पगड़ीधारी सिख को पहली बार कनाडा के ब्रैम्पटन का उप मेयर किया गया नियुक्त
हरकीरत सिंह 2022-2026 तक चार साल की अवधि के लिए कनाडा के ब्रैम्पटन शहर के डिप्टी मेयर के रूप में नियुक्त होने वाले पहले पगड़ीधारी सिख बन गए हैं। सिंह काउंसिल और अन्य समिति की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
टोरंटो, एजेंसी। हरकीरत सिंह 2022-2026 तक चार साल की अवधि के लिए कनाडा के ब्रैम्पटन शहर के डिप्टी मेयर के रूप में नियुक्त होने वाले पहले पगड़ीधारी सिख बन गए हैं। उन्होंने 2018-2022 तक वार्ड 9 और 10 के लिए ब्रैम्पटन के सिटी काउंसिलर के रूप में काम किया है। डिप्टी मेयर के रूप में, सिंह काउंसिल और अन्य समिति की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे और मेयर की अनुपस्थिति या अनुपलब्ध होने पर मेयर की ओर से औपचारिक और नागरिक कार्यक्रम कर्तव्यों को निभाएंगे।
ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने कहा, मुझे गर्व है कि काउंसलर हरकीरत सिंह इस टर्म आफ काउंसिल के डिप्टी मेयर के रूप में काम कर रहे हैं। वह एक समर्पित, मेहनती काउंसलर हैं और ब्रैम्पटन के लिए जो सबसे अच्छा है उसे देने में सक्षम हैं।
ब्राउन ने ब्रैम्पटन सिटी काउंसिल की एक विज्ञप्ति में कहा, काउंसलर के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में प्रवेश कर रहे हैं, और इससे पहले एक स्कूल ट्रस्टी की भूमिका निभा रहे हैं, वह कई लोगों के लिए एक ज्ञात और भरोसेमंद निर्वाचित अधिकारी हैं, मुझे विश्वास है कि वे ब्रैम्पटन शहर का अच्छी तरह मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं से प्रतिनिधित्व और सेवा करेंगे। सिटी काउंसलर के रूप में अपनी भूमिका से पहले, सिंह ने पील डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड में स्कूल ट्रस्टी के रूप में चार साल का कार्यकाल पूरा किया है। एक ट्रस्टी के रूप में, वह आडिट कमेटी, इंस्ट्रक्शनल प्रोग्राम / करिकुलम कमेटी और फिजिकल बिल्डिंग एंड प्लानिंग कमेटी में बैठे।
सिंह ने कहा, इस टर्म काउंसिल के डिप्टी मेयर के रूप में मेरे परिषद के सहयोगियों द्वारा नियुक्त किया जाना एक सम्मान की बात है। ब्रैम्पटन में हमारे सामने जो अवसर है, उसके साथ मैं अपने शहर को आगे बढ़ाने के दौरान समुदाय को प्राथमिकता देने में मेयर ब्राउन और पार्षदों का समर्थन करने के लिए उत्साहित और गर्व महसूस कर रहा हूं।
डिप्टी मेयर की स्थिति अप्रैल 2022 में सिटी ऑफ ब्रैम्पटन द्वारा स्थापित की गई थी, और इसे पूर्व और पश्चिम भागों में विभाजित किया गया था। सिंह ओंटारियो पब्लिक स्कूल बोर्ड एसोसिएशन (OPSBA) में क्षेत्रीय प्रतिनिधि भी थे।
एक ट्रस्टी के रूप में अपनी भूमिका के साथ, उन्होंने लैंबटन कालेज में प्रोफेसर के रूप में ढाई साल और हंबर कालेज में मार्केटिंग पढ़ाने वाले प्रोफेसर के रूप में दो साल बिताए हैं। उद्यमिता, सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने के लिए, सिंह स्थानीय स्कूलों में मेंटरशिप वर्कशाप और करियर फेयर चलाते हैं।
2016 में युवाओं के साथ उनके काम के लिए उन्हें ब्रैम्पटन बोर्ड आफ ट्रेड द्वारा मेंटरशिप अवार्ड के लिए नामांकित किया गया था। उन्होंने बी.ए. टोरंटो विश्वविद्यालय से, जहां उन्होंने अर्थशास्त्र और लोक प्रशासन में पढ़ाई की।
वह एम.एससी. लंदन मेट्रोपालिटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में और मार्केटिंग, उद्यमिता और संगठनात्मक व्यवहार में विशेषज्ञता के साथ शुलिच स्कूल आफ बिजनेस से एमबीए किया है।
क्या बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार भारतीय नागरिक नहीं हैं ?
अप्रैल 2016 में कई भारतीयों को पहली बार पता चला कि अक्षय कुमार कनाडाई नागरिक हैं और उनके पास कनाडा का पासपोर्ट हैं.
अभिषेक आनंद
- नई दिल्ली,
- 12 जनवरी 2017,
- (अपडेटेड 16 मार्च 2017, 6:20 PM IST)
बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार के सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियोज पर गौर करे तो एक बात खास है कि वे आखिर में जय हिन्द कहना नहीं भूलते. हाल ही में जब बंगलुरू की घटना पर अक्षय ने अपनी राय रखी तब भी उन्होंने ऐसा ही किया. जाहिर है इस बात से ये साबित होता है कि अक्षय 'अपने देश' से कितना प्यार करते हैं.
लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि कई बॉलीवुड फिल्मों में देशभक्त की भूमिका निभाने वाले अक्षय कुमार 'भारतीय नागरिक' नहीं हैं. अक्षय कुमार कनाडाई नागरिक हैं.
हालांकि, अक्षय के बारे में ये जानकारी पहले ही मीडिया में पब्लिश हुई है. पहला, अप्रैल 2016 में यह खबर आई थी कि अक्षय को इंग्लैंड के हीथ्रो एयरपोर्ट पर उन्हें रोक दिया गया. तभी कई भारतीय लोगों को पहली बार पता चला कि वे एक कनाडाई नागरिक हैं और उनके पास कनाडा का पासपोर्ट है.
दूसरा, 'रुस्तम' फिल्म की रिलीज पर भी इंडिया टुडे में यह बात पब्लिश हुई थी कि फिल्म के किरदार कमांडर केएम नानावती की तरह अक्षय कुमार भी कनाडाई नागरिक हैं. बावजूद इसके उनके काफी फैन्स इसके वाकिफ नहीं हैं.
दूसरे देश की नागरिकता लेने पर रद्द हो जाती है भारत की सिटिजनशिप
The economist में छपी एक पुरानी रिपोर्ट में अक्षय कुमार ने कहा था कि उनके पास ड्यूअल सिटिजनशिप है. लेकिन भारतीय कानून के तहत कोई भारतीय दो देशों का एक साथ नागरिक नहीं हो सकता. दूसरे देश की नागरिकता लेते ही भारतीय सिटिजनशिप खारिज हो जाती है. Consulate General of India की एक वेबसाइट के मुताबिक, साथ ही ऐसा करने वाले को अपना भारतीय पासपोर्ट अनिवार्य तौर पर जमा भी कराना पड़ता है. ऐसा नहीं करने पर फाइन का भी प्रावधान है.
क्या सोचते हैं अक्षय कनाडा के बारे में
एक प्रतिष्ठित पत्रिका को दिए इंटरव्यू में अक्षय ने कहा था- 'मैं इस जगह को (कनाडा) को सच में प्यार करता हूं, खुली जगह, खूबसूरत वादी, चौड़ी और साफ सड़कें. ये भारत से बिल्कुल उल्टा है. लेकिन मैं भारत को भी प्यार करता हूं. मैं कनाडा की विंड्सर यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री लेकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं.'
वोटिंग का अधिकार नहीं
हालांकि, कनाडाई नागरिकता लेने के बाद अक्षय कुमार 'ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया' हो सकते हैं. हालांकि, 'ओवरसीज सिटिजन' को भारत में आजीवन रहने का अधिकार तो मिलता है, लेकिन वोट देने या फिर चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होता.
घर खरीदने पर आपको कितना पैसा खर्च करना चाहिए?
घर की कीमत में सिर्फ विज्ञापन वाला मूल्य ही शामिल नहीं है, इसके बाद भी बहुत से खर्च होते हैं.
कई बार बढ़िया घर खरीदने के चक्कर में मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं आप अपना बजट बिगाड़ लेते हैं. घर की कीमत में सिर्फ विज्ञापन वाला मूल्य ही शामिल नहीं है, इसके बाद भी बहुत से खर्च होते हैं.
देश के टॉप शहरों में आप क्या अफोर्ड कर सकते हैं?
डाउन पेमेंट के लिए बचत करने में आपको लगेंगे इतने साल
*यहाँ हमने टैक्स चुकाने से पहले की आमदनी आठ लाख रुपये और बचत की दर 25% मानी है. इसके साथ ही बचत पर ब्याज दर 10% मानी गई है.
इन शहरों में आप एक लाख रुपये में कितनी जगह खरीद सकते हैं.
यह वैल्यू 1000 वर्ग फीट के रेडी टू मूव फ्लैट के हिसाब से है. शहर में प्रॉपर्टी की औसत कीमत के लिए अर्थयंत्र के विश्लेषण का इस्तेमाल किया गया है.
ड्रीम हाउस या पैसे को देखें
विशेषज्ञों के मुताबिक घर खरीदने वाले लोगों की धारणा में पिछले कुछ सालों में काफी बदलाव आया है. बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा, 'अब युवाओं के लिए घर सिर्फ घर नहीं है. यह खुद को व्यक्त करने का एक जरिया बन गया है.'
उनके मुताबिक अब युवा घर खरीदने के लिए बहुत सी चीजों पर गौर करते हैं.
नाईट फ्रैंक इंडिया के डायरेक्टर (चेन्नई) कंचन कृष्ण ने कहा, 'बढ़ती आमदनी की वजह से युवा अब अधिक सुविधाओं वाले घर में रुचि लेता है. इसके साथ ही बैंक अब घर के लिए लोन देने में भी अधिक उदार हैं.'
ईटी वेल्थ के एक सर्वे में पता लगा है मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं कि हर तीन घर खरीदार में से एक अपनी बचत का 50% मकान के लिए डाउन पेमेंट में गंवा देता है.
अर्थ यंत्र के एक विश्लेषण में पता लगा है कि देश के बड़े शहरों में घर खरीदने के लिए डाउन पेमेंट काफी करना होता है. इसके लिए आपको पहले से बचत करने की जरूरत है. मुंबई जैसे शहर में आपको डाउन पेमेंट की व्यवस्था करने में ही 12 साल लग जाते हैं. दिल्ली और चेन्नई में यह समय सात साल है.
समस्या सिर्फ डाउन पेमेंट की ही नहीं है. इसके बाद मासिक क़िस्त भी आपकी आर्थिक स्थिति पर दबाव बना देती है. होम इंश्योरेंस का प्रीमियम अलग से आता है.
ज्यादा बढ़िया सोसाइटी में घर लेने पर मेंटेनेस का खर्च भी 8000-10,000 रुपये महीने का होता है.
वाइज इन्वेस्ट एडवाइजर के हेमंत रुस्तगी ने कहा, 'अगर आप किसी बेहतर लोकेशन पर जाते हैं तो आपके रहने-सहने का खर्च भी बढ़ता है. घर के इंटीरियर और बाहरी सजावट पर खर्च भी घर के खर्च में ही शामिल है.'
पैसे की पूरी कीमत वसूल करना
प्रॉपर्टी बेचने के समय के बारे में मकान की कीमत को लेकर कोई भ्रम नहीं पालें. बाजार की अभी की स्थितियों में इस सेक्टर में तरलता की भी कमी है. इसका मतलब है कि अगर आप अपना घर बेचना चाहते हैं तो इसमें आपको खरीदार तलाशने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
रुस्तगी ने कहा, 'प्रीमियम हाउसिंग सेगमेंट में पैसे की काफी दिक्कत है.' बन रहे मकान खरीदने वाले लोगों के साथ दूसरी समस्या है. प्रोजेक्ट पूरा होने में लगने वाले समय का कोई अंदाजा नहीं होता.
क्या इतनी मुश्किलों का सामना करना सही है?
मध्य आय वर्ग के किसी व्यक्ति के लिए सभी मुश्किलों से पार पाने के बाद भी बहुत से समझौते करने पड़ते हैं. बड़े घर, बेहतर लोकेशन के बाद नया लाइफ स्टाइल भी अपना ही लिया जाय, जरूरी नहीं होता.
एनारॉक प्रॉपर्टी कन्सल्टेंट के अनुज पुरी ने कहा, 'आप प्रदूषण मुक्त और साफ़ सुथरे इलाकों में जा सकते हैं, लेकिन वहां आपको बिजली-पानी जैसे समस्या का सामना करना पड़ सकता है. इस तरह के घर वैल्यू के हिसाब से भी सही नहीं होते.'
व्यावहारिक नजरिया अपनाएं
घर ढूंढने से पहले ठंडे दिमाग से सोचें. पूरी मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं ने कहा, 'आपके लिए आदर्श घर बिना अधिक समझौते के आराम पहुंचाने वाला होना चाहिए. इसके साथ ही इसकी रीसेल वैल्यू ठीक होनी चाहिए. आप किसी एक या दो चीज पर ध्यान देंगे तो ठीक रहेगा.'
अपनी प्राथमिकताओं को दिमाग में रखें और व्यावहारिक दिक्कतों का ध्यान रखते हुए अपने लिए घर ढूंढें. सही कीमत और बेहतर सुविधा वाला घर आपकी जेब के साथ आपके दिमाग को भी हल्का रखेगा.
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Koffee With Karan 7: 'कनाडा कुमार' कहे जाने पर अक्षय कुमार ने किया रिएक्ट, बताया- कब हुए थे सबसे ज्यादा ट्रोल
बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार कॉफी विद करण 7 के तीसरे एपिसोड में समांथा रुथ प्रभू के साथ पहुंचे, जहां उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए। अक्षय ने कनाडा कुमार कहे जाने मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं पर भी किया रिएक्ट।
- करण जौहर के शो कॉफी विद करण 7 में पहुंचे अक्षय कुमार।
- अक्षय ने किया कनाडा कुमार कहे जाने पर रिएक्ट।
- मालूम हो कि अक्षय शो में एक्ट्रेस समांथा रुथ प्रभू के साथ पहुंचे थे।
करण जौहर के शो कॉफी विद करण की शुरुआत हो चुकी है और इस सीजन को भी पिछल सभी सीजन की तरह काफी पसंद किया जा रहा है। शो के तीसरे एपिसोड में बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार और एक्ट्रेस समांथा रुथ प्रभू पहुंचीं। इस दौरान दोनों स्टार्स ने अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बारे में खुलकर बात की।
अक्षय कुमार ने ट्रोलिंग पर की बात
शो में करण ने अक्षय से पूछा कि क्या वो कभी सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए हैं? इसके जवाब में अक्षय ने उस समय को याद किया जब उन्होंने कनेडा की सिटिजनशिप के लिए अप्लाई किया था और साल 2019 में लोकसभा चुनाव में वोट नहीं डाला था।
इस बारे में अक्षय ने कहा, 'ज्यादा से ज्यादा वो कनाडा के बारे में लिखते हैं, जिसकी मुझे परवाह नहीं है।' इसपर करण जौहर ने कहा कि ट्रोलर उन्हें कनाडा कुमार बुलाते हैं, इस पर अक्षय ने जवाब दिया, 'हां कनाडा कुमार। ठीक है, मुझे वो कहो।'
कम उम्र की एक्ट्रेसेस संग काम करने पर ट्रोलिंग?
शो में करण ने अक्षय से पूछा कि क्या कम उम्र की एक्ट्रेसेस के साथ काम करने को लेकर उन्हें लोगों की प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ता है? इसके जवाब में अक्षय ने कहा, 'वो जलते हैं। मुझे क्यों काम नहीं करना चाहिए? मैं उनके साथ काम कर सकता हूं। लगता हूं क्या 55 का?'
टाइगर श्रॉफ के बारे में कही ये बात
करण ने अक्षय से पूछा कि नए एक्टर्स में से अगर किसी के साथ उन्हें 'खिलाड़ी' टाइटल शेयर करना हो तो किसके साथ करेंगे? इसपर अक्षय ने टाइगर श्रॉफ का नाम लिया।
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वर्कफ्रंट
अक्षय कुमार के वर्कफ्रंट की बात करें तो वो आनंद एल राय की फिल्म रक्षाबंधन में भूमि पेडनेकर के साथ नजर आएंगे। फिल्म 11 अगस्त को रिलीज होगी। इसके अलावा वो राम सेतू, गोरखा और सेल्फी जैसी फिल्मों में दिखेंगे।
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