षित विकास दर 3.5 प्रतिशत की तुलना में धीमा होकर 2023 में केवल 1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। भारत आज उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) जैसी प्रगतिशील नीतियों, कारोबार में आसानी मिशन तथा अवसंरचना निर्माण, जिसने इसे वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के विविधीकरण में योगदान देने में सक्षम बनाया है, की मदद से एक वैश्विक विनिर्माण और व्यापार केंद्र के रूप में उभरा है।
सतत विकास के सन्दर्भ में, भारत 2023 के जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में शीर्ष 5 पायदान वाले राष्ट्र के रूप में उभरा है, जो जी20 के बीच सबसे बेहतर है। भारत ने प्रमुख क्षेत्रों के लिए अपनी दीर्घकालिक कम उत्सर्जन विकास रणनीति पेश की है और नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, ई-गतिशीलता और मिश्रित ईंधन में महत्वपूर्ण पहल कीं हैं, जो इसे अपने राष्ट्रीय निर्धारित योगदान के मार्ग पर आगे बढ़ाते हैं।
भारत में तेजी से डिजिटलीकरण हो रहा है, जो खुदरा, फिनटेक, शिक्षा और कई अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा दे रहा है। 1.17 बिलियन मोबाइल फोन ग्राहकों और 700 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ, भारत में अक्टूबर 2022 के दौरान यूपीआई पर 7 बिलियन लेन-देन हुए। देश ने अपने वैक्सीन मिशन के लिए भी डिजिटल तकनीक को सफलतापूर्वक लागू किया है। इन क्षेत्रों में भारत का नेतृत्व, आने वाले वर्ष में जी20 को अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। इसे दुनिया के व्यवसायों के सुझावों का समर्थन मिलेगा, जो जी20 संवाद समूहों के सबसे बड़े समूह, बी20 के तहत विचारों को विकसित करेगा। नामित बी20 सचिवालय के रूप में, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सरकार सहित अन्य हितधारकों के परामर्श से, परिचर्चा के लिए नौ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को रेखांकित किया है।
व्यापार के लिए बी20 भारत की प्राथमिकताएं- विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकरण, सेवा व व्यापार का विविधीकरण और अफ्रीकी साझा बाजार के अवसरों का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करेंगी। वित्तीय समावेशन के विस्तार के साथ वित्तपोषण व अवसंरचना के विकास की भी पहचान की गई है। प्रौद्योगिकी के तहत नवाचार और आरएंडडी, डिजिटल बदलाव और कार्य का भविष्य, कौशल निर्माण तथा मोबिलिटी जैसी प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
बी20 के विचार-विमर्श से ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन (G20 Summit) और संसाधन दक्षता आदि क्षेत्रों को भी बहुत लाभ मिलने की उम्मीद है। भारत की जी20 अध्यक्षता के एक भाग के रूप में, भारतीय व्यवसायों के पास इस वर्ष अपने दृष्टिकोण को साझा करने और वैश्विक आर्थिक विकास एवं स्थिरता को बढ़ावा देने का एक अनूठा अवसर है। अपनी उद्यमशील प्रतिभा, नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ, हम दुनिया को अपनी ताकत दिखा सकते हैं, क्योंकि बी20 अस्थिरता संकेतक जोड़ें अस्थिरता संकेतक जोड़ें भारत संवाद को अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है।
Big Boss Big Idea EP 20: Commercial Real Estate या Residential Real Estate, किसमें Investment करने पर होगा मोटा मुनाफा?
Big Boss Big Idea EP 20: Hiranandani Group के Dr Niranjan Hiranandani ने Jagran Business की Consulting Editor, Geetu Moza के साथ कोरोना महामारी के बाद क्या इस साल बदलेगी रियल एस्टेट सेक्टर की तस्वीर? इस बारे में खास बातचीत की। आने वाले साल में क्या इंडिया का GDP 10% तक पहुँच सकता है? कमर्शियल रियल एस्टेट या रेजिडेंशियल रियल एस्टेट, किसमें निवेश करने पर होगा मोटा मुनाफा? लोगों को Investment करते समय किन बातों का रखना चाहिए ध्यान? नए साल में कहां करें Investment, जिससे आने वाले सालों में पैसा हो सकता है डबल।
Dr Niranjan Hiranandani ने कहा कि देश की इकोनॉमी बाकी देशों के मुकाबले स्थिर हैं। भारत में आबादी की वजह से Buying Power में भी बढ़ोतरी हो रही है। आने वाले समय में इंडिया का GDP क्या 10 % तक जा सकते हैं। ग्लोबल संकेतों में सुधार के बाद इकॉनोमी को भी ज्यादा फायदा मिल सकता हैं। भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए तैयार हैं। साथ ही, PLI स्कीम से मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद हैं। भारत में हर दिन करीब 40 किलोमीटर की सड़क बन रही हैं। देश के इंफ्रास्ट्रक्टर में काफी तेजी से सुधार हो रहा है।
Global Status of Multi-Hazard Early Warning Systems
November 5, 2022
Rashid Rover
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Stock Market Events: हफ्ते में इन इवेंट्स पर रहेगी नजर! महंगाई के आंकड़ों समेत US फेड के फैसले का इंतजार- नोट कर लें डीटेल्स
पिछले हफ्ते में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने नेट बिकवाली की थी. डिपॉजिटरी आंकड़ों के मुताबिक बीते हफ्ते FIIs ने कुल 4,305.97 करोड़ अस्थिरता संकेतक जोड़ें रुपए के शेयरों की बिकवाली की थी.
Stock Market Events for this week: शेयर बाजार के लिए यह हफ्ता काफी अहम है. क्योंकि इस हफ्ते घरेलू आर्थिक आंकड़ों के साथ-साथ ग्लोबल संकेतों पर बाजार की चाल निर्भर करेगी. घरेलू आंकड़ों की बात करें तो इनमें महंगाई, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन समेत अन्य शामिल हैं. वहीं, ग्लोबल मार्केट में अमेरिकी फेडरल रिजर्व का दरों पर आने वाले फैसले पर नजर रहेगी. उम्मीद है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक इस बार भी ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है.
सोमवार को जारी होंगे अहम आंकड़े
हफ्ते में कारोबार की शुरुआत कल यानी सोमवार से हो जाएगी. इसी दिन घरेलू नवंबर के रिटेल महंगाई के आंकड़े और अक्टूबर महीने में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़े जारी होंगे. वहीं बुधवार को होलसेल महंगाई के आंकड़े जारी होंगे.
ग्लोबल संकेत तय करेंगे बाजार की दिशा
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा कि यह हफ्ता ग्लोबल संकेतों के लिहाज से काफी अहम है. क्योंकि इस दौरान अमेरिकी महंगाई के आंकड़े और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों की समीक्षा के फैसले आएंगे. बाजार के लिहाज से ये सबसे महत्वपूर्ण घटनाएं होंगी.
महंगाई और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आएंगे आंकड़े
संतोष मीणा ने आगे कहा कि घरेलू मोर्चे पर देखें तो इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) और रिटेल महंगाई के आंकड़े 12 दिसंबर को आएंगे. जबकि होलसेल महंगाई के आंकड़े 14 दिसंबर को जारी किए जाएंगे. इसके अलावा चीन से आने वाली खबरें, कच्चे तेल की कीमतों का उतार-चढ़ाव और डॉलर इंडेक्स समेत अन्य पर भी नजर होगी.
विदेशी निवेशकों के रुख रहेगी नजर
उन्होंने आगे कहा कि इंस्टीट्यूशन फ्लो पर भी नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि पिछले हफ्ते में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने नेट बिकवाली की थी. डिपॉजिटरी आंकड़ों के मुताबिक बीते हफ्ते FIIs ने कुल 4,305.97 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की थी. बता दें कि पिछले हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अस्थिरता संकेतक जोड़ें ने महंगाई को संतोषजनक स्तर पर लाने के लिए रेपो दर में 0.35 फीसदी की और बढ़ोतरी की थी।.
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क्रूड में उतार-चढ़ाव से बनी दिक्कतें
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि RBI ने उम्मीद के मुताबिक नीतिगत दरों में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जबकि आगामी बैठक में दरों में और वृद्धि का संकेत दिया है. नायर ने कहा कि रूसी तेल पर नए प्रतिबंधों के चलते ग्लोबल ऑयल मार्केट में अस्थिरता बढ़ी है. पिछले हफ्ते BSE सेंसेक्स 686.83 अंक या 1.09 फीसदी टूटा था। नतीजतन, शुक्रवार को सेंसेक्स 62,181.67 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 18,496.6 अंक पर बंद हुआ था.
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