लंबी अवधी के लिए लगाएं दांव
शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स बताते है कि शेयर बाजार में आप जितने कम समय के नजरिए से पैसे लगाते हैं, आपका जोखिम उतना ही अधिक होता है. अगर आप किसी शेयर में कुछ घंटों या कुछ दिनों के लिए पैसे लगा रहे हैं, तो यह जुए की तरह है, यानी शेयर बाजार में जोखिम कम करने का सबसे पहला तरीका यह है कि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें. यहां लंबी अवधि कहने से मतलब है कम से कम तीन साल. इससे अधिक आप कितने साल तक बने रहते हैं, यह आपकी इच्छा पर निर्भर है.
Crypto Market Crash: बिटक्वाइन-इथेरियम समेत टॉप-10 करेंसी में आई भयंकर गिरावट, इतना घट गया मार्केट कैप
By: ABP Live | Updated at : 08 May 2022 09:28 AM (IST)
Crypto Market Crash: शनिवार का दिन क्रिप्टो मार्केट (Crypto Market) में निवेश करने वालों के लिए भारी नुकसान भरा रहा. निवेशकों ने जहां भी पैसा डाला वहां से उन्हें घाटा ही उठाना पड़ा. टॉप-10 क्रिप्टो करंसी समेत ज्यादातर डिजिटल करेंसी के भाव में गिरावट दर्ज की गई है. यही नहीं अलावा क्रिप्टो मार्केट का वैश्विक पूंजीकरण कम होकर1.65 खरब डॉलर हो गया है.
आंकलन के मुताबिक इसमें बीते 24 घंटे के भीतर 0.92 फीसदी की गिरावट आई है. साथ ही इस अवधि में क्रिप्टो बाजार का वॉल्यूम 17.85 फीसदी घटकर 93.61 अरब डॉलर रह गया है.
इथेरियम में बड़ा घाटा
टॉप-10 लिस्ट में शामिल सभी क्रिप्टोकरेंसी सात मई को लाल निशान पर कारोबार करती देखी गईं. एक ओर जहां दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन का दाम बीते 24 घंटे में खबर लिखे जाने तक 1.99 फीसदी टूटकर 29,04,386 रुपये पर आ गया था. वहीं बिटक्वाइन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे पसंदीदा क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम में भी सबसे ज्यादा गिरावट आई. इसका भाव इस अवधि में 3.51 फीसदी कम होकर 2,16,000 रुपये रह गया.
Cryptocurrency में निवेश से पहले इन 5 बातों का रखें विशेष ध्यान
- Money9 Hindi
- Updated On - March 4, 2022 / 04:37 PM IST
पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर निवेशकों में, खासकर युवा निवेशकों में क्रेज काफी बढ़ा है. जैसे-जैसे इसकी स्वीकार्यता बढ़ रही है, क्रिप्टो स्कैम (Crypto Scam) भी बढ़ रहे हैं. अभी तक अपने देश में इसे रेग्युलेट नहीं किया गया है. ऐसे में किसी भी डिजिटल असेट (Digital Currency) को लेकर किए जा रहे विज्ञापन पर आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए. एडवर्टाइजिंग काउंसिल ASCI ने इस संबंध में एक गाइडलाइन भी जारी है. गाइडलाइन के मुताबिक, 1 अप्रैल 2022 से क्रिप्टो और दूसरे डिजिटल असेट्स के विज्ञापनों के लिए डिस्क्लेमर डालना जरूरी है. डिस्क्लेमर में लिखा होगा कि डिजिटल करेंसी अभी भारत में रेग्युलेटेड नहीं है और इसमें निवेश करना खतरनाक है.
Bitcoin से जल्दी यहां डबल होंगे पैसे, आप भी आजमाएं ये तरीका
आपको बता दें कि हाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बिटकॉइन को Bitcoin में निवेश क्यों करना चाहिए? मान्यता देने का कोई इरादा नहीं है. वहीं, RBI ने भी बिटकॉइन के जोखिम को लेकर चेतावनी जारी की है.
- बिटक्वाइन की एक यूनिट की कीमत 14 हजार डॉलर के स्तर पर
- भारतीयों को बिटकॉइन खरीदने के 9.10 लाख रुपए खर्च करने होंगे
- RBI ने भी बिटकॉइन के जोखिम को लेकर चेतावनी जारी की है
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वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Bitcoin में निवेश क्यों करना चाहिए? Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
एलटीएच के अपने पदों से हटने के बावजूद बीटीसी धारकों को चिंता क्यों नहीं करनी चाहिए
द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार नीनो से क्रिप्टो क्वांट की कीमतें Bitcoin [BTC] के बाद उच्च अस्थिरता का सामना करना पड़ा भाकपा और एफओएमसी. इसके बाद, इसके दीर्घावधि उत्पादन लाभ अनुपात में एक प्रमुख उछाल देखा गया। इसने सुझाव दिया कि कई दीर्घकालिक बिटकॉइन धारकों ने अपनी स्थिति बेच दी और मुनाफा लिया।
हालाँकि, भले ही दीर्घकालिक धारकों ने बीटीसी में अपना विश्वास खो दिया हो, खुदरा निवेशकों ने राजा सिक्का खरीदने में रुचि दिखाई है छूट पर।
नया पैसा, पुराना सिक्का
ग्लासनोड द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों के आधार पर, यह देखा गया कि पिछले कुछ महीनों में 0.1 कॉइन रखने वाले पतों की संख्या में वृद्धि हुई है और यह 4.16 मिलियन पतों के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
एक ही समय अवधि के दौरान, एक सिक्का रखने वाले पते एक पर पहुंच गया सबसे उच्च स्तर पर भी। इसने सुझाव दिया कि भले ही लंबे समय के धारक अपने पदों से बाहर हो गए हों, नए व्यापारी और निवेशक अभी भी अधिक बिटकॉइन खरीदने के इच्छुक थे।
हालांकि, सभी प्रकार के निवेशकों की बढ़ती रुचि के बावजूद, बिटकॉइन के नेटवर्क पर गतिविधि में गिरावट आई है।
सेंटिमेंट द्वारा एकत्र किए गए डेटा से पता चला है कि दैनिक सक्रिय पते चालू हैं Bitcoinका नेटवर्क पिछले एक सप्ताह में काफी कम हो गया। साथ ही, बीटीसी की गति भी गिर गई। यह इंगित करता है कि जिस आवृत्ति के साथ बिटकॉइन का पतों के बीच आदान-प्रदान किया जा रहा था, उसमें गिरावट आई थी।
बिटकॉइन का ‘ट्रेड’ मार्क
कॉइनग्लास द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, बिटकॉइन पर लंबे समय तक रहने वाले व्यापारियों की संख्या में भौतिक रूप से वृद्धि हुई थी। 16 दिसंबर के बाद, बिटकॉइन के लिए लंबी पोजीशन की संख्या बढ़ने लगी। प्रेस समय में, बिनेंस के 63% शीर्ष व्यापारियों ने इसके पक्ष में लंबी स्थिति ली थी Bitcoin.
हालांकि व्यापारी आने वाले भविष्य में लाभ कमा सकते हैं, बीटीसी धारकों को अभी भी लाभ कमाने के लिए इंतजार करना होगा।
बिटकॉइन की गिरती कीमतों के कारण, सिक्के का बाजार मूल्य वास्तविक मूल्य (एमवीआरवी) अनुपात में गिरावट आई है। इसका तात्पर्य यह Bitcoin में निवेश क्यों करना चाहिए? है कि यदि बीटीसी धारकों ने बेचने का निर्णय लिया, तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा।
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